100- 200 Words Hindi Essays 2024, Notes, Articles, Debates, Paragraphs Speech Short Nibandh Wikipedia Pdf Download, 10 line

कल्पना चावला पर निबंध Essay on Kalpana Chawla in Hindi

कल्पना चावला पर निबंध-हमारे देश में सभी को समान अवसर मिलते हैं इसी कारण हमारे देश की उन्नति में महिलाएं तथा पुरुष दोनों अपना महत्वपूर्ण योगदान देते हैं। हमारे देश के विकास में अनेक महिलाओं और पुरुषों ने अपना बलिदान देकर देश के लिए उन्नति की जिसमें प्रमुख नाम अंतरिक्ष यात्री कल्पना चावला का आता है कल्पना चावला भारत की पहली अंतरिक्ष यात्री रही आज के इस आर्टिकल में हम अंतरिक्ष यात्री कल्पना चावला पर निबंध के माध्यम से कल्पना चावला के जीवन के बारे में संपूर्ण जानकारी पढ़ेंगे।

कल्पना चावला पर निबंध Essay on Kalpana Chawla in Hindi

कल्पना चावला पर निबंध Essay on Kalpana Chawla in Hindi
  1. कांग्रेस नल अन्तरिक्ष पदक,
  1. नासा विशिष्ट सेवा पदक
  1. और नासा अन्तरिक्ष उडान पदक

कल्पना चावला का जीवन परिचय- कल्पना चावला भारत की सर्वप्रथम अंतरिक्ष यात्री तथा विश्व की दूसरी महिला अंतरिक्ष यात्री रही। 

कल्पना चावला का जन्म 8 जुलाई 1961 को करनाल जिले हरियाणा में हुआ। कल्पना चावला के पिता का नाम बनारसी लाल चावला तथा माता का नाम सँज्योति देवी था कल्पना का जन्म एक साधारण परिवार में हुआ.

कल्पना चावला के परिवार में उनकी दो बहन दीपा और सुनीता तथा एक भाई संजय था.कल्पना चावला अपने परिवार में सबसे छोटी होने के कारण वह बचपन से ही लाडली थी. 

चावला ने अपनी प्रारंभिक शिक्षा टैगोर बाल निकेतन स्कूल से की बचपन से की। कल्पना चंद्रमा की सैर करने की इच्छा रखती थी। कल्पना चावला की इस इच्छा को शिक्षकों और उनके पिताजी ने काफी पसंद किया और उन्हें यह कार्य करने के लिए  प्रेरित किया। 

कल्पना के पिता का मानना था कि व्यक्ति को जैसे क्षेत्र में भी  कार्य करने की रुचि होती है उसी कार्य  मैं उसे लगा देना चाहिए।

कल्पना को फ्लाइंग एयरोबेटिक्स हवाई जहाज बहुत अच्छी लगती थी.और साथ ही कल्पना एक प्रेमी भी थी.कल्पना को संगीत सुनना बहुत पसंद था.

अपनी प्रारंभिक शिक्षा पूर्ण करने के बाद कल्पना चावला ने इंजीनियरिंग स्नातक की डिग्री प्राप्त की। इसके बाद आगे की शिक्षा ग्रहण करने के लिए अमेरिका गई। और वही से कल्पना चावला का अंतरिक्ष जीवन शुरू होता है और 1988 में कल्पना चावला विश्व की सबसे बड़ी अंतरिक्ष कंपनी नासा में चावला प्रवेश करती है।

इस समय कल्पना पिएरे हैरि से शादी करती है.तथा अमेरिका का नागरिक बन जाती है.
कल्पना चवाका को 1993 में कैलिफोर्निया में एक खोज  ज्वाइन  पर रिसर्च करने के लिए चावला को उस टीम का नेतृत्व करता बनवाया.

ये रिसर्च मूविंग मल्टीप्ल बॉडी प्रॉब्लम का था.जिसे कल्पना ने अपने नेतृत्व में सफलता से पूर्ण कर दिया.इसके बाद भी 1994 में कल्पना ने अनेक रिसर्च किये जिनमे उन्हें कई सफलता भी मिली थी.

इसके बाद कल्पना चावला ने नासा के लिए काफी सालों तक काम किया कल्पना चावला एक महिला होने पर भी उसने अपने हुनर को बनाए रखा और उड़ान भरने के इस लक्ष्य को पूरा करने की ठान ली और कठोर मेहनत और ईमानदारी के बलबूते पर कल्पना चावला को पहली बार अंतरिक्ष में उड़ान भरने का मौका मिला और इस मौके को कल्पना चावला ने खुशी खुशी प्राप्त किया इस उड़ान में कल्पना चावला बहुत खुश हुई क्योंकि वह उनके जीवन का पहला उड़ान था।

कल्पना को सफलता उस समय मिली जब वह पहली यात्रा कर रही थी. कल्पना ने अपनी पहली यात्रा 1997 में  एसटीएस- 87 द्वारा की जिसमे उनका मिशन को पूर्ण होने में 2 सप्ताह समय लगा.और 10.4 milion किलोमीटर की दुरी तय की.

इस यात्रा में कल्पना ने अनेक प्रयोगों को अंजाम दिया.इस दौरान कल्पना ने पृथ्वी के 252 चक्कर लगाए.और 376 घंटे अन्तरिक्ष में रहकर काफी प्रयोग कर कल्पना सुरक्षित रूप से वापस पृथ्वी पर लौटी.

इस समय कल्पना का स्वागत करने के लिए अनेक लोग तैयार थे.सभी ने कल्पना को बधाईयाँ दी.तथा इसी आगे बढ़ने और देश का नाम उज्जवल करने के लिए प्रेरित किया.

इस यात्रा के बाद कल्पना विश्व प्रसिद्द हो गई.और आज हर व्यक्ति कल्पना को जनता है.अभी तो इस यात्रा से अन्तरिक्ष जीवन की शुरुआत हुई थी.

इसके बाद कल्पना चावला को  अपनी पसंदीदा स्थान चांद पर जाने का मौका मिला यह यात्रा कल्पना चावला के जीवन की दूसरी तथा अंतिम यात्रा रही यह यात्रा  16 जनवरी 2003 को कोलंबिया स्टाइल से  शुरू हुई । 

इस यात्रा में कल्पना चावला और उनके साथ साथी चांद पर कदम रखने के लिए अंतरिक्ष में गए और इसमें वे सफल भी रहे और चंद्रमा पर जाने वाली भारत की पहली महिला के रूप में कल्पना चावला सामने आई। 

अंतरिक्ष में कल्पना चावला और उनके साथियों ने काफी काफी समय तक कार्यरत रहे। इसके बाद जब कल्पना चावला और उनके साथी वापस पृथ्वी की ओर  चल पड़े तो सभी भारतीय और नासा कंपनी इनका इंतजार था। 

नासा कंपनी को अपने कैरियर की सबसे उड़ान पूर्ण होने वाली ही थी. पर दुर्भाग्यवश पृथ्वी से 200 फीट की ऊंचाई पर रॉकेट का संपर्क टूट जाने के कारण वापस नियंत्रण में नहीं आप आने के कारण पृथ्वी से कुछ ही दूरी पर कल्पना चावला और उनके साथ साथियों ने अपने प्राण न्योछावर कर दिए। 

और ये खबर जब नासा और अन्य लोगो को हुई तो सभी बहुत नारज हुए.खासकर भारतीय लोग जो कल्पना का बेसब्री से इंतजार कर रहे थे.

कल्पना चावला की ये खबर आग की तरह पुरे विश्व में फ़ैल गई.जिस कारण सभी की आँखों में आंसू देखने को मिले.देश की एक अन्तरिक्ष यात्री ने अपने देश के लिए अपने प्राण न्योछावर कर दिए.

कल्पना ने अन्तरिक्ष में उडान भर हमारे देश का काफी नाम रौशन किया.और आज भी कल्पना के नाम को सलाम करते है.
 
कल्पना चावला भारत की पहली महिला वैमानिकी इंजीनियर थी.तथा विश्व की दूसरी अन्तरिक्ष यात्री थी.कल्पना एक साधारण लड़की होने पर भी उसने अपने कार्यो से सभी को प्रभावित किया.और आज हम उसे आदर्श मानते है.और हमारे लिए प्रेरणा का स्रोत है.

कल्पना अपने देश के लिए बलिदान के साथ-साथ आज की महिलाओ के एक प्रेरणा का स्रोत बन चुकी है.कल्पना ने देश के लिए इस बलिदान हो हम कभी नहीं भूल सकते हमेशा इतिहास के पन्नो में कल्पना का नाम अग्रणी रहेगा.भगवान् उनकी परम आत्मा को शांति प्रदान करें.

कल्पना चावला के इस अदभुत बलिदान के लिए उनके नाम पर कई तारामंडल तथा मेडिकल कोलेज भी खोले गए है.साथ ही कई संस्थाए भी खोली गई है.कल्पना को मरणोपरांत नासा ने कई आवार्ड भी दिए.

ये आवार्ड आज भी अन्तरिक्ष यात्रियों को सफल परिक्षण करने पर नासा की ओर से दिए जाते है.और 2004 में कल्पना के नाम पर कामक सरकार द्वारा आवार्ड भी दिए जाने लगे.और कल्पना के नाम पर उनके गाँव में अंतरिक्ष प्रौद्योगिकी सेल की स्थापना की गई.

प्रिय दर्शको उम्मीद करता हूँ,आज का हमारा लेख कल्पना चावला पर निबंध Essay on Kalpana Chawla in Hindi आपको पसंद आया होगा.यदि लेख अच्छा लगा तो इसे अपने दोस्तों के साथ शेयर करें.