भारतीय रेलवे पर निबंध Essay on Indian Railway In Hindi: रेलगाड़ी महत्वपूर्ण परिवहन साधन हैं. भारत में पहली रेल चले करीब डेढ़ सौ वर्ष हो गये हैं. आजादी के बाद तंत्र को और अधिक तेजी से विकसित किया गया. भारत में अब मेट्रो ट्रेन पर भी तेजी से काम हो रहा हैं. आज के निबंध, भाषण अनुच्छेद में हम इंडियन रेलवे का इतिहास कार्यप्रणाली, महत्व और सुधारों के बारें में विस्तृत जानकारी इस निबंध में दी गई हैं.
Essay on Indian Railway In Hindi
भारतीय रेलवे (Indian Railway) हमारे देश का सबसे बड़ा सरकारी संगठन हैं. साथ ही आकार और कार्यक्षेत्र की दृष्टि से एशिया का सबसे बड़ा एवं संसार का दूसरा सबसे विशाल रेलवे नेटवर्क हैं. वर्ष 1854 में देश में अंग्रेजों द्वारा मम्बई और थाणे के मध्य पहली रेलगाड़ी चलाई गई थी. लार्ड डलहौजी के कार्यकाल में इसकी शरुआत हुई तब रेल का इंजन कोयले पर आधारित था. देश में रेलवे द्वारा करीब 20 लाख लोगों को प्रत्यक्ष रोजगार मिलता हैं.
अंग्रेजों ने अपने हितों को ध्यान में रखते हुए भारत में रेल प्रणाली की नींव रखी थी. देशभर के विभिन्न स्थानों से कच्चे माल की बन्दरगाहों तक कम समय में परिवहन के लिए एवं इंग्लैंड में निर्मित माल को देशभर में वितरित करने के उद्देश्य से रेलवे नेटवर्क को शुरू किया गया था. गोरों द्वारा रेलवे की सुविधा के कारण ही यहाँ के माल और लोगों का अधिकतम शोषण किया जाना सम्भव हुआ.
सही मायनों में भारत के हित में इस प्रणाली का नया अध्याय आजादी प्राप्ति के साथ हुआ. केंद्र सरकार ने रेलवे के संचालन के लिए रेलवे मंत्रालय की स्थापना की तथा रेलवे की समस्त जिम्मेदारियां विभाग को दी गई. भारत संघ के किसी भी राज्य के पास रेलवे में हस्तक्षेप का अधिकार नहीं रखा गया. केन्द्रीय सूची के विषय के रूप में रेलवे के एकीकरण और विकास की सम्पूर्ण जिम्मेदारी केंद्र सरकार और रेलवे मंत्रालय की होती हैं. रेल मंत्री विभाग का उच्चतम अधिकारी होता हैं.
अन्य क्षेत्रों की भांति रेलवे ने भी सुधारों को हाथोहाथ लिया और अपनी कार्यप्रणाली में कायाकल्प किया. कोयले से संचालित इंजन की जगह डीजल और इलेक्ट्रिक इंजन की तरफ रेलवे बढ़ रहा हैं. भारत में 65 हजार किलोमीटर लम्बा रेलवे मार्ग हैं जिनमें करीब 15 हजार किमी लाइन को विद्युकृत कर दिया गया हैं. सम्पूर्ण रेलवे को 11 जोन में बाँटा गया हैं. देशभर में करीब 12-13 हजार रेलगाड़ियाँ चलन में हैं. इस तरह भारत की जीवन रेखा के रूप में रेलवे महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहा हैं.
आजादी के बाद से कुछ वर्षों पूर्व तक संसद में आम बजट के साथ साथ रेलवे बजट अलग से पेश किया जाता था, मगर अब दोनों बजट का एकीकरण कर दिया गया हैं. भारतीय रेलवे के पास समस्त तरह के साधन हैं अपने यात्रियों एवं माल की सुरक्षा के लिए एक अर्द्ध सैनिक बल जिन्हें RPF यानी रेलवे सुरक्षा बल कहा जाता हैं इनका गठन भी किया गया हैं. विभाग के पास अपना ओडिट विभाग भी है जो समस्त लेन देन और खर्च का हिसाब रखते हैं.
भारतीय रेलवे के पास वर्तमान में 8000 रेलवे स्टेशन हैं. इन सभी स्टेशन में कर्मचारियों के लिए आवासीय कोलोनी तथा डिस्पेंसरी भी उपलब्ध हैं. रेलवे की कमाई का बड़ा भाग माल ढोने से मिलता हैं. देश के व्यापार और अर्थव्यवस्था में रेलवे एक भरोसेमंद साथी की भूमिका अदा कर रहा हैं. देश के कुल माल परिवहन का लगभग 40 प्रतिशत भाग रेलवे का हैं. किसी बड़ी दुर्घटना अथवा आपदा के समय भी रेलवे द्वारा परिवहन, भोजन चिकित्सा की सुविधा उपलब्ध कराकर लोगों को सुरक्षा का अनुभव कराती हैं.
इंडियन रेलवे अपने पेसेंजर को उनकी सहूलियत और बजट के हिसाब से सफर करने का अवसर देता हैं. मुख्य रूप से पेसेंजर ट्रेन में तीन वर्ग हैं. पहला सामान्य वर्ग जिसमें आम आदमी कम दाम में टिकट खरीदकर सफर कर सकता हैं. दूसरा वर्ग आरक्षित श्रेणी का हैं, लोग अपनी सुविधा के मुताबिक़ रिजर्वेशन करवा सकते हैं. रिजर्व श्रेणी में यात्रियों को सोने की सुविधा भी दी जाती हैं. तीसरा वर्ग फर्स्ट क्लास यानी उच्च श्रेणी है जो अमीर लोगों के लिए हैं आरामदायक कक्ष बड़ी बड़ी सीट, एयरकंडीशनर रूम और सभी तरह की सुविधाएं उपलब्ध रहती हैं. रेलवे द्वारा तीनों तरह के डिब्बे अलग अलग रखे जाते हैं.
भारतीय रेलवे ने यात्रियों के सफर को और अधिक आराम दायक बनाने के लिए कई तरह की पहल की हैं, जिनमें ऑनलाइन टिकट बुकिंग, शताब्दी और राजधानी जैसे तीव्रगामी गाड़ियाँ भी शुरू की हैं. जहाँ यात्रियों को दिन के तीन समय का भोजन भी उपलब्ध करवाया जाता हैं. राजस्थान के पर्यटन मंत्रालय ने लक्जरी ट्रेन पैलेस ओन व्हील्स नामक गाड़ी की शुरुआत भी की हैं. राजस्थान के पर्यटन स्थलों की यात्रा कराने वाली इस गाड़ी में सभी सुविधाएं उपलब्ध हैं, इस तरह कहा जा सकता हैं भारतीय रेलवे आज आम जीवन का एक अभिन्न अंग बन चूका हैं.