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डाकघर पर निबंध | Essay on Post Office In Hindi

डाकघर पर निबंध Essay on Post Office In Hindi

संचार के साधनों में डाक एक महत्वपूर्ण साधन हैं, डाक का इतिहास वैसे तो सदियों पुराना है मगर आधुनिक डाक का स्वरूप भारत में अंग्रेजों की देन हैं.

18 वीं सदी में ब्रिटिश सरकार ने ख़ुफ़िया तंत्र को अधिक प्रभावी बनाने के लिए डाकघर का उपयोग शुरू किया. देश में पहली बार 1688 में मुंबई में देश का पहला डाकघर अंग्रेजों ने खोला.

कालान्तर में ब्रिटिश सरकार ने डाकघर को सिविल सेवाओं के लिए खोल दिया तथा देशभर में अलग अलग महत्व के स्थानों पर पोस्ट ऑफिस खोली गई.

1 अक्टूबर 1854 को आधिकारिक रूप से डाक विभाग को मान्यता देकर विधिवत रूप से भारत में शुरू किया गया. अपने शुरूआती दौर में डाकघर सूचना के आदान प्रदान के माध्यम थे, एक जगह से दूसरे स्थान पर डाकिये द्वारा पोस्ट कार्ड बांटे जाते थे.

वर्तमान में संसार के सबसे डाक सेवाओं में भारतीय डाक सेवा प्रमुख हैं. इसे केंद्र सरकार द्वारा संचालित किया जाता हैं. डाकघर द्वारा अनेको प्रकार की सुविधाएं प्रदान की जाती हैं.

देश के छोटे गाँव, कस्बें से लेकर शहर और हर राज्य में लाखों की संख्या में डाकघर उपलब्ध हैं. डाकघरों के माध्यम से लिफाफा, मनी आर्डर और पोस्ट कार्ड एक स्थान से दूसरे डाक पत्ते पर आसानी से भेजा जा सकता हैं.

प्रत्येक डाकघर का एक प्रमुख होता है जिन्हें पोस्ट मास्टर कहा जाता हैं. जिनका कार्य डाक के डिब्बे में प्राप्त डाक को गन्तव्य स्थान पर पहुचाना होता हैं. 

कालान्तर में सूचना के एक स्थान से दूसरे स्थान पर पहुचाने की कोई ख़ास व्यवस्था नहीं हुआ करती थी, कबूतर आदि के माध्यम से संदेश भेजे जाते थे. 

धीरे धीरे उस प्रणाली में सुधार आया और डाकघर अस्तित्व में आए. अब न केवल संदेश, सूचना बल्कि छोटे बड़े सामान और पैसे का लेन देन भी डाकघर द्वारा किये जाने लगे हैं.

डाकघर के कार्य पर निबंध हिंदी में (Essay on post office work in hindi)

डाकघर का महत्व ( Importance of Post Office )

सार्वजनिक जीवन में उपयोग आने वाली महत्वपूर्ण संस्थाओं में डाकघर भी हैं. इसकी मदद से हम अपने पार्सल या कागजात को कही भी भेज सकते है अथवा घर बैठे आसानी से प्राप्त कर सकते हैं. 

अपने घर से कही भी दूर रहकर भी अपने परिवार और रिश्तेदारों को अपने संदेश अथवा कोई वस्तु आसानी से डाक के जरिये प्रेषित कर सकते हैं. डाकघर के जरिये हम पंजीकृत पत्र, जन्मदिन की शुभकामनाएं, पार्सल और मनी ऑर्डर आदि भेज सकते हैं.

बदलते वक्त और संचार के साधनों में वृद्धि के साथ ही डाक घर और डाक प्रणाली की उपयोगिता जरुर कम हुई है मगर फिर भी इसका महत्व खत्म नहीं हुआ हैं. 

डाक पत्र वितरित करने वाले पोस्टमैन (डाकिया) के साथ हमारे विशिष्ट सम्बन्ध होते हैं. कई बार हम ऑनलाइन खरीददारी की डिलीवरी भी डाक के जरिये पोस्ट ऑफिस से ही प्राप्त करते हैं.

डाकघर ने हमारे जीवन में कई मुश्किलों को सरल किया हैं. सरकारी योजनाओं से जुड़े लाभ हमें डाक के जरिये ही प्राप्त होते हैं. विद्यार्थी, वृद्ध,महिलाओं के लिए छोटी छोटी बचत योजनाएं जीवन में कई बार बहुत कारगर साबित होती हैं. 

डाकघर हमारे समय और धन दोनों की बचत कर आवश्यक वस्तु को हमारे द्वार तक पहुचाता हैं, एक तरह से जीवन में डाकघर जनसेवा केंद्र की भूमिका निभाकर अपनी उपयोगिता सिद्ध कर रहे हैं. 

समाज के सभी तबके के लोग इससे लाभ प्राप्त करते हैं. खासकर व्यापारी वर्ग के लिए यह वरदान से कम नहीं हैं, उन्हें बहुत कम खर्च में अत्यधिक सुविधाएं डाकघर उपलब्ध करवाता हैं.

डाकघर एक केन्द्रीय संस्थान है जो लोगों द्वारा प्रेषित लिफाफों, पोस्ट कार्ड, मनी आर्डर और सामान को गन्तव्य स्थल तक पहुचाने का काम करते हैं. 

साथ ही ये पोस्ट कार्ड और डाक टिकेट के अलावा बचत योजनाएं, पेशन सेवाएं तथा लोकर की भूमिका भी अदा करते हैं. हजारों किलोमीटर दूर दराज के क्षेत्रों में जहाँ आज भी संदेश और सामान पहुचाने के साधन उपलब्ध नहीं है वहां डाकघर का आम जीवन में महत्वपूर्ण स्थान हैं.

सरकारी दस्तावेज, बैंक आदि द्वारा भेजे गये दस्तावेज, कार्ड आदि भी ग्राहकों तो डाक द्वारा ही पहुचाएं जाते हैं, प्रत्येक भारतीय तक आधार कार्ड समेत अधिकतर सरकारी योजनाओं के दस्तावेज भी डाक घर के माध्यम से ही पहुचाएं जाए गये हैं. 

कई ऑनलाइन शोपिंग साइट्स का भारतीय डाक सेवा के साथ अनुबंध हैं, बहुत कम सेवा शुल्क में यह ग्राहक तक उनकी सामग्री को पहुचाने का कार्य करते हैं. 

हम अपनी छोटी छोटी बचत के पैसे को भी पोस्ट ऑफिस में सुरक्षित रख सकते हैं, हमें इस पर उचित ब्याज भी मिलता हैं.