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तोते की आत्मकथा Autobiography of parrot in hindi

तोते की आत्मकथा Autobiography of parrot in hindi: नमस्कार दोस्तों आपका हार्दिक स्वागत हैं. आज के निबंध, भाषण, अनुच्छेद में हम पिंजरे में बंद तोते की आत्मकथा आपकों सरल भाषा में उपलब्ध करवा रहे हैं. स्कूल के बच्चों स्टूडेंट्स के लिए यहाँ हिंदी में पैरेट पर ऑटोबायोग्राफी दी गई हैं. हम उम्मीद करते हैं, यह आर्टिकल आपकों भी बहुत पसंद आएगा.

तोते की आत्मकथा Autobiography of parrot in Hindi

प्यारे बच्चों मैं आप सभी का चहेता और प्रिय पक्षी तोता हूँ, आज मैं आपकों मेरी आत्मकथा मेरी जुबानी बता रहा हैं. मैं तोता बोल रहा हूँ. मैं एक मध्यम आकार का पक्षी हूँ.

तोता वो पक्षी है, जो अपने स्वभाव तथा अपने मनमोहक रंग के लिए प्रसिद्ध है. तोता अपने हरे देह तथा उस पर लगी लाल चोच उसे बहुत भाती है. जो इसकी सुन्दरता में चार चाँद लगाते है.

मेरा रंग हरा एवं चोंच लाल रंग की होती हैं, आप मुझे दूर से देखकर भी बड़ी आसानी से पहचान जाते हैं. अधिकतर लोग मुझे अपने घरों में पिंजरे में बंद करके रखना पसंद करते हैं. लोग कहते है कि मैं अक्ल से नकल करने में सबसे सक्षम पक्षी हूँ.

लोग मुझे अपने घरों में रखने के साथ ही मेरी सेवा चाकरी का भी पूरा पूरा ख्याल रखते हैं. मुझे खाने के लिए हरी मिर्च और लाल टमाटर और अन्य फल व दानें दिए जाते हैं, जो मुझे बेहद प्रिय हैं. 

कई लोग मुझे प्रशिक्षित भी करते हैं. मैं अपनी तीव्र मानसिक क्षमता के कारण जो भी सिखाया जाता हैं, उसे तेजी से ग्रहण कर लेता हूँ. आमतौर पर मुझे शाकाहारी भोजन ही मिलता हैं, कभी कबार मुझे कीड़े मकोड़े खाने का अवसर भी मिल जाता हैं.

स्वतंत्रता सभी को बेहद प्रिय होती हैं, बच्चों आपकों भी बंधन से बड़ी नफरत होती होगी. मैं भी आपकी तरह ही हूँ, मगर मुझे भी दाना देने के झांसे में डालकर अक्सर पिंजरें में बंद कर दिया जाता हैं. 

जब मैं अपने झुण्ड में अपने साथियों के साथ होता हूँ तो सबसे अधिक खुश रहता हूँ. मुझे खुले गगन में उड़ना, पेड़ों की डाल पर बैठकर फलों के स्वाद लूटना बेहद प्रिय हैं. मेरें दो पंजे है जिनकी मदद से मैं चलता हूँ तथा आप इंसानों की तरह मैं अपने भोजन को पंजों में पकडकर खाता हूँ. 

मैं पिछले दो वर्षों से एक घर के पिंजरें में कैद हूँ. मैं अपने दोस्तों के साथ नदी के किनारे मस्ती में दाना चुग रहा था तभी किसी शिकारी ने मुझे पकड़ लिया. 

उस वक्त मेरे सारे साथी उड़ गये और मुझे पकड़कर एक पिंजरें में बंद कर दिया गया. और किसी इंसान को बेच दिया गया, आज भी मैं उन्ही के घर से अपनी दास्ताँ सुना रहा हूँ. 

यहाँ घर में दो छोटे छोटे बच्चें हैं, जो मुझसे बहुत प्यार भी करते हैं. जब वे दोनों सवेरे उठते है तो सबसे पहले मैं ही उन्हें गुड मोर्निंग कहता हूँ. वे प्रसन्न होकर प्यार भरे हाथों से मुझे लाकर सुबह का नाश्ता करवाते हैं.

भले ही मैं एक कैदी का जीवन जीने के लिए विवश हूँ, मगर मुझे इन दोनों दोस्तों के प्यार ने परिवार का अहसास दिलाया हैं. कई बार जब बच्चों को उनके पापा डांटते हैं तो घर में विरोध का पहला स्वर मैं ही बोलता हूँ. 

हालांकि मैं अपने स्वाभाविक जीवन को तो नहीं जी पा रहा हूँ, फिर भी मुझे एक अच्छा परिवार मिला हैं. जो मेरी अच्छी देखभाल करता हैं. समय पर खाना देता हैं. 

धीरे धीरे घर वालों को मैंने एहसास दिलाया कि मुझे थोडा पिंजरे से बाहर निकाला जाए, मैं आपकों धोखा देकर भागूगा नहीं. कई दिनों तक तो अंकल ने मुझ पर यकीन नही किया. मगर एक दिन वे अच्छे मिजाज में थे तो मेरी बात मान ली और मुझे पिंजरे से बाहर कर दिया.

भले ही मैं मजबूर पक्षी हूँ, वचनबद्धता निभाने के लिए मैंने कभी भागने की कोशिश नहीं की, नतीजे में मुझे अपनी ईमानदारी का पुरस्कार भी मिला और सदा के लिए घर में खुला घूमने की स्वतंत्रता मिल गई. आज मैं अपने दोस्तों के साथ बैठकर बाते करता हूँ बच्चों के साथ खेलता हूँ. 

अभी भी मेरी एक दिलीय ख्वाईश हैं कि मुझे खुला छोड़ दिया जाए, मैं देखना चाहता हूँ कि मेरे पंख आज भी उतने मजबूत हैं या नहीं जो खुले गगन की सैर करा सके. 

हाँ मैं स्वतंत्र होने के बाद अपने मालिक के घर को भूलूंगा नहीं. कई बार मैं अपने उन दो दोस्तों से भी मिलने आउगा. ओह तब तक तो वो भी बड़े हो जाएगे. 

अपने बच्चों को खुश करने के लिए मुझे फिर से तो पिंजरे में नहीं डाल देगे. चलो जो भी होगा, मैं थोड़ा दूर बैठकर ही उनसे बात करके उनके सुख दुःख को जरुर पूछता रहूँगा.

बच्चों मेरी आत्मकथा में दर्द के सिवाय कुछ भी ख़ास नहीं हैं, जो आप सीख पाए. मगर मुझे लगता है आप पक्षी प्रेमी हैं इसलिए मैंने अपनी दुखभरी गाथा आपकों सुनाई हैं. 

बच्चों जब आप बड़े होंगे शायद मैं बुढा हो जाउगा, सम्भव हैं मर भी जाऊ तो मेरी एक बात को तुम जरुर मानना. जिस तरह आपकों आजादी बहुत प्रिय हैं उसी तरह हम भी आजाद रहने की तमन्ना रखते हैं. 

बड़े होकर यदि आप किसी तोते को अपने घर में भी रखना चाहे तो उसे पिंजरे की काल कोठरी में बंद मत करिये आप हमें प्यार दीजिए हमारी रक्षा कीजिए हम सदैव आपके साथ ही रहेगे, मगर हमें कैदी की तरह घर के किसी कोने में डालकर मत रखिये, जितना दर्द आपकी इच्छाओं को दबाने पर आपकों होता है उतना हमें भी होता हैं.

मैं उम्मीद करता हूँ आपकों तोते की आत्मकथा Autobiography of parrot in hindi पसंद आई होगी, यदि आपकों ये लेख अच्छा लगा हो तो अपने सबसे प्यारे दोस्तों के साथ भी इसे जरुर शेयर करिए.