सर्व शिक्षा अभियान पर निबंध | Essay on Sarva Shiksha Abhiyan in Hindi
भारतीय सरकार के द्वारा भारत में बड़े पैमाने पर शिक्षा का प्रचार प्रसार करने के लिए सर्व शिक्षा अभियान की शुरुआत की गई है। सर्व शिक्षा अभियान एक प्रकार की योजना है जिसका मुख्य उद्देश्य है भारत में प्रारंभिक शिक्षा के ढांचे को मजबूत करना।
सर्व शिक्षा अभियान के अंतर्गत सरकार चाहती है कि देश के अधिक से अधिक विद्यार्थी विद्यालय में पढ़ाई करने के लिए जाएं ताकि भारत की साक्षरता दर में बढ़ोतरी हो साथ ही विद्यार्थियों का जीवन भी संवरे।
सर्व शिक्षा अभियान में अनेक उद्देश्य शामिल किए गए हैं। इस अभियान के तहत लड़के और लड़कियों के बीच के अंतर को खत्म किया जाएगा।
भारत देश के हर गांव में 1 प्राथमिक विद्यालय की स्थापना की जाएगी और विद्यालय में विद्यार्थियों को बिल्कुल मुफ्त में शिक्षा दी जाएगी। यहां तक कि विद्यार्थियों को बिल्कुल मुफ्त में पाठ्य पुस्तकों का भी वितरण किया जाएगा। उन्हें फ्री में स्कूल ड्रेस दी जाएगी।
इसके अलावा विद्यार्थियों को उचित शिक्षा प्राप्त हो सके, इसके लिए अनुभवी शिक्षकों का भी चयन किया जाएगा और शिक्षकों को लगातार ट्रेनिंग देकर के विद्यार्थियों को पढ़ाने के लिए भेजा जाएगा।
सर्व शिक्षा अभियान में शामिल स्कूलों में विद्यार्थियों के लिए अलग से क्लास बनवाई जाएगी और शुद्ध पानी तथा प्रसाधन की व्यवस्था भी की जाएगी।
सर्व शिक्षा अभियान भारत में अटल बिहारी वाजपेई के नेतृत्व वाली केंद्र सरकार के द्वारा प्रारंभ किया गया था, जिसका मुख्य उद्देश्य है हर बच्चे को विद्यालय में भेजना और उसे शिक्षा दिलाना। सर्व शिक्षा अभियान में प्राथमिक शिक्षा का सार्वभौमीकरण भी करना शामिल है।
इस अभियान के तहत सरकार के द्वारा ग्रामीण इलाके में गांव से सिर्फ 500 मीटर या फिर 1 किलोमीटर की दूरी पर ही प्राथमिक विद्यालय चालू किए गए हैं, जहां पर कक्षा 1 से लेकर कक्षा 8 तक की पढ़ाई करवाई जा रही है।
सर्व शिक्षा अभियान का सबसे अधिक फायदा अनुसूचित जाति-अनुसूचित जनजाति और पिछड़ा समुदाय के परिवारों के विद्यार्थी प्राप्त कर रहे हैं।
इस अभियान के अंतर्गत सरकार के द्वारा होनहार विद्यार्थियों को हर महीने वजीफे के तौर पर छात्रवृत्ति भी दी जाती है जो विद्यार्थियों की पढ़ाई में काफी काम आती है।
भारत में गरीब विद्यार्थियों को पढ़ाई करने के लिए अक्सर धन की समस्या का सामना करना पड़ता था।
इसलिए भारत में गरीब विद्यार्थियों को भी शिक्षा हासिल हो सके साथ ही भारत में प्रारंभिक शिक्षा मजबूत बन सके, इसके लिए सरकार के द्वारा सर्व शिक्षा अभियान की शुरुआत की गई, जिसे योजना के तौर पर लांच किया गया।
इसके अंतर्गत देश में सभी प्राथमिक स्कूल में बिल्कुल फ्री में शिक्षा दी जा रही है साथ ही विद्यार्थियों को मुफ्त किताबें, छात्रवृत्ति, स्कूल ड्रेस, बैग, जूते जैसी आवश्यक चीजें भी मुफ्त में दी जा रही है, जिसकी वजह से भारत में प्राथमिक शिक्षा में काफी सुधार हुआ है और जो परिवार पैसे की तंगी की वजह से अपने बच्चों को पढ़ने के लिए नहीं भेज पाते थे वह भी अब अपने बच्चों को प्राथमिक विद्यालय में पढ़ाई करने के लिए भेज रहे हैं जिसका सबसे बड़ा कारण सर्व शिक्षा अभियान ही है।
सर्व शिक्षा अभियान के अंतर्गत साल 2003 तक स्कूल जाने वाले विद्यार्थियों की संख्या करोड़ों में पहुंच गई। इस योजना के तहत कई मुद्दों को शामिल किया गया है जिसके अंतर्गत प्राइमरी स्कूलों में उच्च गुणवत्ता वाली शिक्षा देना शामिल है, वही सामाजिक और जातीय भेदभाव को कम करना जैसे मुद्दे भी इस योजना में शामिल है।
योजना के अंतर्गत सरकार के द्वारा बड़े पैमाने पर फंड दिया जाता है जिससे योजना का सफल संचालन देश में हो रहा है और करोड़ों विद्यार्थी सर्वशिक्षा अभियान के तहत लाभान्वित हो रहे हैं।
सरकार के द्वारा इस योजना को शुरू करने के लिए तकरीबन 7000 करोड रुपए का फंड दिया गया था और साल 2011 से लेकर साल 2012 तक इस योजना के लिए 21000 करोड और फंड दिया गया।
इस अभियान के अंतर्गत छात्र और छात्राओं दोनों को शिक्षा दिलाई जा रही है साथ ही जरूरतमंद विद्यार्थियों को शिक्षित किया जा रहा है। इसके अलावा विद्यार्थियों के माता-पिता को भी विद्यार्थियों को स्कूल में भेजने के लिए प्रोत्साहित किया जा रहा है।
इस अभियान से देश की प्राथमिक शिक्षा की गुणवत्ता में भी बहुत ही बेहतरीन सुधार हो रहा है और अनुसूचित जाति अनुसूचित जनजाति तथा पिछड़े वर्ग के बच्चों को भी मुख्यधारा में जोड़ने में सरकार काफी हद तक सफल हुई है, साथ ही इस अभियान से सामुदायिक एकजुटता को भी बढ़ावा मिला है।