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वकील पर निबंध | Essay On Lawyer In Hindi

वकील पर निबंध Essay On Lawyer In Hindi

भारत देश मे हम उस व्यक्ति को वकील (lawyer) मानते है। जो कानूनों तथा मुकदमों (Laws and lawsuits) में हमारे पक्ष की और से न्यायालय (Court) मे प्रस्तुति देता है। 

वकील का सीधा अर्थ होता है। न्यायालय मे किसी दूसरे व्यक्ति की और से बोलने वाला व्यक्ति ही वकील होता है। वकील की पहचान हम उनके पहनावे से लगा सकते है। 

वकील काले कोट एवं सफेद कमीज पेंट  व टाई नुमा बैंड की  विशिष्ट पौशाक (Dress) का प्रयोग करते है। उनकी ये अपनी पौशाक होती है। 

वकील की सबसे बड़ी विशेषता भी इनकी पौशाक ही होती है। वकील को कई और अन्य नामो से भी जाना जाता है। जिसमे प्रमुख रूप से उन्हे ज़्यादातर अधिवक्ता, अभिभाषक व वकील ऐडवोकेट आदि के नाम से जाना जाता है

वकील (lawyer) के अनेक अर्थ होते है। जैसे- अधिवक्ता (Advocate),अभिभाषक या वकील परंतु हम वकील उस व्यक्ति को मानते है। जो न्यायलय (Court) मे किसी दूसरे व्यक्ति के लिए वाद का प्रतिपादन करने का अधिकार प्राप्त कर चुका हो। उसे हम वकील की संज्ञा देते है।

अधिवक्ता दलील के रूप मे अपनी प्रस्तुति करता है। दलीलों का प्रयोग मुख्य रूप से कानून के संदर्भ के लिए किया जाता है। 

वकील की प्रमुख स्थिति उनके बात को न्यायलय के सामने अपनी बात को प्रस्तुत करने के तरीके , अपने ज्ञान के आधार पर, अपने कौशल तथा भाषा शक्ति के आधार पर वकीलो को न्यायालय मे प्रस्तुत किया जाता है। 

अधिंकांश लोगो द्वारा वकील को रखने का प्रमुख कारण इसे ही माना जाता है। वकील को सरकारी कानूनों का व्यावसायिक अध्ययन होता है। इसलिए इन्हे कानूनविद् भी माना जाता है।

वर्तमान मे भारतीय न्यायलयों मे वकीलो के अधिवक्ता, अभिभाषक और एडवोकेट वकील के शब्द का प्रयोग किया जाता है।

वकील बनने के काउंसिल ऑफ़ इंडिया के द्वारा आयोजित परीक्षा मे उच्च अंको के साथ उतीर्ण करना पड़ता है। इसे उतीर्ण करने पर डिग्री मिलती है। जिससे इस परीक्षा मे उतीर्ण करने के बाद उस व्यक्ति को लॉयर (अधिवक्ता को अँग्रेजी भाषा मे लॉयर कहा जाता है।) कहते है।

भारतीय न्यायप्रणाली मे वकीलो को दो श्रेणियाँ मे बांटा गया है।-

1. वरिष्ठ अधिवक्ता (ऐडवोकेट) Senior Advocate 

2. अधिवक्ता (वकील) Advocate

वकील (अधिवक्ता) शब्द एंव परिभाषा 

'वकील' शब्द अरबी भाषा का शब्द है। जिसे हम हिन्दी मे अधिवक्ता, पैरवीकार या प्रतिनिधि कहते है। इसे लाॅयर और वकील भी कहते है। लॉयर तथा वकील मे वर्तमान स्थिति के हिसाब से अंतर है। 

वह लाॅयर और पूर्ण रूप से स्थायी 'अधिवक्ता' वही है जो विद्यार्थी जीवन खत्म करके अदालती कार्यों में कृयान्वित है। दोनों के बीच कम भिन्नता के कारण इन्हे समान माना जाता है। 

इसलिए इन्हे वकील ही कहते है। वह व्यक्ति जो वक़ालत की परीक्षा को उतीर्ण कर अदालतों में किसी दूसरे व्यक्ति की और से लड़ने वाला अधिवक्ता या वकील का का मतलब यह होता है। 

वह इंसान जो खुद से ज्यादा दूसरे के बारे मे बोले तथा सभी व्यक्तियों को न्याय दिलाने वाले व्यक्ति को हम अधिवक्ता या वकील का नाम देते है।

वकील क्या है? (What is a lawyer?)

वकील का नाम तो आप काफी समय से सुन रहे हो पर ये आप नहीं जानते होंगे। कि वकील क्या होता है? वकील वह होता है। जो न्यायलय मे लोगो के लिए लड़ता है। या हम इसे यह भी कह सकते है।

लोगो को अपना न्याय दिलाने वाला व्यक्ति ही वकील या अधिवक्ता होता है। वह हमारे पक्ष की से दलीलों तथा जजो के सामने अपनी प्रस्तुति देता है। वकील दो प्रकार के होते है। 

1.सरकारी वकील  (Government Advocate) 
2.प्राइवेट वकील (Private Government)

हर व्यक्ति के अपने  कर्तव्य होते है। और उन्हे अपने कर्तव्य की पालना करनी चाहिए। भारतीय वकीलो को अधिवक्ता अधिनियम एवं बार काउंसिल ऑफ इंडिया रूल्स के कर्तव्य का पालन करना चाहिए।                 

एक वकील के अदालत के प्रति प्रमुख कर्तव्य होते है-

  • गरिमापूर्ण तरीके से कार्य करना
  • न्यायालय का सम्मान करना
  • न्यायिक अधिकारी से अकेले में संवाद नहीं करना 
  • विपक्ष के प्रति गैरकानूनी तरीके से कार्य करने से इंकार करना
  • अनुचित साधनों पर जोर देने वाले मुवक्किलों का प्रतिनिधित्व करने से इंकार करना
  • अपने कार्य पर खुद को झोंक देना। 
  • गलत कागजाद को जमा न करे। 
  • इन्हे अपने कानूनी व्यवसाय के आधार पर अपना कार्य करना चाहिए। 

वकील कैसे बने पूरी जानकारी (How to become a lawyer)

हर व्यक्ति अपने देश की किसी-न-किसी तरह सेवा करना चाहता है। यदि आप भी एक वकील बनकर देश के दरिद्र (गरीब) लोगो की सेवा करना तो चाहते है परंतु आप ये जानना चाहते है। कि वकील कैसे बने? एक वकील बनने के लिए वकालत की पढ़ाई को पूर्ण करना होता है। जिसे वकालत कहते है।

 वकालत की पढ़ाई (Bachelor of law) द्वारा कराई जाती है। एलएलबी का पूरा नाम या फुल फॉर्म (Bachelor of law) के कोर्स को करने के लिए दो प्रोग्राम बनाए गए है। 

जिसमे एक प्रोग्राम मे 3 साल की पढ़ाई होती है। तथा दूसरी मे 5 साल की होती है। 5 वर्ष के प्रोग्राम को करने के लिए कई कोर्स उपलब्ध है। 

5 वर्षीय  कार्यक्रम 
इसके द्वरा आप अपनी स्नातक की डिग्री को वकालत मे ही पूर्ण करते है। 5 वर्षीय योजना के कोर्स को करने के लिए सरकार द्वारा कई कोर्स के उपलब्ध होते है। 
  • Bachelor of Arts and bachelor of law (BA.LLB)
  • Bachelor of Business Administration and a bachelor of laws (BBA.LLB)
  • Bachelor of Commerce and bachelor of laws (B.Com.LLB)
  • Bachelor of social work and bachelor of laws (BSW.LLB)
  • Bachelor of Science and bachelor of laws (BSc.LLB)
  • Bachelor of Science in Law (BSL)
इन सभी कोर्स को करने के लिए 12वी की बोर्ड परीक्षा मे 45 प्रतिशत से अधिक अंक प्राप्त कर उतीर्ण करना होता है। वकालात की पढ़ाई के लिए ज़्यादातर कॉलेजो मे प्रवेश परीक्षा होती है। 

उसके आधार पर प्रवेश दिया जाता है। और कुछ कॉलेजो मे 12 कक्षा के अंको के आधार पर कॉलेजो मे दाखिला दिया जाता है।

3 वर्षीय कार्यक्रम 

ये योजना ग्रेजुएशन के बाद वकालत करने वाले छात्रों के लिए है। ये योजना उन छात्रों के लिए है। जो वकालत करके और वकील के बनने की सोच रखते है। इसलिए ये योजना भारत सरकार द्वारा उपलब्ध कराई जा रही है। 3 वर्षीय योजना मे भाग लेने के लिए कई योग्यताओ का का होना आवश्यक होता है। 

जिसमे 12वीं की परीक्षा कम से कम 50% अंकों के साथ पास करना आवश्यक होता है। तथा किसी मान्यता प्राप्त यूनिवर्सिटी से ग्रेजुएशन को करना होगा। इस कोर्स को इंजीनियरिंग कर रहे छात्र भी कर सकते है।    

वकील बनने के लिए न्यूनतम कितनी आयु की जरूरत होती है?

प्रत्येक वह व्यक्ति जो सरकारी नौकरी को प्राप्त करता है।  जिसके अनुरूप हर व्यक्ति को अपनी नौकरी के लिए व्यक्ति एक निश्चित आयु होती है। जिसमे सरकारी वकील बनने के लिए कम से कम 35 वर्ष की की आयु होती आवश्यक होती है। 

35 वर्ष की आयु से पूर्व कोई भी व्यक्ति सरकारी वकील नहीं बन सकता है। वकील बनने के लिए 35 वर्ष की आयु को पार करना जरूरी होता है। उम्र सीमा के साथ-साथ उस व्यक्ति के पास 7 साल से अधिक वकालत का अनुभव होना आवश्यक होता है। 

मैं एक वकील क्यों बनना चाहता हूँ? Why do I want to be a lawyer?

एक वकील का कार्य होता है। न्याय दिलाना। वकील हमारी सामाजिक समस्याओं से मदद कराते है। जिसके कारण हमे अपना अधिकार या न्याय मिल सके। 

भारत सरकार मे हर कार्य को करने के लिए कुछ कानून बनाए गए है। यदि कोई व्यक्ति कानून के नियमो की अवलोकना करता है। तो उस व्यक्ति पर कोर्ट की और से मुकदमा दर्ज कराया जाता है। 

इससे निपटने के लिए उस व्यक्ति को कोर्ट मे एक वकील को पेस करना होता है। इस समय वकील की जरूरत होती है। 

प्रत्येक व्यक्ति के जीवन मे अपना-अपना अलग लक्ष्य होता है। जिसमे- डॉक्टर, शिक्षक, इंजीन्यर, फौजी, आदि मे लोग ज्यादा रुचि रखते है। परंतु मेरा लक्ष्य इन से भिन्न है। 

मेरा लक्ष्य है। एक सफल वकील बनकर देश के सभी लोगो को उनका अधिकार और सभी को अपना न्याय दिलाने का प्रयास करूंगा। 

मेरे बचपन से ही मेरी रुचि एक वकील बनने की थी। मुझे बचपन से ही वकील बनकर लोगो को न्याय दिलाना मुझे बहुत ही पसंद था। 

मेरे शिक्षक तथा परिवारजनों ने मुझे इसी लक्ष्य पर चलने को कहा। मै छोटी अवस्था से ही चोरों, अपराधियों तथा डकैतो को दंडित करने के लिए बहुत उत्सुक हुआ करता था।

न्यायलय मे वकीलो द्वारा कालाकोट क्यो पहना जाता है?

वकीलो तथा न्यायाधीश की पौशाक को कालाकोट कहते है। जिसके पिछले हिस्से मे कई प्रकार के संकेत दिये होते है। अधिवक्ता अधिनियम 1961 के तहत वकीलो तथा न्यायाधीशो को न्यायलय के भीतर अपनी पौशाक (कालाकोट तथा टाई) पहनना अनिवार्य है। 

न्यायलय की पौशाक (कालाकोट) सर्वप्रथम किसने पहनी थी?

कालेकोट नियम का जन्मदाता इंग्लैंड को माना जाता है। क्योकि सर्वप्रथम कालेरंग का कोट इंग्लैंड मे ही किंग चार्ल्स दि्तीय द्वारा पहना गया था। इसके बाद 1685 मे किंग चार्ल्स दि्तीय की मृत्यु हो गई। 

फिर कोर्ट के सभी वकीलो ने शौक प्रकट करने के लिए काले कोट को पहना था। इसके बाद से ही कालेकोट का कोर्ट मे उदय हुआ था।

दुनिया का पहला वकील World's first lawyer

वर्तमान मे भारत सहित सभी देशो मे अनगिनत वकील उपलब्ध है। वकील के पद पर पहली बार बाइबल में वर्णन किया। बाइबल के बाद कई ग्रीक वैज्ञानिको ने इस वर्णन किया था। 

एक प्रश्न बनता है। कि दुनिया का प्रथम वकील कौन था? दुनिया का प्रथम वकील 'ज़ेनस' था। जो कि दुनिया का पहला वकील था।
 
दुनिया का पहला वकील किस देश से था? Which country was the first lawyer in the world?
दुनिया का पहला वकील जेनस इंगलेड (ब्रिटेन) से था।

 अमेरिका मे 1848 मे इस पेशे को अस्तित्व मिला था। उसके बाद ये पेशा दुनिया के प्रत्येक भाग मे आग की तरह फ़ेल गया। अमेरिका मे प्रथम वकील महिला 'अरबेला मैन्सफील्ड' थी। तथा भारत की प्रथम महिला वकील 'कोर्नेलिया सोराबजी' थी।
वकील के गुण
देश मे चल रहे लोगो के आपसी विवादो के निस्तारण मे वकील का बहुत ही बड़ा योगदान होता है। किसी भी व्यक्ति को न्याय दिलाना वकील की ज़िम्मेदारी या उनका यह धर्म माना जाता है। 

वकील का सबसे ज्यादा ज़िम्मेदारी का होता है। वकील बनने के लिए एक लंबा सफर तय करना पड़ता है। वकालत मे जाकर कठोर मेहनत तथा लग्न के साथ मेहनत करनी पड़ती है।
 
एक वकील के क्या गुण होने चाहिए? What are the qualities of a lawyer?
  • किसी भी व्यक्ति की बात को अच्छे से समझना तथा बेहतर तरीके से व्यक्ति उस व्यक्ति को जवाब देना। 
  • वकील किसी दूसरे पर निर्भर नहीं होते है। वे खुद को स्वतंत्र मानते है। उनकी एक स्वतंत्र  तथा निष्पक्ष सोच होनी चाहिए।
  • एक वकील का कुशल व्यवहार होना चाहिए।
  • एक प्रभवशाली वकील का होना।
  • अपने पक्ष की और से ढृढता तथा मजबूती  से लड़ने चाहिए।
  • वकील मे अनुसंधान कौशल होना चाहिए। 
  • एक वकील मे जवाब देने का लिहाज या बेहतर तरीका होना चाहिए। 
  • वकील की हमेशा एक तार्किक सोच तथा उसे पूरे करने की क्षमता होनी चाहिए। 
  • वकील मे परस्थिति के मुताबिक अच्छा निर्णय लेने की समझ होनी चाहिए। 
  • एक वकील को किसी भी तरह से धर्म या जातिवाद नहीं करना चाहिए।

लॉयर तथा एडवोकेट मे अंतर Difference between Loire and Advocate 

लॉयर तथा एडवोकेट को हम अपनी भाषा मे एक ही मानते है। परंतु इनके कार्यो तथा इनकी स्थिति मे बहुत अंतर होता है। लॉयर तथा एडवोकेट के अंतर निम्नलिखित है- 
एडवोकेट (Advocate) 
  • एडवोकेट शब्द का प्रयोग अमेरिका मे नहीं किया जाता है। इसका प्रयोग यूनाईडेड किंगडम मे किया जाता है।  
  • लॉयर की तूलना मे एडवोकेट एक विशेष प्रकार का शब्द है।
  • ग्राहको का प्राधिनितित्व करना एडवोकेट का कार्य होता है। 
लॉयर (Loire)
  • लॉयर शब्द का प्रयोग अमेरिका मे भी किया जाता है।
  • लॉयर एक बहुत ही प्रचलित शब्द है।
  • एक लॉयर का कार्य कानूनी सलाह देना तथा किसी मामले मे जनहित याचिका दाखिल करना एक लॉयर का काम होता है।  

 निष्कर्ष 

जिस प्रकार मेरा सपना एक वकील बनकर देश के सभी दरिद्र लोगो की सेवा करना है। लोगो को इंसाफ दिलाना आदि है। उसी प्रकार आप सभी को भी ईमानदारी तथा निस्वार्थ भाव से सभी लोगो की सेवा करनी चाहिए। आज की युवा पीढ़ी को वकील बनने की और आकर्षित करना है। 

जिससे हमारे देश के हर नागरिक को अपना न्याय मिलें। तथा न्यायालय मे न्याय भी मिलता है। देश के सभी लोगो के मन मे ये जिज्ञासा होनी चाहिए। जो कि आज के मनुष्य मे नहीं है। देश के विकास मे एक ईमानदार तथा नीस्वार्थी वकील की महत्वपूर्ण भूमिका होती है।