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बाढ़ पर निबंध Essay On Flood In Hindi

बाढ़ पर निबंध हिंदी में Essay On Flood In Hindi- नमस्कार दोस्तों प्रकृति जब तांडव मचाती है, तो विक्रार रूप लेती है. और हमें प्राकृतिक आपदाओ का सामना करना पड़ता है. प्रकृति की आपदाओ में भूकम्प,सुनामी तथा बाढ़ प्रमुख है. आज हम बाढ़ के बारे में तथा इसके उपचारों के बारे में जानेगे.

बाढ़ पर निबंध  Essay On Flood In Hindi

बाढ़ पर निबंध Essay On Flood In Hindi
भारत जैसे उपमहाद्वीप के तीनो और जल है. यहाँ कही वर्षा कम तो कही बहुत ज्यादा होती है. कई बार देश में बाढ़ की स्थिति बन जाती है. बाढ़ यानी जल का अधिक मात्रा में एकत्रित हो जाने को हम बाढ़ कहते है.

हमेशा से ही कहा जाता है. कि प्रकृति से प्रकोप से कोई नहीं बचा है. यानी प्राकृतिक आपदाओ का सामना सभी को करना पड़ता है. हर साल कई जगहों पर बाढ़ की स्थिति बनती है.

ये प्रकृति आपदाओ में से एक है. जब किसी स्थान पर वर्षा अधिक होती है. तो जल का बहाव शुरू हो जाता है. और अधिक वर्षा के कारण उसकी व्यवस्था नहीं होती है. जिस कारण एकत्रित जल बाढ़ का रूप लेता है.

कई बार जब पुराने तथा बड़े बाँध की नीव कमजोर होने के कारण वे टूट जाते है, तो बाँध का जल अधिक होने के कारण वह तेजी के साथ बहाव करता है. और मैदानी इलाको में बाढ़ का दृश्य बन जाता है.

जब समुद्री तूफ़ान आते है. या ग्लेशियर पिघलते है. तो बाढ़ आती है. बाढ़ आ जाने के कारण प्रकृति को विशेष नुकसान होता है. तथा मानव और जीव जन्तुओ के लिए जीवन यापन करना कठिन हो जाता है.

बाढ़ उस स्थान पर आती है. जहा जमीन जल से परिपूर्ण हो. ओर ऐसी स्थिति उस स्थान पर होती है. जहा जल हमेशा से ही उपलब्ध होता है. इसलिए जल का अधिकाधिक प्रबंधन से बाढ़ की आशंका को कम किया जा सकता है.

बाढ़ आने के प्रमुख कारण भारी बारिश, बर्फ का पिघलना, बाँध का टूटना, जल का अतिप्रवाह तथा ग्लोबल वार्मिंग आदि है. जो बाढ़ के प्रमुख भागीदार होते है.

बाढ़ प्रकृति का प्रकोप है. इसको न ही रोका जा सकता है. और न ही इसका सामना किया जा सकता है. इसलिए बचाव ही इससे बचने का सबसे पुख्ता उपाय है.

जब हमे चेतावनी मिले तो उसी समय हमें किसी ऊँचे स्थान पर चले जाना चाहिए. क्योकि बाढ़ अचानक ही आती है. और कुछ ही पालो में सब तबाह कर देती है. इसलिए पहले से ही प्रबंधन करना जरुरी है. जिससे हमारा धन संपदा, पशु तथा खुद के प्राण को बचा सकें.

कई बार जब बाढ़ की स्थिति में जल का बहाव कम होता है. पर लम्बी दुरी तय करने के कारण जल प्रदूषित हो जाता है. और प्यास बुझाने के उसी जल का प्रयोग करते है. जो कई बीमारियाँ उत्पन्न करता है.

कई बार प्रशासनिक आदेश जारी होते है. जिसमे चेतावनी दी जाती है. कि उस जगह पर बाढ़ आने की संभव है. प्रशासन की इस चेतावनी को कभी भी हमें नजरअंदाज नहीं करना चाहिए.

तथा समय रहते अपने परिवार धन सहित किसी सुरक्षित स्थान पर पहुंचा जाना चाहिए. इस समय हमें दवाइया तथा  भोजन के कुछ पदार्थ साथ में लेने आवश्य होते है.

बाढ़ से हमें अनेक नुकसान होते है. जिसमे सबसे प्रमुख जनहानि है. लोग चेतावनी को नजरअंदाज करते रहते है. तथा अचानक बाढ़ आ जाने के कारण वे समय पर सुरक्षित स्थान तक नहीं पहुँच पाते है. जिस कारण कई लोग अप अनमोल जीवन खो देते है.

जीवन के बाद धन संपदा पशु तथा पेड़ पौधे बाढ़ से काफी प्रभावित होते है. पेड़ पौधों को बचाया नहीं जा सकता है. लेकिन पशुओ को सुरक्षित बचाया जा सकता है. लेकिन उचित व्यस्था ना होने के कारण पशुओ की मौत होती है.

जब लोग बाढ़ के प्रकोप से बच जाते है, तो घरो में वस्तुओ की कमी पड़ जाती है. तथा महंगाई के प्रकोप का सामना करना पड़ता है. जो लोग वस्तुओ को सुरक्षित रखते है. वे रेट बढ़ा देते है. जिस कारण भूखा रहना पड़ता है.

हमारी पृथ्वी पर जल 75 प्रतिशत है. जो कही बर्फ तो कही ग्लेशियर है. हम जल का निष्कासन कर बाढ़ की संभवना को कम कर सकते है. 

जगह जगह पर बड़े बड़े बाँध का निर्माण करवाना चाहिए. जिससे बाढ़ की रफ़्तार और जल बहाव को रोका जा सकें. बाढ़ से पीड़ित क्षेत्रो की अर्थव्यवस्था काफी कमजोर हो जाती है. जो काफी मुश्किल से नियन्त्रण में आती है.

प्रकृति के प्रकोप से बचना मानव जाती के वश में नहीं है. लेकिन हमें समय रहते इसके उपचार की ओर ध्यान देकर इसे कम करने का प्रयास करना चाहिए. प्रदुषण को कम करके अधिक से अधिक पेड़ पौधे लगाकर हम बाढ़ से मुक्ति पा सकते है.

बाढ़ की समस्या पर निबंध

हमारे देश में प्रकृति के संतुलन बिगड़ने के कारण हमे अनेक प्राकृतिक अपदाओ क का सामना करना पड़ता है. जिससे हमें और हमारे देश को काफी नुकसान होता है. प्राकृतिक आपदाओ में एक नाम बाढ़ का भी आता है.

बाढ़ एक प्राकृतिक आपदा है. जो प्रकृति के संतुलन बिगड़ने से आती है. इस आपदा को कई बार देखा गया है. इस आपदा से हमें अनेक नुकसान होते है. यहाँ तक कि इसके कारण अनेक व्यक्तियों की जान भी चली जाती है.

ये पुरे समाज को ठेस पहुंचाती है. ये आपदा वर्षा के ज्यादा होने से बनती है. हमारे देश में जल के अनेक बड़े-बड़े संसाधन नदिया झीले तथा समुद्र होने के बावजूद भी वर्षा इनके स्तर से भी अधिक होती है. तब बाढ़ जैसी समस्या का सामना करना पड़ता है.

बाढ़ अधिंकाश ज्यादा वर्षा होने वाले क्षेत्रो में आती है. ये आपदा वर्षा के मौसम में आती है. ये आपदा नदियों के किनारे बचने वाले क्षेत्रो में बहुयात आती है. वर्षा के ज्यादा होने के कारण नदी का जल भी इस आपदा का साथ देता है.

तथा ये आपदा विकारर रूप धारण कर लेती है. हर नदी से सुरक्षा के लिए बांध बनाये जाते है. पर अत्यधिक वर्षा के कारण ये बांध टूट जाते है. इस परस्थिति में बाढ़ आने की संभावना ज्यादा रहती है.

बाढ़ का समय

हमारे देश में अत्यधिक लोगो का जल संसाधन नदिया ही है. लोग नदियों से जल लाकर पीते है. इसलिए नदियों में जल सिमित ही रहता है. इसलिए वहा बाढ़ की समस्या उत्पन्न नहीं होती है.

पर बारिश के मौसम में वर्षा ज्यादा होती है. जिससे बांध टूट जाते है. और बाढ़ आने की संभावना बढ़ जाती है. बाढ़ आने का सही समय वर्षा ऋतू ही होती है. इन्ही दिनों में ये आपदा बनती है.

बाढ़ की जगह

आपने सुना होगा, कुछ ऐसे क्षेत्र होते है. जहा हर साल बाढ़ की स्थिति बनती है. जिसमे- बिहार,तमिलनाडु तथा उड़ीसा आदि तथा कई बार बाढ़ आ जाती है. पर कई क्षेत्र ऐसे भी है.

जहा कभी-भी बाढ़ जैसी आपदा को सुना ही नहीं इसका कारण ये होता है. कि जो क्षेत्र नदियों,समुद्रो या झीलों के किनारे होते है. वे क्षेत्र आर्द्र होते है.

तथा वर्षा ज्यादा होने के कारण वहा की जमीन जल को ग्रहण नहीं करती है. तथा जल इकठ्ठा हो जाता है. और ज्यादा जल का इकठ्ठा होने के कारण बाढ़ की जन्म होता है.

कुछ क्षेत्र जहा बाढ़ कभी नहीं आती है. वहा के स्थान शुष्क होते है.तथा दूर-दूर तक कोई नदी,समुद्र या झीले नहीं होती है. तथा वहा की धरती जल को ग्रहण करने की क्षमता ज्यादा होती है. इसलिए आर्द्र भूमि वाले क्षेत्रो में ही बाढ़ जैसी आपदा का समस्या सामने आती है.

बाढ़ का अतिप्रवाह

बाढ़ के जल की अधिक मात्रा को अतिप्रवाह कहते है. बाढ़ की स्थिति हर साल सामने आती है. पर कई बार हम सुनते है. कि जल की मात्रा कम होती है. जिससे लोगो को कम नुकसान होता है.

तथा कई बार बाढ़ के जल की मात्रा बहुत अधिक हो जाती है. तथा लोगो का बचना भी मुश्किल हो जाता है. बड़ी-बड़ी इमारते जल में ठह जाती है. लोगो के घर खजाने उजड़ जाते है. अर्थात बाढ़ के जल की अत्यधिक मात्रा ही अतिप्रवाह बाढ़ कहलाती है.ये बहुत नुकसानदायक होती है.

बाढ़ से होने वाले नुकसान    

बाढ़ से हमें अनेक नुकसान होते है. कई लोग बाढ़ के कारण अपना घर खो बैठते है. कई लोग अपना खजाना तथा कई लोग अपना जीवन भी गंवा देते है. बाढ़ से वितीय तथा जीविन की हानि भी होती है.

बाढ़ के कारण कई लोग बेघर हो जाते है. तथा कई लोगो के घर पूर्ण रूप से नष्ट हो जाते है. लाखो एकड़ फसल ख़राब हो जाती है.

हजारो जानवर बाढ़ के कारण मर जाते है. तथा बाढ़ से हमारे देश को आर्थिक नुकसान भी होता है. बाढ़ से कई बिमारिय भी उत्पन्न होती है.

बाढ़ के बाद के प्रभाव

जिस क्षेत्र में बाढ़ आती है. वहा के लोग वहा की प्रकृति पर गहरा प्रभाव देखने को मिलता है. वहा के लोग खेती-बाड़ी जैसे कार्यो को करने में बाध्य होते है.

बाजार में हर जगह पानी इकठ्ठा रहता है. इसलिए बाजार में भी नहीं जा पाते है. बाढ़ के डर से लोग बैचेन हो जाते है. अपने जानवरों तथा अपनी फसल को खोकर वे निराश तथा हताश रहते है.

इस समय बैठने के लिए स्वच्छ जगह भी नहीं रहती है. प्रकृति को भी काफी नुकसान झेलना पड़ता है. पेड़-पौधे गिर जाते है. जिससे पेड़-पौधों पर बचने वाले पक्षियों के घर उजड़ जाते है.

तथा वनस्पतियों की कमी के कारण वहा का वातावरण बहुत ख़राब हो जाता है. जमीन का उपजाऊ क्षमता कम हो जाता है. जिससे किसानो को नुकसान होता है. 

हर जगह मच्छर ही मच्छर होते है. जिससे बीमारियों के फैलने का डर बहुत अधिक हो जाता है. लोगो को वितीय नुकसान भी होता है. जिससे वे अपनी आवश्यक वस्तुओ को नहीं खरीद पाते है.

तथा लोगो का जीवन बचाने वाले भी पैसे मांगते है.तथा अपने निवास के लिए उजड़े हुए घर को बनाने में काफी खर्चा आता है. बाढ़ के प्रभाव से लोगो में भूखमरी की स्थिति आ जाती है. अतः बाढ़ की स्थिति बहुत ही गंभीर होती है. 

वाली बीमारिबाढ़ से फैलनेया  

हमारे देश में जिन क्षेत्रो में बाढ़ हर साल आती है. वहा की अर्थव्यवस्था बहुत ख़राब है. वहा गन्दगी छाई रहती है. बाढ़ का जल गठ्ठो में इकट्ठा हो जाता है.

जिसके कारण उस पानी पर मच्छर पनपने लगते है. जिससे-शरीर के अंग के सड़ने की बीमारी,मलेरिया,डेंगू,सर्दी,जुकाम,डायानिक अदि अनेक बीमारियों का सामना करना पड़ता है.

बाढ़ को रोकने के तरीके

बाढ़ एक प्राकृतिक आपदा है. इसे हम नहीं रोक सकते है. पर हमें इसे रोकने के प्रयास करने चाहिए. जिन क्षेत्रो में बाढ़ आने की संभावना ज्यादा होती है. वहा बड़ी-बड़ी बंधो का निर्माण किया जाए.

जिससे अत्यधिक मात्रा में जल को संचित किया जा सकें. तथा जल निकास का ज्यादा प्रयास किया जाए. तथा उच्च गुणवता वाले बांधो का निर्माण किया जाए.

लोगो को अपनी सुरक्षा के प्रति लोगो की जागरूकता बढाकर होने वाले नुकसान को कम कर सकते है. तथा बाढ़ की स्थिति में लोगो की सहायता करनी चाहिए. जो की हमारे मानव धर्म का प्रथम कर्तव्य है.

सरकार द्वारा आपदा की सूचना जनता तक पहुँचाने की व्यवस्था का निर्माण किया जाए. जिससे लोगो यथासंभव सुरक्षित जगह पर जा सके और अपने धन,दौलत और खुद के प्राणों को सुरक्षित कर सकें. 

हमे सिंगापूर जैसे देश से सीख लेनी चाहिए. उस देश में अधिकांश समय बाढ़ का छाया रहता है. पर वहा की सुरक्षा के चलते लोगो को परेशानी का सामना नहीं करना पड़ता है.

और बाढ़ की स्थिति होने के बावजूद वे सुरक्षित रहते है. हम उम्मीद करते है. कि इस प्रकार की सुरक्षा हमारे देश में भी लागु की जाए जिससे लोगो का नुकसान कम हो.

Essay On Flood In Hindi

बाढ़, एक भयंकर प्राकृतिक आपदा है, जिसका आवश्यक रूप से प्रभाव समाज पर पड़ता है। जब नदी में बाढ़ आती है, तो यह आसपास के क्षेत्रों को अपने प्रभाव में ले लेती है। किसानों की वर्षों की मेहनत के परिणामस्वरूप, उनके खेत बाढ़ के कारण नष्ट हो जाते हैं। 

गांवों और कस्बों में बाढ़ के प्रभाव अत्यधिक दुःखद होते हैं। यातायात के साधनों को प्रभावित होने में दिनों तक का समय लगता है, और लोगों के घर भी खतरे में आते हैं। 

कई दिनों तक बिजली की आपूर्ति बंद हो सकती है, जिसके परिणामस्वरूप लोग असहाय हो जाते हैं। वे अपने घरों को छोड़कर सरकार द्वारा स्थापित कैम्पों में रहते हैं, लेकिन कैम्पों की स्वच्छता की अच्छी व्यवस्था नहीं होती, जिसके कारण वहां रहने वाले लोग कई प्रकार की बीमारियों का शिकार हो सकते हैं।

बाढ़ वे समय आती है जब किसी विशेष क्षेत्र में अत्यधिक वर्षा होती है, जिससे भूमि पर पानी की मात्रा बढ़ जाती है। नदियों, महासागरों और झीलों के जलनिकायों से पानी का अतिरिक्त प्रवाह होने के कारण भी बाढ़ हो सकती है। बाढ़ सामाजिक और आर्थिक नुकसान के साथ-साथ मनुष्यों की जान भी ले लेती है। विनाशकारी प्रभावों के कारण, कुछ क्षेत्रों में मुद्दतों तक नुकसान की मरम्मत हो सकती है।

बाढ़ के कारण:


अधिक वर्षा: अत्यधिक वर्षा के कारण बाढ़ हो सकती है, जिससे पानी भूमि में जमा हो जाता है और वायरस प्रसारित होते हैं।
बर्फ पिघलना: बर्फीले इलाकों में तापमान बढ़ने से बर्फ पिघलती है और इससे नदियों में अतिरिक्त पानी का प्रवाह हो सकता है।

बांध टूटना: नदियों के बांधों के टूटने से पानी का अधिक प्रवाह हो सकता है, जिससे बाढ़ की स्थिति उत्पन्न होती है।

बादल के फटने:  पहाड़ी इलाकों में बादल पहाड़ों से टकराकर फट सकते हैं, जिससे प्रवाहित पानी नीचे की ओर बह सकता है।

नदियों के जल स्तर की वृद्धि: अधिक वर्षा के कारण नदियों के जल स्तर में वृद्धि हो सकती है, जो बाढ़ की स्थिति को बढ़ा सकती है।

बाढ़ से होने वाले नुकसान:

जानकारों की तहजीब: बाढ़ के कारण लोगों की जान की परेशानी हो सकती है, और जीवन की नुकसान हो सकती है।

माल की हानि: पानी के प्रवाह के कारण माल की हानि हो सकती है, और लोग अपने संपत्ति को खो सकते हैं।

आर्थिक प्रभाव: बाढ़ के कारण सामाजिक और आर्थिक नुकसान हो सकते हैं, और लोगों के जीवन में असुविधाएं उत्पन्न हो सकती हैं।

बाढ़ से बचाव के उपाय:

सुरक्षित स्थान पर जाएं: जब बाढ़ की संभावना हो, तो सुरक्षित स्थान पर जाना आवश्यक है।
अपने पानी की गुणवत्ता की जांच करें: पानी को उबालकर पीना बेहतर होता है, ताकि बैक्टीरिया मरे जा सकें।

प्रशासन की चेतावनियों का पालन करें:- प्रशासन द्वारा दी जाने वाली चेतावनियों का पालन करना महत्वपूर्ण है।

बाढ़ के प्रभावों की जानकारी प्राप्त करें: - बाढ़ के प्रभावों की जानकारी प्राप्त करना और उनसे बचाव के तरीकों को सीखना महत्वपूर्ण है।

इस प्रकार, बाढ़ एक गंभीर प्राकृतिक आपदा है, जिसके प्रभाव से बचने के लिए जागरूकता, सजगता, और सहयोग की आवश्यकता होती है।

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