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जल संरक्षण पर निबंध Essay on Save Water in Hindi

जल संरक्षण निबंध Jal Sanrakshan Par Nibandh- जल जीवन का आधार है. जल से ही हमारा जीवन संभव है. जल हमारे लिए बहुत महत्वपूर्ण है. इसलिए हमें इसके संरक्षण की जरुरत है. आज इस आर्टिकल में हम जल संरक्षण पर निबंध के माध्यम से जल संरक्षण के बारे में विस्तार से पढेंगे.

जल संरक्षण निबंध Essay on Save Water in Hindi

जल प्रकृति द्वारा दिया गया एक अनमोल उपहार है. जल प्राकृतिक संसाधन है. प्रकृति के इस संसाधन के कारण आज हम जीवन व्यापन कर रहे है. जो कि जल के बिना असंभव है.

आज जल के संसाधन सिमित ही रह गए है. इसलिए हमें जल का संरक्षण कर उसका सदुपयोग करना होगा. जल बचाओ जैसे नारे ही नहीं हमारा भविष्य है. जल को बचाकर हम अपने भविष्य को बचा सकते है.

आज हमारी सम्पूर्ण पृथ्वी पर लगभग 71 प्रतिशत जल विद्यमान है. जो बहुत अधिक है. पर यह जल बर्फ,ग्लेशियर तथा समुद्री जल है. जो हमारे पीने योग्य नहीं है. इस जल का कोई महत्व नहीं है.

नदियों, झीलों तथा झरनों से प्राप्त जल हमारे लिए योग्य है. नदियों के जल का प्रयोग हम अपने दैनिक जीवन में कर सकते है. पर शुद्ध जल मात्र 2 प्रतिशत ही है. जो कि हमारे लिए संकट बन रहा है.

बढती जनसँख्या तथा घटती जल का आंकड़ा हमारे लिए दुविधा बन सकता है. आज लोग जरुरत से अधिक जल का प्रयोग कर जल का दुरुपयोग कर रहे है. जल के दुरुपयोग पर हमें काबू पाना होगा.

जल संरक्षण का अर्थ

वर्तमान समय में अत्यधिक जनसंख्या के कारण जल का अत्यधिक निर्यात हो रहा है. तथा प्राकृतिक प्रक्रियाओ द्वारा भी जल की काफी जरूरते है. पर जल के सिमित साधन ही उपलब्ध है.

जल की जरूरतों को पूरा करते हुए. जल का सुदुपयोग कर जल को बचाना अर्थात जल की बचत करना ही जल संरक्षण है. जल संरक्षण के लिए सभी की जागरूकता, सत्यनिष्ठ तथा ईमानदारी की जरुरत है.

जल को फ़िल्टर कर पुनःप्रयोग करना जल को बचाने का उपाय है. कई लोग जल का महत्व नहीं जानते है. जिस कारण जल का दुरुपयोग करते है. इसलिए हमें उन्हें जल संरक्षण के महत्व की जानकारी देकर जल का संरक्षण किया जा सकता है.

आज अनेक स्रोत है. जिनमे जल की अत्यधिक मात्रा में जरुरत होती है. जैसे मानव गतिविधियों,पेड़-पौधे,पशु-पालन,कृषि,व्यवसाय तथा बिजली बनाने में जल की जरुरत होती है.

पर हमें ऐसा उपाय निकलना होगा. जिससे जल का संरक्षण भी किया जा सकें. तथा जरुरतो को भी पूरा किया जा सकें. जल संरक्षण आज हमारे लिए सबसे बड़ी चुनौती है.

बड़ी-बड़ी इंडस्ट्री में काफी ज्यादा पानी का इस्तेमाल किया जाता है। इसलिए हजारों लीटर पानी उन कंपनियों मे खराब होता है। इसके अलावा इंसानों की भी आदतों के कारण पानी अत्याधिक मात्रा में खराब हो रहा है। 

धरती पर पानी की मात्रा कम होती जा रही है इसीलिए हमें अभी से जल संरक्षण के प्रति सचेत हो जाना चाहिए, वरना कहीं ऐसा दिन ना आ जाए कि हमें बूंद बूंद पानी के लिए तरसना पड़े।

आपको यह पता ही होगा कि इस धरती पर तकरीबन 70 परसेंट जमीन पर पानी है, जिसमें से सिर्फ 1 पर्सेंट पानी ही ऐसा है जिसे इंसान अपने इस्तेमाल में ले सकते हैं, बाकी का जितना भी पानी है वह समुद्री पानी है जो कि पीने लायक नहीं होता है।

पानी की अहमियत को समझते हुए हमें इसके बचाव पर विशेष तौर पर ध्यान देना चाहिए और इसके लिए कई आदतों को हमें बदलना पड़ेगा, जिसके अंतर्गत हमें बिना वजह पानी का इस्तेमाल नहीं करना चाहिए। पानी भर जाने पर हमें मोटर बंद कर देनी चाहिए।

कपड़े धोने के बाद जो पानी बच जाता है उसे हमें पेड़ पौधों में डालना चाहिए। कहीं पर अगर पानी बह रहा है तो हमें उसे रोकने का प्रयास करना चाहिए। जल संरक्षण के प्रति लोगों को जागरूक करने के लिए हमें समय-समय पर अभियान चलाना चाहिए और लोगों को पानी की महत्ता के बारे में बताना चाहिए। 

इसके अलावा ग्राम पंचायतों को भी पानी का स्टोरेज करने के लिए तालाबों का निर्माण अपनी अपनी ग्राम पंचायत में कराना चाहिए ताकि हमारे आसपास पानी का जलस्तर बना रहे।

paragraph on save water

पानी हमारे जीवन के लिए महत्वपूर्ण है, इसलिए जल का सरंक्षण करना हमारे भविष्य के लिए उपयोगी साबित होगा, वैसे दुनिया के ७५ फीसदी भाग पर पानी है. पर यह पानी केवल नाम मात्र का ही पानी है. यह पेय योग्य नहीं है.

जल की संकटता कई लोगो के जीवन के लिए खतरा भी बन रही है. आज के इस आधुनिक युग में भी कुछ ऐसे स्थान है, जहा जल की आपूर्ति नहीं हो पाती है, जिस कारण वहा के लोग जल की कमी महसूस करते है.

जल की निकटता के अभाव में कई किलोमीटर दूर जाकर जल पूर्ति करनी पड़ती है, कई बार जल के अभाव जीवन की समाप्ति भी हो जाती है. जल हमारे जीवन का ही नहीं बल्कि पेड़-पौधे तथा पशु-पक्षियों सभी सजीवो के लिए मुख्य आधार है.

हालाँकि जल की देश में आज भी कमी नहीं है, पर इसका जिस तरह दोहन किया जा रहा है, जो हमारे आने वाले सुनहरे भविष्य के लिए बाधा बनेगा. जल के स्रोतों को प्रदूषित किया जा रहा है. तथा जल का दुरुपयोग किया जा रहा है, जो जल की कमी का मुख्य कारण बन रहा है.

आज जिस प्रकार सूखे स्थानों पर लोग अपने जल की कमी का प्रबंधन करते है, उससे जल बहुलता क्षेत्र वाले लोगो को भी सीखकर जल का उचित प्रबंधन करना चाहिए. राजस्थान में टाँके, जोहड़ और छोटे तालाब बनाकर जल को सुरक्षित रखा जाता है, तथा उसका उपयोग किया जाता है.

जल सरंक्षण लोगो की आम जरुरत बन रही है. इसलिए इसे हमें इसके संरक्षण की ओर ध्यान देना चाहिए. तथा सभी को इसके प्रति जागरूक करना होगा.

जल संरक्षण 

जीवन के लिए जल का आसित्त्व काफी महत्वपूर्ण है. जल जीवन का प्रमख स्रोत है. हमारे दैनिक जीवन से लेकर व्यवसाय तथा बिजली के निर्माण तक अनेक कार्य जल की उपस्थिति में ही संभव है.

हमें अपनी भावी पीढियों तथा अपने उज्जवल भविष्य के लिए जल अतिआवश्यकता तत्व है. जल पर मानव जीवन ही नहीं बल्कि प्रकृति भी निर्भर रहती है. जल के अभाव में मानव जीवन तथा प्रकृति का कोई आसित्व नहीं है.

जल संरक्षण प्रस्तावना

आज के समय में जल की मात्रा बहुत कम ही रह गई है. इसलिए हमें जल के संरक्षण की बेहद जरुरत है. आज जल बाचाना सबसे बड़ा लक्ष्य बना हुआ है. जल को बचाकर ही अपने जीवन को बचाया जा सकता है.

जल के संरक्षण के लिए अनेक प्रयास किये जा रहे है. और जल का पुनःप्रयोग कर जल का सुदुपयोग किया जा रहा है. जो जल संरक्षण के दायरे से काफी महत्वपूर्ण कदम है. सरकार द्वारा जल के संरक्षण के लिए अनेक नियम बनाए गए है. जिसका पालन कर जल को बचाया जा सकता है.

जल ही जीवन है. ये कहावत ही नहीं है. ये आज जल के महत्व की सच्चाई है. जल है तो जीवन है. जब तक जल हमारे पास प्रयुक्त होगा. हम जीवन जी सकेंगे. जल की समाप्ति जीवन का अंत है.

निष्कर्ष

जल हमारे लिए सबसे जरुरी तत्व है. जल की सुरक्षा करना हमारा प्रथम कर्तव्य है. हमें अपने कर्तव्यो का पालन करते हुए जल का संरक्षण करना चाहिए. तथा जल के नए संसाधनों की खोज करनी चाहिए.

जल बचाओ निबंध

जल हमारे लिए कुदरत का अमूल्य उपहार हैं जल के बिना हम जीवन की कल्पना भी नहीं कर सकते है बिन जल सून की कहावते भी यही बताती हैं.

आज के दौर में कम होते जा रहे पीने योग्य जल एक चिंता का विषय बन गया है, प्रत्येक नागरिक को इस समस्या से निकलने के लिए सोचना होगा.

यदि इसी तरह हम जल की बर्बादी करते रहे तो वह दिन अधिक दूर नहीं जब हमारे पास पीने योग्य स्वच्छ जल नहीं बच पायेगा.

मानव ही नहीं पेड़ पौधों व जन्तुओं का जीवन भी पूरी तरह जल पर ही निर्भर हैं. आने वाले समय में पानी इतना महंगा हो जाएगा जिससे गरीबों के जीवन में बड़ा संकट उत्पन्न हो सकता हैं.

हम वैज्ञानिक उन्नति के नाम पर भले ही कितने भी तकनीकी साधन बना ले, मगर जल का विकल्प कभी भी नहीं खोजा जा सकता हैं.

इसलिए वक्त रहते हुए हमें जाग जाना चाहिए, तथा प्रकृति के संसाधनों का अंधाधुंध दोहन करने की बजाय इसके सीमित उपयोग की ओर कदम बढ़ाने होंगे, तभी हमारी आने वाली पीढ़ियों को स्वच्छ जल वायु आदि उपलब्ध हो सकेगे.

धन के लालच में मानव इतना अँधा हो गया है कि उसने अमृत तुल्य जल के महत्व को भूलकर अपनी प्रगति के लिए जल स्रोत को प्रदूषित करने से भी पीछे नहीं रहा.

भारत और दुनिया भर में जल बर्बादी के नमूने हर जगह देखने को मिल जाएगी. कल कारखानों में हजारों लीटर जल व्यर्थ बहा दिया जाता हैं. जमीन से पानी को निकालकर इसे अपशिष्टों के साथ नदी नालों में बहा दिया जाता हैं.

कई जगहों पर कल कारखानों का मलिन जल खेतों में प्रवाहित कर दिया जाता हैं इससे यकीनन फसलों को तथा भूमि को बड़ा नुकसान पहुँचता हैं. घरों में लगाए जाने वाले पानी के पम्प भी इसके दोहन के लिए कुछ हद तक जिम्मेदार हैं.

आज के समय में मानव अनेक प्राकृतिक आपदाओ से जूझ रहा है. जिसमे- बाढ़, सुनामी, भूकंप के झटके,तूफ़ान तथा जल की समस्या आदि अनेक आपदाए है. जिनसे मानव जाति जंग लड़ रही है.

वर्तमान समय में जल सिमित ही रहा गया है. जो कि सबसे बड़ी समस्या है. आज जिस प्रकार जल का निर्यात हो रहा है. इसी प्रकार जल का दुरुपयोग किया गया तो आने वाले कुछ ही दशको में जल की समाप्ति हो जाएगी.

जल पर जीवन निर्भर है. हमें इस पर अम्ल करने की जरुरत है. जल हमारे लिए कितना उपयोगी है. जल के संरक्षण के लिए हमें नई नीति का प्रयोग करना होगा.

हमें जल क्यों बचाना चाहिए?

वर्तमान में जल के संसाधन बहुत कम है. पर समुद्रो के वाष्पीकरण से हमें काफी सहायता मिल रही है. वाष्पीकरण के कारण वर्षा होती है. और जल से वाष्पीकरण बनता है. यदि जल समाप्त हो गया तो वर्षा भी नहीं होगी. और इस स्थिति में जीना असंभव है.

हमें अपने जीवन को बचाने के लिए जल की जरुरत है. जल को बचाकर हम अपने भविष्य की मजबूत नीव डाल सकते है. मानव जीवन, पशु-पक्षी,प्रकृति तथा इस पृथ्वी को बर्बादी से बचाने के लिए हमें जल बचाना चाहिए.

हम जल कैसे बचा सकते हैं?

जल को बचाने के अनेक उपाय है. जिनकी सहायता लेकर हम जल को समाप्ति से बचा सकते है. जल को बचाने के लिए सभी को जागरूक करना होगा. जागरूकता के अभाव में कोई कार्य संभव नहीं है. इसलिए जागरूकता सबसे महत्वपूर्ण तथा प्रभावी उपाय है.

दैनिक जीवन में जल का सिमित प्रयोग करना चाहिए. तथा कपडे धोने या स्नान करने के बाद जल को पेड़ पौधों में डालकर जल को बचाया जा सकता है. जल को प्रदुषण से बचाकर स्वच्छ रखा जा सकता है.

दूषित जल को नवीनतम विधियों द्वारा फ़िल्टर कर स्वच्छ तथा पीने योग्य बनाया जा सकता है. प्रदूषित नदियों के जल को स्वच्छ कर उसका प्रयोग किया जा सकता है.

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हमारे देश में अधिकांश कृषक खेती पर निर्भर है. परन्तु जल के अभाव में सिंचाई नहीं हो सकेगी. तथा अन्न का दाता किसान उपज नहीं कर सकेगा.

हमारे देश में प्रति व्यक्ति 1000 क्यूबिक मीटर जल ही बचा है. जो पिछले दशक में 1800 क्यूबिक मीटर था. जल के संकट की स्थिति में हमें जागरूक होना आवश्यक है.

जल प्रदुषण के कारण

जल प्रदुषण के अनेक कारण है. जिनसे जल दूषित हो रहा है. और जल के संकट सामने आ रहे है. जल प्रदुषण के प्रमुख कारण निम्नलिखित है-
  1. नदियों के जल में रासायनिक पदार्थो का मिल जाना
  2. जल में अवशेष, मृत पशु तथा कूड़ा कचरा डालने से जल दूषित होता है.
  3. जल में मल मूत्र का त्याग से जल में कीटाणु फैलते है. जो जल को प्रदूषित करते है. तथा जल का सेवन करने पर भी रोग का कारण बनते है.
  4. लोगो द्वारा जल का दुरुपयोग करना.
  5. बढ़ते औद्योगिकीकरण और शहरीकरण के कारण जल का प्रदुषण बढ़ रहा है.
  6. खेतो में प्रयोग की गई रासायनिक खाद जल को रासायनिक बना देती है.
  7. वायु प्रदुषण के कारण जल में दूषित वायु का प्रवेश होना जल प्रदुषण है.
  8. जल में प्लास्टिक के बैग को गिराने से जलीय जीवो तथा पेड़ पौधों तक वायु नहीं पहुँच पाती है. जिस कारण इनका विनाश हो रहा है.
हमारे देश में वर्तमान समय में जल का संकट छाया हुआ है. इस परस्थिति में हमें जल के संरक्षण करना जरुरी है. आंकड़े के मुताबिक हमारे देश के लगभग 20 प्रतिशत लोगो के पीने के लिए जल की व्यवस्था नहीं है.

जल का वितरण लगातार घटता जा रहा है. हर वर्ष जल का संकट बनता जा रहा है. जल की कमी के कारण वाष्पीकरण नहीं बन रहा है. इसी कारण वर्षा भी न्यून हो रही है.

जल संकट के समय में हमें देश के जिम्मेदार नागरिक होने के नाते हमें जल की बचत करनी जरुरी है. जल की बचत घरेलू कार्यो से भी की जा सकती है. घरेलु गतिविधियों से जल की बचत कर हम खुद को एक नया जीवन दे सकते है.

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जल संरक्षण के लिए हम सभी एकाग्रता के साथ कार्य करना होगा. तथा सभी को मिलकर नए जल संसाधनों का निर्माण करना चाहिए. और लोगो में जागरूकता फैलानी चाहिए.

जल को कैसे बचायें

  1. नहाते समय बाल्टी में पानी भरकर नहाए जिससे जल दूषित न हो.
  2. पशुओ पह्लाना तथा कपडे धोना आदि में कम जल का प्रयोग करें.
  3. प्रयोग किये गए जल को किसी बर्तन में सुरक्षित रखकर पेड़ पौधों में डाल दें.
  4. जल संसाधनों की सुरक्षा से जल का संरक्षण किया जा सकता है.
  5. जल के नए संसाधनों का निर्माण कर वर्षा के जल को सुरक्षित बनाकर.
  6. सिंचाई करने के बाद फुव्वारे को तथा पानी पीने के बाद पानी के नल को शीघ्र बन करें.
  7. उद्योगीकरण को कम कर जल को बचाया जा सकता है.
  8. बिजली का सदुपयोग कर बिजली को बचाकर जल बचाया जा सकता है.क्योकि बिजली निर्माण में जल की अत्यधिक जरुरत होती है.
  9. जल को फ़िल्टर कर शुद्ध बनाकर दुबारा प्रयोग कर जल की बचत की जा सकती है.
  10. घरेलु गतिविधियों में जल का कम प्रयोग जल की बचत होगी.

हमें जल क्यों बचाना चाहिये

  • प्रदूषित जल से हर साल अनेक लोग बीमारियों से ग्रसित होते है.
  • अभी तक 40 लाख से अधिक लोग जल की समस्या के कारण अपनी जान खो चुके है.
  • प्रदूषित जल से हमारे स्वास्थ्य पर इसका बुरा प्रभाव पड़ता है. जिस कारण नई बीमारियों का जन्म होता है.
  • आज हम जिस समाचार पत्र का प्रयोग समाचार पढने में करते है. समाचार पत्र के निर्माण में लगभग 350 लीटर जल की जरुरत पड़ती है. इसलिए किसी अन्य साधन से दूरसंचार का प्रसार-प्रचार करें.
  • विसर्जित जल के कारण हर मिनट में करीब चार बच्चे अपनी जान देते है. उनके संरक्षण के लिए जल संरक्षण जरुरी है.
  • रासायनिक खादों का जल में मिल जाने से जल रासायनिक हो जाता है. और इसके सेवन से अनेक पशु मरते है.
  • जल का सुदुपयोग कर देश की आर्थिक व्यवस्था में सुधार किया जा सकता है.
  • अपने भविष्य तथा अपनी आने वाली युवा पीढ़ी के लिए जल संरक्षण जरुरी है.

जल संरक्षण हेतु उपाय

जल के बाचाव के लिए हमें अपनी शैली में बदलाव करना होगा. हम अपने ढंग को सुधारकर जल की सुरक्षा कर सकते है. जल बचाव के कुछ उपाय निम्न है.

हमारे देश के आंकड़ो के अनुसार प्रति व्यक्ति 250 लीटर जल का प्रयोग करता है. और सम्पूर्ण परिवार द्वारा प्रयुक्त किये गए जल का केवल 4 प्रतिशत जल ही भोजन पकाने के काम लिया जाता है. इसलिए हम अन्य क्रियाओ में जल को कम कर्च करना होगा.

कई जगहों पर जल पीने के लिए नालो की सुविधा की गई है. पर लोग अपनी प्यास बजकर नल को खुला ही छोड़ देते है. जिससे लम्बे समय तक जल बहता रहता है. और ये जल किसी काम नहीं आता है.

आज के जामने में लोग कपडे धोने तथा खाना बनाने की मशीनों का प्रयोग करते है. जो मशीने अधिक जल मांगती है. तथा अधिक बिजली की जरुरत होती है.

इलेक्ट्रोनिक संसाधन जैसे फ्रिज,कूलर,पंखे,एची तथा टीवी आदि संसाधन बिजली की अधिक जरुरत रखते है. इसलिए इनके प्रयोग से अधिक बिजली निर्माण की जरुरत पड़ती है. इसी कारण इन संसाधनों का कम प्रयोग करें.

कई लोग अपने पशुओ को तथा खुद नदियों में नहाते है. और कपडे धोते है. जिससे पूरा जल प्रदूषित होता है. इसलिए इन क्रियाओ में बाल्टी भरकर की किया जा सकता है.

कपडे धोने तथा स्नान के जल को पेड़ पौधों में डाले जिससे जल के दो प्रयोग किये जा सकें.

त्योहारों पर प्रयोग किये जाने वाले पटाके तथा रंग का प्रयोग कम करें. इनके प्रयोग से जल रासायनिक बन जाता है. जिस कारण ये पीने योग्य नहीं बचता है.

जल का पुनः प्रयोग कर पौधों में डालना चाहिए. तथा सुबह की बजाय दोपहर को डालना चाहिए. क्योकि इस समय पौधों को दिया गया जल वाष्प देता है. जिससे वर्षा होने में सहायता मिलती है.

अधिक से अधिक वृक्षारोपण करें. और जल को सुरक्षित बनाए. पेड़ पौधों की उपस्थिति में वर्षा भी होगी. इसलिए पेड़ पौधे लगाए तथा उनका संरक्षण करें.

इस समस्या का सामना करने के लिए हमें सभी में जागरूकता फैलानी होगी. सभी मिलकर इस कार्य को कर सकते है. रैलिया तथा सभा का आयोजन कर सभी को जल संरक्षण के लिए प्रेरित करें.

सभी नागरिक जल संरक्षण को अपनी जिम्मेदारी के साथ जागरूकता लेकर जल की बचत करें. तथा सभी इस महत्वपूर्ण तत्व की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए प्रेरित करें.

आज के इस संकटापन्न जीवन में हमें जल के महत्व को समझकर उसके संरक्षण क लिए अपने प्रयास करने चाहिए. जल के सिमित संसाधनों को संरक्षित करें.

जल का सबसे बड़ा संसाधन नदिया है. इसलिए हमें नदियों को सुरक्षित तथा प्रदूषणरहित बनाना होगा. और प्राकृतिक जल की सुरक्षा के लिए संसाधनों का निर्माण करना चाहिए.