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चिंकारा पर निबंध Essay on Chinkara in Hindi

चिंकारा पर निबंध - हिरन के छोटे आकर को हम चिंकारा कहते है.चिंकारा राजस्थान के राज्य पशु भी है.1981 इसे ऊंट के साथ-साथ राजस्थान का राज्य पशु घोषित किया गया था.चिंकारा की प्रजाति एन्तिलोप है.आज के इस आर्टिकल में हम रेगिस्थान के चिंकारा पर निबंध के माध्यम से चिंकारा के बारे में सम्पूर्ण जानकरी प्राप्त करेगे.

चिंकारा पर निबंध Essay on Chinkara in Hindi

चिंकारा पर निबंध Essay on Chinkara in Hindi
चिंकारा एक जंगली जानवर के साथ साथ रेगिस्तान का प्रमुख जानवर भी है। चिंकारा एशिया के दक्षिणी देशों में पाया जाता है हमारे देश में पाए जाने वाले सिंकारा प्रजाति के हैं चिंकारा हिरण का रूप होता है. चिंकारा का वैज्ञानिक नाम ग्लेजा होता है.इसलिए इसे ग्लेजा नाम से भी जानते है. एक चिंकारा की औसत नाम आयु 13 से 14 वर्ष होती है सिंकारा को एक शांत  जानवर भी माना जाता है। 


राजस्थान के राज्य पशु चिंकारा संकटपन स्थिति में है लोगों के शिकार के कारण चिंकारा की संख्या लगातार घटती जा रही है यदि इसी प्रकार चलता रहा तो आने वाले दिनों में चिंकारा लुप्त हो जाएगा। इसीलिए हमें इसके संरक्षण पर ध्यान देना चाहिए।


22 मई 1981 को चिंकारा को राज्यपशु के रूप में दर्जा दिया गया.ये मौसम के साथ-साथ अपना रंग बदलता है.चिंकारा भारत सहित अनेक दक्षिणी एशियाई देशो में पाए जाते है.जिसमे- पाकिस्तान,बांग्लादेश तथा श्रीलंका में ये बहुयात पाए जाते है.


हमारे भारत में पाए जाने वाले चिंकारा एन्तिलोप प्रजाति के है.जो कई दिनों तक बिना पानी पिए रह सकते है.तथा रेगिस्तान की इस गर्मी को भी सहन कर सकते है.


चिंकारा की शारीरिक विशेषताएं

चिंकारा चौपाया जानवर है.चिंकारा की शारीरिक बनावट हिरण के सामान होती है.चिंकारा की लम्बाई 65 सेंटीमीटर तक हो सकती है.एक स्वस्थ चिंकारा का औसतम भर 25 किलोग्राम तक हो सकता है.चिंकारा गर्मियों के दिनों में ज्यादा देखा जाता है.चिंकारा का रंग चमकदार होता है.चिंकारा के आकर इ बदलाव देखने को मिलता रहता है.चिंकारा का सबसे प्रमुख हथियार तथा चिंकारा का रक्षक सिंग 40 सेंटीमीटर तक होते है.


चिंकारा का निवास स्थान

चिंकारा ज्यादातर समय झाड़ियो में ही रहता है.पर कई बार ये रेगिस्तान में भी नजर आ जाता है.चिंकारा का प्रमुख निवास स्थान स्थानीय जंगल होते है.चिंकारा अकेला रहना पसंद करता है.इसलिए वह हमेशा अकेला ही रहता है.


चिंकारा को राज्य पशु का दर्जा प्राप्त है.इसलिए इसकी सुरक्षा ओर भी महत्वपूर्ण हो जाती है.आज भी 80 से ज्यादा सरंक्षित क्षेत्रो में चिंकारा का निवास है.2001 में जानवरों की हुई गणना में चिंकारा की संख्या 1,00,000 थी.पर इसके बाद लोगो के शिकार की वजह से तथा उनके द्वारा अपने स्वार्थ को सिद्ध करने के लिए चिंकारा का शिकार किया जाता है.


चिंकारा एक शांत जानवरों में गिना जाता है.पर कई बार ये क्रोधित भी हो जाता है.ये एक शर्मीला जानवर भी है.ये लोगो से बहुत डरता है.इसलिए उनसे हमेशा दूर ही रहता है.चिंकारा को अकेलापन अच्छा लगता है.पर कई बार ये 5-6 चिंकारो के झुण्ड में भी नजर आता है.


चिंकारा एक जंगली जानवर होने के साथ-साथ रेगिस्थान का जानवर भी है.पर चिंकारा एक शाकाहारी जानवर है.ये पेड़-पौधों की पत्तियाँ और टहनियों खाकर अपना पेट भरता है.चिंकारा का पसंदीदा भोजन घास ही होती है.तथा कई बार ये टहनियों तथा फल और पत्ते भी खाते नजर आ जाते है.


मादा चिंकारा सर्दी के मौसम में प्रजनन करती है.एक मादा चिंकारा का गर्भकाल लगभग साढ़े पांच महीने होता हो. एक बार में मादा चिंकारा एक बच्चे को ही जन्म देती है.इस प्रकार चिंकारा में प्रजनन बहुत धीमी गति से हो रहा है.वर्तमान में चिंकारा की 11 प्रजातीय पाई जाती है.जिन सभी प्रजातियों के रंग रूप आकर तथा खान-पान में अंतर देखने को मिलता है.


चिंकारा का सबसे बड़े शत्रु भेड़िया,तेंदुआ तथा बाघ होते है. ये जब भी चिंकारा पानी पिने के लिए जाता है.वहा पर हमला बोलते है.इसलिए चिंकारा के जीवन को सबसे ज्यादा खतरा पानी पीते समय होता है.पर हर रोज चिंकारा को पानी की जरुरत नहीं होती है.ये बार पानी पीकर 4-5 दिन तक आसानी से जीवित रह जाता है.


आज के समय में लोगो द्वारा किये जा रहे शिकारों के कारण चिंकारा प्रजाति की संख्या लगातार घटती जा रही है.इसलिए हमें चिंकारा के संरक्षण की जरुरत है.वैसे तो इसके संरक्षण के लिए नियम बनाये गए है.जिनके आधार पर जो व्यक्ति चिंकारा का शिकार करते पकड़ा गया.उसे अपराधी घोषित किया जाएगा.तथा कठोर से कठोर सजा दी जाएगी.


पर चिंकारा की सुरक्षा के लिए इतने कठोर नियम होने के बावजूद भी लोग इनका शिकार करते है.इस समय हमें लोगो को इनके संरक्षण के प्रति जागरूक करना होगा.हमारी जागरुकता ही इन सभी जंगली जानवरों के प्राण बचा सकती है.

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