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खुशी पर निबंध | Essay on Happiness in Hindi

खुशी पर निबंध – Essay on Happiness in Hindi : हम आपका हार्दिक स्वागत करते है यहाँ स्टूडेंट्स के लिए सरल भाषा में ख़ुशी प्रसन्नता पर निबंध भाषण स्पीच दिया गया हैं. जीवन में ख़ुशी का महत्व कार्य तथा अर्थ के बारें में यहाँ हम विस्तार से जानेगे.

ख़ुशी पर निबंध | Essay on Happiness in Hindi

नमस्कार दोस्तों खुशी का कार्य और जीवन में महत्व आर्टिकल के माध्यम से यह बताने का प्रयास किया गया है कि व्यक्ति के जीवन में  खुशी  का कितना महत्व है  यह किस प्रकार से व्यक्ति के कार्यों को प्रभावित करती है तथा असंभव सी दिखने वाले कार्यों को संभव बना दे देती है.

ख़ुशी यानी मानसिक और शारीरिक आनन्द की अवस्था में होना ही ख़ुशी है. जब व्यक्ति किसी कार्य या किसी स्थिति के कारण आनंद महसूस करता है, तो हम उसे ख़ुशी नाम देते है.

ख़ुशी मिलना या न मिलना किसी पर निर्भर नही होता है, कई लोग बात बात पर खुश हो जाते है, तो कई लोग सालो सालो तक खुश नजर नही आते है. इसलिए ख़ुशी एक अवस्था है, जिसे हमें महसूस कर जीवन में लाने का प्रयास करना चाहिए.

रियल लाइफ में देखा जाए तो कई लोग ख़ुशी की तुलना पैसो से करते है, उनके अनुसार ख़ुशी केवल पैसो से खरीदी जा सकती है, पर यह सच नही है, क्योकि ख़ुशी रहना व्यक्ति के चरित्र पर निर्भर करती है, कई लोग जो बहुत आमिर होते है, पर हमेशा डिप्रेशन में चलते है. 

वाही अनेक गरीब लोग है, जो मुश्किल से दो समय के भोजन का इंतजाम कर पाते है, पर ख़ुशी का ठिकाना नही होता है. छोटी छोटी चीजो में ख़ुशी देखने वाला व्यक्ति हमेशा खुश रहता है. जीवन को सही से एन्जॉय करने वाला व्यक्ति खुश नजर आता है.

आइए शुरुआत में कुछ उदाहरणों के माध्यम से समझते हैं. एक बार एक किसान अपने पालतू कुत्ते तथा खरगोश के बीच एक प्रतियोगिता रखता है. वह अपने खेत में एक गड्ढा खोदकर उसमें एक हड्डी और एक गाजर को छिपा देता है.

उसके बाद खरगोश बड़े उत्साह और आशा से खेत में हर जगह को खोद खोद कर गाजर को ढूंढने में लगा रहता है उसे पूर्ण रुप से विश्वास है.कि वह गाजर को ढूंढ निकालेगा और दूसरी और कुत्ता थोड़ी देर यहां वहां देखता है. 

हवा में सुनकर निराश होकर जमीन पर लेट जाता है. वह मन ही मन किसान की इस हरकत पर दुखी होने लगता है कि इतने बड़े खेत में हड्डी कहां ढूंढी जाए कितना मुश्किल काम है.

वहीं दूसरी और खरगोश जल्दी-जल्दी खेत में गड्ढा खोदता है. और हर बार वह जब नया गड्ढा खोदता है. और उसे गाजर नहीं मिलती फिर वह खुश होता है. कि एक गड्ढा खोदने की जगह कम हो गई जबकि कुत्ता खरगोश के लिए भी कहता है. अरे बस करो और कितना ढूंढोगे यह तुमसे नहीं हो पाएगा.

जब खोजने के लिए जगह नहीं बची तब खरगोश जहां कुत्ता लेटा हुआ था. वहां पर खोजना शुरू करता है. वही उसे गाजर और हड्डी मिलती है.वह जीत जाता है. जबकि कुत्ता निराशावादी विचारों की वजह से हार जाता है. तो आप इस कहानी के माध्यम से यह समझ पाए हैं. कि बस कार्य करने के लिए कुछ अलग सोचना पड़ता है और वही प्रेरणा बनता है.

इसी तरह जब कोई इंसान उत्साह और खुशी से समस्याओं का सामना करता है डटे रहता है.तब वह उनसे आसानी से बाहर आ पाता है. साथ ही साथ उसे उसका समाधान है वह स्पष्ट रूप से दिखाई देता है. 

इसके विपरीत जब वह निराश और दुखी होकर समस्या को समझाता है. तब वह समस्या सुलझने की बजाय और अधिक गहरी होती जाती है उसके मन में यह गहरा विश्वास हो हो जाता है कि यह समस्याएं जीवन भर रहनी है.

समस्या आने पर इंसान को दुखी तो होना चाहिए यह उसे तार्किक भी लगता है. जैसे घर में कोई बीमार हुआ है पहले हम उससे भी दुख और निराशा भरी नजरों से देखते हैं. जिससे वह और बीमार महसूस करता है. 

इंसान को लगता है. कि दूसरे के दुख में दुखी होकर वह बड़ा अच्छा काम कर रहा है. परंतु उसे यह भी समझना चाहिए कि उसके दुखी होने से सामने वाले को भी अच्छा  तो लगता है.

परंतु वे यह नहीं जानता कि उनका इस तरह अंधा प्रेम उनका दुख दुगुना कर रहा है. यह समझने में अतार्किक लगेगा लेकिन इंसान दुख की नजर से देखना बंद करके खुशी की नजर से देखे तो समस्याएं अपने आप सुलझ जाएगी.

दुख में सुख क्यों रहे इसका जवाब मिलना बहुत महत्वपूर्ण है. दुख में सुख इसलिए होना है क्योंकि आप समस्याओं को सुलझाना चाहते हैं खुश रहने से ही समस्याओं का समाधान ढूंढा जा सकता है. घटनाओं का तह तक जाकर पता लगाया जा सकता है वहीं दूसरी और दुख में देखना बंद हो जाता है.

हां यह सही है विश्वास करिए तब अन्य आवश्यक विचार और समस्याएं भी उत्पन्न होने लगती है. जैसे कोई कार है वह कैसे जा रहा है. और उसकी कार की स्क्रीन धुंधली होने की वजह से उसे साफ दिखाई नहीं दे रहा ऐसे में क्या होगा थोड़ी सी समस्या आने पर कार चलाने वाला सोचता है. 

शायद स्पीड ब्रेकर आया है कार की स्पीड कम क्यों हो गई है इसे वाला बार-बार फोन क्यों दे रहा है उसे समझता नहीं क्या इत्यादि इत्यादि मगर अगर कार की स्क्रीन साफ होती तो उसे सोचना नहीं पड़ता और वह समस्या को सुलझाने का तरीका भी आसानी से देख पाता यह कार की स्क्रीन साफ होने का अर्थ है खुश होकर कार्य  करना.

जैसे यदि आपका किसी के साथ मनमुटाव या झगड़ा हुआ है.तो आप उस घटना को खुशी से देखेंगे तो आपको पता लगेगा कि यह गलत वार्तालाप की वजह से हुआ है. यह  जानकर आप खुश होकर कार्य करेंगे और उससे सही ढंग से बता पाएंगे वरना दुख की वजह से बात और बिगड़ सकती है.

 इसे ऐसे समझे रास्तों सोसाइटी शहरों  के गड्ढों की मरम्मत करनी है उन गड्ढों को भरवाने के लिए करने योग्य जो कदम उठाने हैं वे जरूर उठाए जाने चाहिए मगर बिना किसी विरोध के कारण विरोध करने वाला दुखी होता है 

ऐसा मन को स्विच उलझाने की कोशिश में खुद पुलिस कर अपने लिए एक और नया गड्ढा बनाता है जैसे भारीगड़ा तो भर जाता है मगर आंतरिक गड़ाबड़ा हो जाता है इसलिए खुश और शिकायत सुनने होकर कार्य करें
दीपक हमेशा रोशनी देता है.

उसी प्रकार खुश इंसान खुशी फैलाता है वह चंदन की पेड़ की तरह होता है इसलिए उसका खुश होना महत्वपूर्ण हो जाता है खुश रहने का एक और फायदा यह होगा कि इससे निरर्थक विषयों में खर्च हो रही जो ऊर्जा थी. 

अब उस की बचत होगी तथा वह सकारात्मक कार्यों में काम आएगी और यह इसलिए भी जरूरी है क्योंकि एक खोज उत्साही इंसान ही यह सोचता है. या सोच सकता है की विश्व का कल्याण हो और उसी में हमारा भी कल्याण है.

आशा करता हूं मित्रों किस आर्टिकल के माध्यम से मैं जो समझाना चाहता था वह आप अच्छी तरह से समझ पाए होंगे.

अगर आपको इस खुशी के महत्व को हकीकत में जानना है  तो आप स्वयं अपने ऊपर यह प्रयोग कर सकते हैं और आप देखेंगे कि अचानक कितना परिवर्तन आता है सब कुछ बदल जाता है और एक आनंदित जीवन का आभास होता है.