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बाघ पर निबंध Essay on Tiger In Hindi

बाघ पर निबंध- हमारे देश का राष्ट्रीय पशु बाघ है। यहा तक तो सभी को पता होगा परंतु बाघ के बारे मे सम्पूर्ण जानकारी कम लोगो को ही मालूम है। यानि हमारा मतलब है। कि आप सभी को देश का राष्ट्रीय पशु बाघ के बारे मे जानकारी प्राप्त कराना। आज हम आपके लिए बाघ पर निबंध (Essay on Tiger in Hindi) लेकर आए है।

इस निबंध के पूर्ण अध्ययन से आपको बाघ से सबंधित सभी महत्वपूर्ण जानकारिया प्राप्त हो जायेगी। इस निबंध का उपयोग आप किसी भी प्रतियोगी परीक्षा मे कर सकते है। बाघो कि संख्या निरंतर बढ़ती जा रही है। बाघो की बढ़ती संख्या हमारे लिए चिंता का विषय है। इस कारण हमे बाघ के प्रति जागरूकता बढ़ाना सबसे महत्वपूर्ण है।

 बाघ पर निबंध Essay on Tiger In Hindi

बाघ पर निबंध Essay on Tiger In Hindi

प्रस्तावना

बाघ को भारत का राष्ट्रीय पशु माना जाता है। बाघ बिल्ली की प्रजाति का जानवर है। बाघ का वैज्ञानिक नाम (Tiger scientific name) पैंथेरा टाइग्रिस है। बाघ अपनी प्रजाति (Tiger species) का सबसे बड़ा जानवर है। ये कई रंगो से मिलकर बना होता है। इसके शरीर पर अलग-अलग रंग की धारिया पायी जाती है। जिसमे- काली धारियों के साथ नारंगी, सफेद, और नीला रंग तथा इसके पेट का भाग सफ़ेद रंग का होता है। बाघ के लंबे दांत तथा लंबी और मजबूत पुंछ होती है। ये एक हिंसक जानवर भी है।

बाघों की प्रजातियाँ (Species of tiger)
बाघ पूरे संसार मे पाया जाता है। बाघों की लगभग आठ प्रजातियाँ वर्तमान मे प्रयुक्त है। जिसमे भारतीय बाघ को रॉयल बंगाल टाइगर के नाम से जाना जाता है। बाघ भारत के उत्तरी-पश्चिमी इलाको मे न के बराबर पाये जाते है। इन इलाको मे ठंड ज्यादा होने के कारण ये ठंड को सहन नहीं कर पाते है। इसलिए इन इलाको मे बाघो की संख्या कम है। ये भारत के बाकी सभी इलाको मे बहुत ज्यादा तादाद मे पाये जाते है। तथा इसका संरक्षण भी किया जा रहा है।

बाघ के चरित्र (Tiger character)
बाघ एक जंगली जानवर है। इसे निर्दयी तथा सभी को भयभीत करने वाला जानवर है। ये सबसे ताकतवर जानवर भी है। बाघ बहुत दूरी से तेजी सेव झापट्टा मर सकता है। यह दिखने मे बहुत शांत मुद्रा मे होता है। परंतु इसके पीछे इसकी छाल होती है। जिसमे फसने वाले को ये अपना शिकार बना लेता है।

बाघ सबसे तेज दौड़ने वाला जानवर भी है। अपनी इस मजबूती का ये बहुत ही बखूबी उपयोग करता है। ये तेजी से गाय, हिरन, बकरी, खरगोश तथा मौका मिलने पर ये मनुष्य को भी अपना शिकार बना लेता है। बाघ का वजन 150 किलोग्राम के आस-पास ही होता है। इसकी लंबाई 7 फिट की होती है। ये 10 फिट तक आसानी से कूद सकता है। इसकी रफ्तार 90 किलोमीटर प्रति घंटा की है।

बाघ मांस खाने का शौकीन होता है। बाघ को अपने जंगल का भगवान भी कहते है। क्योकि ये जंगल मे जिस जानवर को मारना चाहता वह उसे आसानी से मार सकता है। बाघ को पसंद करने के प्रमुख कारण है। उसकी ताकत, आकर्षक, बहुत अधिक शक्ति और सफलता का मिश्रण उसे लोगप्रियता की और आकर्षित करता है। तथा उसे सम्मान मिलता है.

पूरे संसार की तुलना मे भारत मे 50 फीसदी बाघ पाये जाते है। जिससे हम समझ सकते है। कि भारत मे इस जानवर कि लोगप्रियता कितनी है? पिछले कुछ दशको से भारत मे इस जानवर की संख्या मे कमी आ रही है। इसका कारण है। बाकी सभी जानवरो का बचाव ही इसका प्रमुख कारण है।

बाघ एक मांसाहारी जानवर
बाघ एक मांसाहारी पशु है। इसे सबसे ज्यादा मांस अच्छा लगता है। ये अपने भोजन के रूप मे जंगली जानवरो को खाता है। तथा कभी-कभी ये गांवो मे घुसकर मनुष्यो की भी खा जाता है। बाघ अपने शिकार पर बहुत तेजी से हमला करता है।

बाघ दिन को ज्यादा समय तक सोया रहता है। तथा ये रात को अपने शिकार की तलास मे निकलता है। जंगली जानवर अपने भोजन के लिए जंगल के अन्य जानवरो की हत्या करता है। बाघ अपनी ताकत के बल पर जानवरो को मारकर अपना भोजन बनाता है।

बाघो का संरक्षण (Tiger conservation)
बाघ 8 प्रजातियों के होते है। उनकी प्रत्येक प्रजाति के बाघ के आकार तथा वजन मे अंतर होता है। बाघ की सभी प्रजातियों मे साइबेरियन टाइगर को सबसे बड़ा बाघ कहा जाता है। बाघो के बढ़ते शिकार तथा बाघो प्रतिदिन घटती संख्या को देखते हुए। भारत सरकार ने बाघो के संरक्षण को बढ़ावा देते हुए। अप्रैल 1973 मे “प्रोजेक्ट टाइगर” नामक मिशन का शुरुआत की तथा उसके बाद पूरे भारत मे बाघो का शिकार पर पूरी तरह से पाबंदी लगा दी.

बाघो की सुरक्षा के लिए 1973 मे आयोजन किए गए। इस आयोजन मे 23 स्थानो पर बाघो की सुरक्षा के लिए बड़े आवासो का निर्माण किया गया। तथा इसके परिणामस्वरूप 1993 मे बाघो की संख्या मे बहुत ही ज्यादा बढ़ोतरी देखने को मिली। बाघो के जीवन मे सबसे बड़ा खतरा वनों के उन्मूलन है।
बाघ पर निबंध Essay on Tiger In Hindi

बाघ का जीवन चक्र (Tiger life cycle)
बाघो मे नर बाघ जन्म से 4 से 5 साल बाद मे परिपक्व हो जाते है। तथा मादा बाघ 3 से 4 साल मे परिपक्व हो जाते है। बाघिनि के ग्रभावस्था की अवधि लगभग 95 से 112 दिन तक की होती है। बाघ एक बार मे 1 से 5 बच्चो को जन्म दे सकती है। बाघ भारत का सबसे प्रिय जंगली जानवर है। रॉयल बंगाल बाघ भारतीय मुद्रा तथा डाक टिकटों पर भी चित्रित है। इस बात से हम अंदाजा लगा सकते है।

बाघ की जीवन शैली (Tiger lifestyle In Hindi)
बाघ एक मांसाहारी जानवर है। इसका प्रमुख पसंदीदा भोजन सांभर, चीतल, जंगली सूअर, भैंसे जंगली हिरण, तथा अवसर आने पर यये मनुष्य को भी खा जाता है। बाघ को घास के मैदान मे रहना बहुत अच्छा लगता है। इस जानवर की पहचान उसके शरीर पर आली धारिया है। जो की बाकी जंगल के किसी भी जानवर मे नहीं पायी जाती है। इस जानवर की क्षमता होती है। तीव्र सुनने, सूँघने, देखने तथा तीव्र रफ्तार से झपप्टा मारने की इसकी प्रमुख क्षमताए होती है।

बाघ हमेशा पीछे से हमला करता है। इसलिए इस जानवर से सभी मे डर बना होता है। बाघ अपने शिकार को बहुत ही धीरज तथा शांति से करता है। बाघ बहुत ही भारी होने के कारण वह अपने 20 शिकार मे से 1-2 शिकार को ही अपना भोजन बना पता है। बाघ भी मनुष्य की तरह ही छोटी अवस्था मे अपनी माँ से शिकार कराना सिखता है।

बाघ राष्ट्रीय पशु के रूप मे (Tiger as national animal Of India)
बाघ की अपनी रफ्तार, चालाकी, शक्ति, तथा चपलता को नजर मे रखते हुए। 18 नवंबर 1972 को राष्ट्रीय पशु के रूप मे घोषित किया गया। बाघ को जंगल का राजा भी माना जाता है। साथ ही बाघ की तस्वीरे भारतीय मुद्रा तथा अशोक के स्तम्भ मे इसका चित्रण है।

रॉयल बंगाल टाइगर, बहुत ही खतरनाक तथा खूबसूरत है। ये अपने शिकार को योजना बनाकर उसे अपना भोजन बनाता है। बाघ भारत का सबसे लोगप्रिय तथा संकटग्रहस्थ जानवर भी है। इसलिए इसे भारत सरकार ने राष्ट्रीय पशु के रूप मे इसे चुना था।

इतिहास (History)
भारत का राष्ट्रीय पशु बाघ पूर्व मे चीन मे हुआ करते थे। इन बाघो के निशान चीन मे मिले है। बाघ के भारत मे आने का रास्ता जिसे वर्तमान मे रेशम मार्ग नाम से जाना जाता है। इसी रास्ते से बाघो ने चीन से भारत मे प्रवेश किया था। वैज्ञानिको के आधार पर एशिया मे पाये जाने वाले बाघ 1980 मे विलुप्त हो गए थे। कई खोजो के बाद ये बाघ रूस मे वापस मिले। बाघो द्वारा अपनाया गया मार्ग एक पहेली के रूप मे दिखता है।

निष्कर्ष
भारत सरकार द्वारा बनाए गए। 23 बाघ संरक्षण क्षेत्रों मे 1993 की जनगणना के अनुसार भारत मे 3 हजार 7 सौ 50 बाघ थे। जिसके बाद भी बाघो मे बहुत तेजी से वृद्धि हो रही है। बाघो के संरक्षण क्षेत्र लगभग 33,406 वर्ग किलोमीटर मे फैला हुआ है। जिसमे हथियार लेकर जाना अपराध माना जाता है। तथा उस पर जुरमाना लगाया जा सकता है। बाघ को मारना या छिड़ाने वाले व्यक्ति पर कानूनन कारवाई की जाती है।

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