मेरी पालतू भेड़ पर निबंध- Essay on Sheep in Hindi- नमस्कार दोस्तों भेड़ एक पालतू पशु है. ये छोटे आकार की होती है, पर इसके अनेक उपयोग है. आज हम पालतू पशु भेड़ के बारे में संक्षेप में जानेंगे.
भेड़ पर निबंध Essay on Sheep in Hindi
आजकल पशुपालन भारत में तेजी से विकास कर रहा है. बढाती जनसँख्या के कारण लोगो की आजीविका के साधन बहुत कम है. इसलिए पशुपालन करना पड़ता है, जो एक व्यापार है.
सभी पशुओ में सबसे सस्ती भेड़ को माना जाता है, क्योकि ये अपना भोजन स्वय करती है. साथ ही बीमार हो जाने पर अपना इलाज भी खुद करती है.
भेड़ का दूध बहुत ही स्वादिष्ट होता है. इसके दूध में काफी मात्रा में प्रोटीन होता है, जो हमारे लिए बहुत जरुरी है. ये भारत सहित अनेक देशो में पायी जाती है. ये अलग अलग प्रजातियों की होती है.
कुछ भेड़ो के सिंग होते है. भारतीय भेद बिना सिंग की होती है. तथा इनका शरीर हमेशा ऊन से ढका रहता है. इसकी ऊन बहुत कीमती होती है. इसलिए इसकी ऊन को बेचकर लोग पैसा कमाते है.
भेड़ हर वातावरण में रहने के लिए अनुकूल होती है. अधिक सर्दी हो गर्मी ये सभी परस्तिथियो को सहन करती है. भेड़ एक स्तनधारी पशु है. इसके चार पैर, दो कान,दो आँखे होती है.
भारत में भेड़ पालन बहुत अधिक होता है. लेकिन आस्ट्रेलिया और चीन के बाद सबसे अधिक भेड़ पालने में भारत का नाम आता है. यहाँ की भेड़ो विदेशी भेड़ की तुलना में छोटी होती है.
भेड़ की लम्बाई 3 से 5 फिट तक होती है. वही इसका वजन 50 किलोग्राम होता है. इसका रंग प्रजाति के आधार पर अलग होता है. लेकिन भारतीय भेड़ो का रंग काला सफ़ेद तथा भूरा होता है.
मादा भेड़ एक बार में एक या दो बच्चो को जन्म देती है. इसका गर्भकाल 5 महीने का होता है. भेड़ के छोटे बच्चे को मेमना कहते है. एक सामान्यत एक भेड़ की आयु 10 वर्ष की होती है.
भेड़ से हमें दूध मांस ऊन इत्यादि प्राप्त होता है।इसका दूध पौष्टिक तत्वों से भरपूर होता है।इसके दूध में सबसे अधिक विटामिनों की मात्रा पायी जाती है।
भेड़ हमारे लिए बहुउपयोगी पालतू पशु है. ये बहुत चतुर होती है. ये सुनने में बहुत माहिर होती है. पर ये कभी चिक नहीं निकालती है. कई बार इसे कुत्ता,भेड़िया और शेर अपना शिकार बना लेते है. लेकिन ये कभी चिक नहीं निकालती है.
यही कारण है. आज भेड़ो की संख्या कम हो रही है. जंगलो में पायी जाने वाली भेड़ो को जंगलीभेड़ कहते है. ये भेड़ आकार तो पालतू भेड़ से बड़ी होती है. पहाडो पर चढ़ना इन्हें बहुत अच्छा लगता है.
भेड़ झुण्ड में रहना पसंद करते है. झुण्ड में इनकी रक्षा भी होती है. और साथ साथ टहलकर ये पहाड़ो पर घूमना बहुत पसंद करते है. ये शाकाहारी होती है.
भेड़ हमेशा एक झुण्ड में रहकर एक दुसरे के पीछे-पीछे चलती है हर समय भेड़ पंक्ति में चलती है. इसलिए कई बार किसी को देखकर उसके पीछे चलने पर कहते है, क्या भेड़ चाल चल रहा है.
भेड़ हरी भरी घास और पेड़ो की पत्तियाँ खाकर अपना जीवन जीते है. ये किसानो के लिए बहुत उपयोगी है. ये लम्बी यात्रा कर खुद ही भोजन प्राप्त करते है.
पशुओं का हमारे जीवन में विशेष स्थान होता है. पशु पालन आज श्रेष्ठ व्यवसाय भी है. भेड़ उन्ही पशुओ में गिना जाता है. ये बहुत उपयोगी पशु है. इसलिए हमें इसे पालना चाहिए.
भेड़ के बारे में जानकारी Essay on Sheep in Hindi
भारत मे भेड़ को मनुष्य से प्राचीन काल से हमारे पूर्वज पालते आये है। भेड़ चार पैरों वाला एक पालतु पशु है। भेड़ का जीवन अल्पकाल का होता है। उसका जीवन का औसत 10 वर्ष का होता है।
इस पूरे संसार मे भेड़ को पाला जाता है। जिसकी अलग-अलग देशो मे कई नस्ले पाई जाती है।भेड़ का दूध बहुत स्वादिष्ट होता है। तथा बहुत लाभदायी होता है। भेड़ को पालने का मुख्य उदेश्य यही होता है।
भेड़ के दो सिंग होते है। ये बहुत नुकीले होते है। ज़्यादातर भेदो के सिंग नहीं होते है। भेड़ के दो कान होता है। भेड़ बहुत तेजी से सुन सकती है। इनके सुनने की क्षमता सबसे ज्यादा होती है।
भेड़ का रंग निश्चित नहीं होता है। ये कई रंगो की होती है। इसके दो आंखे होती है। जिससे ये बहुत दूर-दूर तक आसानी से देख सकती है।
भेड़ के एक मुंह तथा एक नाक होता है। मुंह से यह घास-फूस खाती है। तथा नाक से यह श्वास लेती है। और ये बहुत दूर वस्तु को आसानी से सुंग सकती है। ये चालक तथा बहुत ही लाभदायी पालतू पशु है।ये एक दिन मे 4-5 लीटर दूध देती है।
भेड़ को पालने का सबसे बड़ा उदेश्य होता है। कि इससे मिलने वाली ऊन का व्यापार भेड़ पर बहुत ही ज्यादा ऊन मिलती है। ये ऊन बहुत उपयोगी होती है।
इसकी ऊन से कंबल, रज़ाई, दरिया, तथा ऊनी वस्त्रो को बनाया जाता है। ये एक सस्ता पालतू पशु भी है। इसे हर कोई पाल सकता है।