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बाजरा पर निबंध Essay On Bajra In Hindi

बाजरा पर निबंध Essay On Bajra In Hindi- नमस्कार दोस्तों आप सभी का स्वागत है, आज के हमारे इस आर्टिकल में जिसमे हम भारतीय किसानो की प्रमुख फसल तथा खाद्यान्न बाजरा के बारे में विस्तृत रूप से अध्ययन करेंगे.

बाजरा एक खरीफ की फसल है. यह किसानो द्वारा मानसूनी वर्षा होने पर उगाया जाता है. राजस्थान और गुजरात में इसे सबसे अधिक उगाया और खाया जाता है. यह यहाँ का प्रमुख खाद्यान्न बन चूका है.

बाजरा पर निबंध Essay On Bajra In Hindi 

बाजरा एक मुख्य खरीफ फसल है जो घास की लम्बी बालियों की भांति एक छोटा पौधा होता हैं जिसमें हरे रंग के छोटे छोटे दाने फल के रूप में लगते हैं. बाजरा अथवा बाजरी की गिनती मोटे अनाज के रूप में की जाती हैं भारत के उत्तरी, दक्षिण एवं पश्चिम भाग के लोगों का मुख्य आहार बाजरा ही हैं.

बाजरा यानी जिसे हम विज्ञान की भाषा में Pennisetum glaucum कहते है. यह हमारे देश के मानसूनी किसानो के लिए प्रमुख फसल है. जो जीविका के लिए उगाया जाता है. यह प्राय चार महीनो में पक जाती है.

राजस्थान में देश के सर्वाधिक बाजरा का उत्पादन होता हैं. मोटे अनाज में भारत में उगाए जाने वाले धानों में बाजार का उत्पादन क्षेत्र सर्वाधिक हैं. प्राचीन काल से भारतीय उपमहाद्वीप में बाजरे की खेती की जाती हैं.

इस फसल का मूल स्थान अफ्रीका में माना जाता हैं. बाद में यह भारत में भी उगाया जाने लगा. भारत में 2000 ईसा पूर्व से बाजरे की कृषि किये जाने के प्रमाण मिलते हैं. 

बाजरा एक ऐसी फसल है जो सूखे व बंजर भूमि में भी उगाई जा सकती हैं उष्णकटिबंधीय क्षेत्र जहाँ अधिक ताप तथा कम वर्षा होती हैं. ऐसे क्षेत्रों में बाजरा की खेती की जा सकती हैं. दुनिया भर में 260 वर्ग किमी क्षेत्र में बाजरे की कृषि की जाती हैं. मोटे अनाज के कुल उत्पादन का आधा भाग बाजरा हैं.

ज्वार की तरह ही बाजरे की कृषि की जाती हैं वर्षा की शुरुआत जुलाई अगस्त में इसकी बुवाई की जाती है तथा शीत ऋतु की शुरुआत में कटाई कर ली जाती हैं. सिंचाई करने अथवा अलग से खाद देने की विशेष आवश्यकता नहीं होती हैं.

बाजरे की कृषि के लिए दो बार जमीन जोतकर बीज बौ दिए जाते हैं बुवाई के 15-20 दिनों के बाद एक बार बार निराई की आवश्यकता पड़ती हैं. 

भारत में राजस्थान की बलुई मिट्टी में बाजरे की अच्छी पैदावार होती हैं. बाजरे का अधिकतर उपयोग रोटी बनाने के लिए किया जाता हैं. महीन आटा पीसकर रोटी अथवा खीर भी बनाई जाती हैं.

राजस्थान में बाजरे की रोटी एक पारम्परिक भोजन है. इस मोटे अनाज में सोडियम, प्रोटीन, फाइबर, कार्बोहाइड्रेट प्रचुर मात्रा में पाए जाते हैं. यह पाचन को मजबूत बनाता है तथा पेट दर्द व पेट की गैस की समस्या को खत्म कर देता हैं. आयरन की कमी दूर कर बाजरा एनीमिया की बिमारी को कम कर देता हैं.

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