पुस्तक के महत्व पर निबंध Essay On Importance of Books In Hindi : प्रिय दोस्तों आज के निबंध में आपका स्वागत हैं. पुस्तकों का हमारे जीवन (Our Life) में बड़ा योगदान हैं. आज हम जो कुछ जानते हैं हमारे ज्ञान, इल्म का आधार किताबे ही हैं. किताबें हमारी सच्ची मित्र, जीवन में इनका महत्व पर सरल शोर्ट निबंध, भाषण, स्पीच, अनुच्छेद, पैराग्राफ यहाँ दिया गया हैं.
लोकमान्य बाल गंगाधर तिलक ने कहा था कि मैं नरक में भी पुस्तकों का स्वागत करूंगा क्योंकि इनमें वह इन में वह शक्ति है कि पुस्तकें जहां भी होगी वही स्वर्ग बन जाएगा तिलक जी के शब्दों से स्पष्ट होता है कि पुस्तकें केवल ज्ञानार्जन का ही साधन नहीं है बल्कि सुख और आनंद उल्लास उत्साह आदि को बढ़ाने में भी महत्वपूर्ण है.
गांधी जी ने भी कहा था कि पुराने वस्त्र पहने और नई किताब पढ़ो . पुस्तकें पढ़ने से व्यक्ति जीवन की प्रत्येक कठिनाई तथा विपरीत परिस्थितियों में भी अपने आप को सकारात्मकता की ओर ले जाकर स्वयं का मार्गदर्शन कर जीवन को नई दशा और दिशा प्रदान कर सकता है.
पुस्तकें पढ़ना एक शौक है और इसका विकास बाल्यावस्था में हो जाता है जो व्यक्ति अपने बचपन में किताबों से प्रेम कर लेता है वह जिंदगी भर कभी अकेलापन महसूस नहीं करता मायूस नहीं होता राह नहीं भटकता और हमेशा उत्साही रहता है इसलिए पुस्तकों का महत्व छोटे बच्चों के लिए भी बढ़ जाता है.
इतिहास को जानने के सर्वोत्तम तथा विश्वसनीय स्रोतों में पुस्तकों का अहम योगदान है किसी भी सभ्यता या संस्कृति के इतिहास तथा परंपराओं को जीवित रखने का काम पुस्तकों ने ही किया है परंपराएं पूर्वजों द्वारा अर्जित वह ज्ञान होता है जो नवीनतम तकनीकी से भी हासिल करना दुर्लभ है.
भारतीय इतिहास को जानने के स्रोतों में पुस्तकें वैदिक काल से लेकर आज तक अपनी अतुलनीय श्रेणी में स्थापित है पुस्तकों से ही इतिहास के विभिन्न काल खंडों के राजनीतिक सामाजिक आर्थिक सांस्कृतिक स्थिति यों का पता चल पाता है विश्व की अधिकांश क्रांतियों तथा पुनर्जागरण में साहित्य का योगदान उल्लेखनीय रहा है.
तथा विभिन्न शासकों ने भी अपने ग्रंथों में अपनी जीवनिया लिखी जो वर्तमान में हमारे लिए उपयोगी है उनसे हमें पता चलता है कि किस प्रकार मानव संघर्ष की एक लंबी श्रंखला से वर्तमान के तकनीकी युग में पहुंचा है
पुस्तकों के अभाव में शिक्षा सिमट कर रह जाती है या यूं कहें की पुस्तकों के बिना शिक्षा संभव नहीं है तो ज्यादा गलत नहीं होगा शिक्षा के साथ-साथ पुस्तकें मनोरंजन का अच्छा साधन है.
आधुनिक सूचना क्रांति के दौर में इंटरनेट का उपयोग तेजी से बढ़ा है जिसने कहीं पर भी बैठे व्यक्ति की पहुंच प्रत्येक पुस्तक तक सुनिश्चित की है इंटरनेट ने संपूर्ण दुनिया को एक डिवाइस के अंदर समेट लिया है ऐसे समय में कुछ विद्वानों का मत है की पुस्तकों का महत्व कम होता जा रहा है इसकी जगह इंटरनेट ले रहा है.
परंतु यह सभी छोटे दृष्टिकोण की बातें हैं क्योंकि इंटरनेट पुस्तकों का विकल्प नहीं हो सकता इंटरनेट के लिए आधारभूत सुविधाओं का होना बेहद जरूरी है और इंटरनेट पर ज्यादा समय बिताना कठिन है जितना किताबों के साथ बिताया जा सकता है अगर व्यापक दृष्टिकोण से देखा जाए तो इंटरनेट ने पुस्तकों के महत्व में वृद्धि की है क्योंकि इंटरनेट के माध्यम से ई बुक तक जो पहुंच हुई है वह पुस्तकों का ही आधुनिक रूप है.
इस प्रकार इंटरनेट ने एक तरफ सभी लोगों तक किताबों की पहुंच को आसान बनाया है वही किताबों को कई भाषाओं में भी उपलब्ध करवाने में महत्वपूर्ण है इंटरनेट के कारण ही ज्ञान के प्रसार तथा संरक्षण में सुविधा हुई है.
अब प्रश्न यह उठता है कि बाजार में करोड़ों किताबें है किताबों के मेले हैं प्रत्येक विषय पर हजारों लेखकों ने अपनी लेखनी चलाई है जिनमें कुछ शानदार किताबें भी है तथा कुछ निम्न स्तरीय किताबें भी देखने को मिल जाती है तो किन पुस्तकों का चयन किया जाए यह सवाल प्रत्येक व्यक्ति के मन में उभरता है सीधी सी बात है.
कि पुस्तक का चयन हमेशा सावधानी से और अपनी जिज्ञासा के अनुसार करना फायदेमंद रहता है क्योंकि पुस्तक एक मित्र की तरह होती है एक ईमानदार सच्चा तथा अच्छा मित्र कभी किसी की बुराई नहीं करता उसी प्रकार एक अच्छी पुस्तक व्यक्ति के जीवन को नई दिशा प्रदान कर सकती है
उम्मीद करता हूं दोस्तों Essay On Importance of Books In Hindi यह लेख आपको पसंद आया होगा अगर आप भी पुस्तकें पढ़ने में आनंद की प्राप्ति करते हैं तो उसे जारी रखिए और किताबों का सही चुनाव पहली प्राथमिकता होनी चाहिए.
Essay On Importance of Books In Hindi
कहा जाता है कि जिस व्यक्ति की मित्रता पुस्तकों से हो जाती है उसको किसी अन्य मित्र की आवश्यकता नहीं पड़ती मित्रों में सर्वश्रेष्ठ उनकी पसंदीदा पुस्तकें हो जाती है पुस्तकें ज्ञान प्राप्त करने में सहायक होने के साथ जीवन के दर्शन को समझने में उपयोगी होती है व्यक्ति के चहुमुखी व्यक्तित्व के विकास के लिए पुस्तकों की भूमिका बढ़ जाती है.लोकमान्य बाल गंगाधर तिलक ने कहा था कि मैं नरक में भी पुस्तकों का स्वागत करूंगा क्योंकि इनमें वह इन में वह शक्ति है कि पुस्तकें जहां भी होगी वही स्वर्ग बन जाएगा तिलक जी के शब्दों से स्पष्ट होता है कि पुस्तकें केवल ज्ञानार्जन का ही साधन नहीं है बल्कि सुख और आनंद उल्लास उत्साह आदि को बढ़ाने में भी महत्वपूर्ण है.
गांधी जी ने भी कहा था कि पुराने वस्त्र पहने और नई किताब पढ़ो . पुस्तकें पढ़ने से व्यक्ति जीवन की प्रत्येक कठिनाई तथा विपरीत परिस्थितियों में भी अपने आप को सकारात्मकता की ओर ले जाकर स्वयं का मार्गदर्शन कर जीवन को नई दशा और दिशा प्रदान कर सकता है.
पुस्तकें पढ़ना एक शौक है और इसका विकास बाल्यावस्था में हो जाता है जो व्यक्ति अपने बचपन में किताबों से प्रेम कर लेता है वह जिंदगी भर कभी अकेलापन महसूस नहीं करता मायूस नहीं होता राह नहीं भटकता और हमेशा उत्साही रहता है इसलिए पुस्तकों का महत्व छोटे बच्चों के लिए भी बढ़ जाता है.
इतिहास को जानने के सर्वोत्तम तथा विश्वसनीय स्रोतों में पुस्तकों का अहम योगदान है किसी भी सभ्यता या संस्कृति के इतिहास तथा परंपराओं को जीवित रखने का काम पुस्तकों ने ही किया है परंपराएं पूर्वजों द्वारा अर्जित वह ज्ञान होता है जो नवीनतम तकनीकी से भी हासिल करना दुर्लभ है.
भारतीय इतिहास को जानने के स्रोतों में पुस्तकें वैदिक काल से लेकर आज तक अपनी अतुलनीय श्रेणी में स्थापित है पुस्तकों से ही इतिहास के विभिन्न काल खंडों के राजनीतिक सामाजिक आर्थिक सांस्कृतिक स्थिति यों का पता चल पाता है विश्व की अधिकांश क्रांतियों तथा पुनर्जागरण में साहित्य का योगदान उल्लेखनीय रहा है.
तथा विभिन्न शासकों ने भी अपने ग्रंथों में अपनी जीवनिया लिखी जो वर्तमान में हमारे लिए उपयोगी है उनसे हमें पता चलता है कि किस प्रकार मानव संघर्ष की एक लंबी श्रंखला से वर्तमान के तकनीकी युग में पहुंचा है
पुस्तकों के अभाव में शिक्षा सिमट कर रह जाती है या यूं कहें की पुस्तकों के बिना शिक्षा संभव नहीं है तो ज्यादा गलत नहीं होगा शिक्षा के साथ-साथ पुस्तकें मनोरंजन का अच्छा साधन है.
आधुनिक सूचना क्रांति के दौर में इंटरनेट का उपयोग तेजी से बढ़ा है जिसने कहीं पर भी बैठे व्यक्ति की पहुंच प्रत्येक पुस्तक तक सुनिश्चित की है इंटरनेट ने संपूर्ण दुनिया को एक डिवाइस के अंदर समेट लिया है ऐसे समय में कुछ विद्वानों का मत है की पुस्तकों का महत्व कम होता जा रहा है इसकी जगह इंटरनेट ले रहा है.
परंतु यह सभी छोटे दृष्टिकोण की बातें हैं क्योंकि इंटरनेट पुस्तकों का विकल्प नहीं हो सकता इंटरनेट के लिए आधारभूत सुविधाओं का होना बेहद जरूरी है और इंटरनेट पर ज्यादा समय बिताना कठिन है जितना किताबों के साथ बिताया जा सकता है अगर व्यापक दृष्टिकोण से देखा जाए तो इंटरनेट ने पुस्तकों के महत्व में वृद्धि की है क्योंकि इंटरनेट के माध्यम से ई बुक तक जो पहुंच हुई है वह पुस्तकों का ही आधुनिक रूप है.
इस प्रकार इंटरनेट ने एक तरफ सभी लोगों तक किताबों की पहुंच को आसान बनाया है वही किताबों को कई भाषाओं में भी उपलब्ध करवाने में महत्वपूर्ण है इंटरनेट के कारण ही ज्ञान के प्रसार तथा संरक्षण में सुविधा हुई है.
अब प्रश्न यह उठता है कि बाजार में करोड़ों किताबें है किताबों के मेले हैं प्रत्येक विषय पर हजारों लेखकों ने अपनी लेखनी चलाई है जिनमें कुछ शानदार किताबें भी है तथा कुछ निम्न स्तरीय किताबें भी देखने को मिल जाती है तो किन पुस्तकों का चयन किया जाए यह सवाल प्रत्येक व्यक्ति के मन में उभरता है सीधी सी बात है.
कि पुस्तक का चयन हमेशा सावधानी से और अपनी जिज्ञासा के अनुसार करना फायदेमंद रहता है क्योंकि पुस्तक एक मित्र की तरह होती है एक ईमानदार सच्चा तथा अच्छा मित्र कभी किसी की बुराई नहीं करता उसी प्रकार एक अच्छी पुस्तक व्यक्ति के जीवन को नई दिशा प्रदान कर सकती है
उम्मीद करता हूं दोस्तों Essay On Importance of Books In Hindi यह लेख आपको पसंद आया होगा अगर आप भी पुस्तकें पढ़ने में आनंद की प्राप्ति करते हैं तो उसे जारी रखिए और किताबों का सही चुनाव पहली प्राथमिकता होनी चाहिए.