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रक्त के बारे में जानकारी हिंदी में | Information On Blood In Hindi

रक्त के बारे में जानकारी हिंदी में | Information On Blood In Hindi: रक्त जिसे आम भाषा में हम ब्लड अथवा खून (khun meaning in hindi) भी कहते हैं. आज के इस आर्टिकल में हम खून के बारे में, रक्त के कार्य (function of blood) तथा blood group chart के बारे में आपसे बात करने वाले हैं.
रक्त के बारे में जानकारी हिंदी में | Information On Blood In Hindi

Information On Blood Hindi Wikipedia (रक्त इन हिंदी)

मानव जीवन के लिए (importance of blood in hindi language) यह अति महत्वपूर्ण हैं. चोट या दुर्घटना में व्यक्ति का रक्त बह जाने से मृत्यु भी हो जाती हैं. अतः रक्त की कमी होने वाले व्यक्ति को रक्तदान (Blood donation) दवारा इसकी पूर्ति की जाती हैं.

blood meaning in Hindi:- रुधिर एक संयोजी ऊतक (Connective tissue) हैं. मानव शरीर के कुल भाग का लगभग 1/12 भाग लगभग 4-5 लीटर रुधिर होता हैं. हिवेरिन रुधिर को नलिकाओं में जमने थक्का बनने से रोकता हैं.

रक्त जिसे हम लहू या खून भी कहते है. ये शरीर की कोशिकाओ ओर अंगो में निरंतर बहता रहता है. खून दृव्य अवस्था में होता है. जो कही चिपचिपा तो कही गाथा अवस्था में भी देखा जा सकता है.

रक्त हमारे शरीर को उर्जा प्रदान करता है. पाचन क्रिया सम्पन्न होने के पश्चात रक्त हानिकारिक पदार्थो को उत्सर्जित कर देता है. जिससे हमारा शरीर स्वस्थ रहता है

रक्त में उपस्थित कणिकाए ऑक्सीजन को ग्रहण करती है. और शरीर के सभी भागो तक पहुंचाती है. तथा कार्बन को सभी अंगो से प्राप्त कर बाहर छोड़ देती है.

रक्त की श्वेत कणिकाए हमारे शरीर के जीवाणुओं से लड़कर हमारी रक्षा करता है. जिस कारण श्वेत रक्त कणिकाओ को सैनिक कणिकाए कहते है. ये हमारी रक्षा करती है.

एक स्वस्थ व्यक्ति के शरीर में लगभग 5 लीटर रक्त होता है. इस रक्त को सरलता से प्रत्यारोपित किया जा सकता है. कुछ लोग रक्त को दान भी करते है. जो सबसे बड़ा धर्म माना जाता है.

सभी वर्गों के रक्त को अलग अलग रखा जाता है. जिससे पेशेनजर को रक्त से कोई परेशानी नहीं होती है. एक स्वस्थ व्यक्ति और समान वर्ग का रक्त व्यक्ति का जीवन बचा सकता है.

वही कभी कभी बिमारिग्रस्त व्यक्ति का रक्त किसी की जान का कारण भी बन सकता है. इसलिए रक्त का आदान प्रदान सावधानीपूर्वक करना ही उचित है. मानव रक्त का ph मान 7.4 होता है. जो क्षारीय होता है.

रक्त की संरचना-blood structure in hindi

  • प्लाज्मा 55% : यह हल्के पीले रंग का होता हैं. इसका 92 प्रतिशत भाग जल होता हैं.
  • रुधिर कोधिकएं (45% ये निम्न होती हैं)
  1. लाल रक्त कणिकाएं या इरिथ्रोसाइट्स (Red blood corpuscles)- ये केन्द्रक विहीन कोशिकाएं हैं जो वृताकार व तश्तरी के आकार की होती हैं. इसमें लौहयुक्त प्रोटीन का यौगिक हीमोग्लोबिन होता हैं. जिसके कारण रुधिर का रंग लाल होता हैं. हीमोग्लोबिन ऑक्सीजन को फेफड़ों से ऊतकों तक तथा कार्बन डाई ऑक्साइड को ऊतकों से फेफड़ों तक ले जाता हैं. लाल रक्त कणिकाओं का निर्माण अस्थि मज्जा (bone marrow) में होता हैं. हीमोग्लोबिन की कमी से रक्तहीनता (एनीमिया) रोग हो जाता हैं. RBC का जीवनकाल 120 दिन होता हैं.
  2. श्वेत रक्त कणिकाएं या ल्यूकोसाइट्स (White blood corpuscles)- ये कोशिकाएं केंद्र युक्त व आकार में लाल रक्त कणिकाओं से बड़ी होती हैं. इसका कार्य शरीर में रोग प्रतिरोधक शक्ति उत्पन्न करना हैं, इन्हें रक्त तन्त्र का अभिभावक भी कहा जाता हैं. इनकी उत्पत्ति भी अस्थिमज्जा व लसिका कोशिकाओं में होती हैं. कुछ श्वेत कणिकाएं तिल्ली में भी बनती हैं. इनका जीवनकाल सामान्यतः 7 दिन का होता हैं. ये पांच प्रकार की होती हैं.
  • लिफोसाईटस
  • न्युट्रोफिल
  • बेसोफिल
  • इयोसिनोफिल
  • मोनोसाईट- ये सबसे बड़ी रक्त कणिका हैं.
3. प्लेटलेट्स या थोम्ब्रोसाइट्स (Platelets or thomerocytes)- ये केन्द्रक विहीन कोशिकाएं हैं. जो रुधिर का थक्का बनने में मदद करती हैं. रुधिर फाइब्रिन की मदद से जमता हैं. इनका जीवन 2-3 दिन का होता हैं. 

रुधिर वर्ग (blood group in hindi)

रुधिर वर्ग का वर्गीकरण जर्मन विज्ञानी कार्ल लैंडस्टीनर ने किया. लैंडस्टीनर ने रुधिर को निम्न भागों में बाटा.

वर्ग                एंटीजन         एंटीबॉडी     रोगी को दिया जाने वाला वर्ग       किसको दे सकता हैं.
A                   A B                 A,O             A और AB                                      --
B                   B A                 B,O             B और AB                                      AB
AB                AB                  कोई नही      A,B, AB, O (सार्वत्रिक ग्राही)           AB
O                  कोई नही           A B             O                                                   सभी को सार्वत्रिक दाता 

Interesting Facts about Blood in Hindi

रुधिर के एंटीजन लाल रक्त कणिकाओं की सतह पर तथा एंटीबॉडी सीरम या प्लाज्मा में पाए जाते हैं.

 आर एच कारक (rh factor in hindi)

रुधिर में मिलने वाला एक एंटीजन. इस एंटीजन को सर्वप्रथम एक रीसस बन्दर में खोजा गया, इसलिए इस कारक का नाम आर एच रखा गया. जिन व्यक्तियों में यह कारक होता हैं उन्हें आर एच धनात्मक (RH+VE) कहते हैं. 

और जिनमें यह कारक अनुपस्थित होता हैं. उन्हें आर एच ऋणात्मक (RH-VE) कहते हैं. यदि माँ आर एच ऋणात्मक व पिता आर एस धनात्मक हो तो बच्चें आर एच धनात्मक होते हैं.

ऐसी स्थिति में प्रथम आर एच धनात्मक बच्चें पैदा होने के बाद अन्य संताने रुधिर अपघटन के कारण नवजात अवस्था में ही मर जाती हैं. इससे बचने के लिए प्रथम गर्भधारण  लो अवस्था में माता को एंटी आर एच प्रतिरक्षी दिए जाते हैं. 
  • रुधिर का थक्का बनना (BLOOD CLOTTING or COAGULATION OF BLOOD)- रुधिर में उपस्थित घुलनशील प्रोटीन फाइब्रिनोजन रुधिर का थक्का बनाने में सहायक होता हैं. और अधिक रुधिर बहने से रोकता हैं.
  • प्लीहा (SPLEEN)- को रुधिर बैंक एवं आरबीसी का कब्रिस्तान कहा जाता हैं.
  • लाल अस्थि मज्जा में RBC का निर्माण होता हैं. भ्रूणीय अवस्था में यह यकृत एवं प्लीहा में होता हैं.
रक्त के कार्य
  • ऑक्सीजन को शरीर के सभी ऊतको तक पहुँचाना.
  • शरीर का तापमान नियन्त्रण में बनाए रखना.
  • ph मान पर संतुलन बनाए रखना.
  • हार्मोन्स,वायु,तथा पर्दाथो का आदान प्रदान.
  • प्रतिरक्षात्मक
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