essay On Child labour in Hindi language बाल श्रम पर निबंध: नमस्कार दोस्तों आपका हार्दिक स्वागत है आज हम स्कूल स्टूडेंट्स के लिए सरल भाषा में बाल श्रम या बाल मजदूरी (Child labour) पर हिंदी में निबंध (Essay) लेकर आए हैं कलाश 1,2,3,4,5,6,7,8,9,10 के स्टूडेंट्स इस बाल श्रम एस्से को परीक्षा के लिहाज से याद कर सकते हैं.
बाल श्रम पर निबंध Essay On Child labour in hindi language
आज भारत ही नहीं समूचा संसार बाल श्रम की समस्या से ग्रस्त हैं. 14 वर्ष से कम आयु के बच्चों को काम पर लगाने उससे मजदूरी करवाने को बाल श्रम कहा जाता हैं.
उम्रः का वह दौर जहाँ सपने देखकर उन्हें सच करने के लिए पढ़ाई करने का समय होता हैं, ऐसी उम्रः में बच्चों से श्रम करवाना उनके बाल अधिकारों का शोषण हैं.
बाल श्रम की समस्या राष्ट्र के भविष्य पर कोढ़ के समान हैं. जिसके परिणामस्वरूप देश व समाज में निरक्षरता गरीबी आदि समस्याएं जन्म लेती हैं.
भारत में निम्न वर्गीय परिवारों की कमजोर आर्थिक स्थिति व आजीविका निर्वहन के उचित अवसर मुहैया न होना भी बालश्रम की समस्या का मूल कारण हैं.
आज हमारे समाज के निचले तबके को देखेगे तो पाएगे कि गरीबी और निरक्षरता ने उन्हें इस तरह जकड़ दिया है कि पेट भरने के लिए उन्हें अपने छोटे छोटे बच्चों को होटलों, कारखानों में काम करने के लिए भेजना पड़ता हैं.
बचपन वह जीवन की नींव है जिस पर सुनहरे सपनों की ईमारत खड़ी की जाती हैं मगर निर्धन परिवारों में जन्में बच्चों का बचपन तो उद्योगपतियों और उनके माता पिता के बिच हुए समझौते में गिरवी रख दिया जाता हैं.
बाल मजदूरी में लिप्त बालक को शिक्षा के अवसर उपलब्ध न होने के कारण वह बड़ी कठिनाई से अपने जीवन को जी पाता हैं. न तो उनका ढंग से शारीरिक विकास होता है न मानसिक विकास. हो भी कैसे जब खेलने कूदने और पढ़ने की आयु हो उसमें 12 से 15 घंटे काम करके बच्चें अपने भविष्य को बर्बाद करते हैं.
सरकार और समाज हम सभी का यह सामूहिक दायित्व है कि बच्चों के बचपन के साथ खिलवाड़ कर उन्हें बाल श्रम में न लगाए. यदि कोई माँ बाप ऐसा करता है तो उन्हें समझाए तथा बचपन की उम्रः का महत्व बताए.
यदि फिर भी न माने तो पुलिस में शिकायत कर बच्चें को उस बोझ से मुक्ति दिलाकर नव जीवन प्रदान कर सकते हैं. और उनके जीवन में उन्नति का कारण बन सकते है.
बाल मजदूरी पर निबंध Child labour in hindi
हमारी समाज के लिए बाल मजदूरी एक कलंग बन चूका है. घर की आर्थिक स्थिति ठीक नहीं होने के कारण बच्चो को बचपन से मजदूरी पर भेजना पड़ता है. जिससे बच्चे का भविष्य बर्बाद हो जाता है.
हमारे देश में बाल विकास बहुत जरुरी है. बाल मजदूरी के कारण देश के अधिकांश बच्चो का विकास रुक जाता है. बचपन वह समय होता है, जब बच्चो को जीवन में नए ऊंचाईयों प्राप्त करने का अवसर मिलता है.
बचपन में ही बच्चो को व्यवसाय करने पड़ते है. और अशिक्षित होने के कारण उन्हें मजदूरी करनी पड़ती है. बचपन में शिक्षा के बजाय मजदूरी उन्हें अनपढ़ बना देती है.
हमारे देश में बालश्रम रोक के लिए भारतीय सरकार कार्य कर रही है. बालश्रम रोक लगाने के लिए बालश्रम दिवस मनाया जाता है. जिसके तहत 14 वर्ष की आयु से कम के बच्चो को कठिन श्रम करवाना निषेध है.
सरकार के नियमो के अनुसार 14 वर्ष की आयु से कम के बच्चो को कोई भी कार्य करते पकड़ा गया, तो उस होटल या व्यवसाय के मालिक को सजा दी जाएगी.
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