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सूचना का अधिकार पर निबंध Essay On Right To Information In Hindi

सूचना का अधिकार पर निबंध Essay On Right To Information In Hindi दोस्तों सूचना के द्वारा ही हमें किसी बात की जानकारी मिल पाती है। इस लेख में  " सूचना का अधिकार" विषय पर तीन निबंध लिखे गए हैं जो "सूचना के अधिकार" के संदर्भ में उचित जानकारी देते हैं एवं "सूचना का अधिकार" संबंधित बातों को अच्छे से प्रस्तुत किया गया है।

सूचना का अधिकार पर निबंध Essay On Right To Information In Hindi

सूचना का अधिकार पर निबंध Essay On Right To Information In Hindi
सूचना मनुष्य जीवन में महत्वपूर्ण होती है उसके द्वारा ही पता चलता है कि देश में क्या चल रहा है। हमारे आसपास क्या क्या घट रहा है। अपने आसपास व देश दुनिया की खबरें सूचना के द्वारा पता चलती है और इसके अधिकार से नागरिकों को वंचित नहीं किया जा सकता है इसलिए "सूचना का अधिकार" का संदर्भ मुख्य माना गया है।

प्रस्तुत विषय " सूचना का अधिकार" के तीन निबंधों में  " सूचना का अधिकार" के संदर्भ में अनेक पहलुओं से अवगत कराया गया है एवम् अलग - अलग रूपों से " सूचना का अधिकार" विषय के महत्व को बताया गया है।

सरकार अनेक निर्णय लेती है व अनेक नियम लागू करती हैं जिनकी जानकारी प्राप्त करने का हक आम जनता को होता है। सूचना एक महत्वपूर्ण क्रिया है जो मनुष्य को जानकारी के आदान प्रदान करने की स्वतंत्र इच्छा देती है। जिसके स्वरूप " सूचना का अधिकार" विषय की नींव रखी गई।

" सूचना का अधिकार" संविधान द्वारा पारित किया गया वह अधिनियम है जिसके अंतर्गत आम जनता  तक सरकारी सूचना पहुँचाने का अधिकार" आता है। " सूचना का अधिकार" जिसे "RTI Act" के रूप में भी मुख्य रूप से जाना जाता है।

" सूचना का अधिकार" उद्देश्य

"सूचना का अधिकार" का मुख्य उद्देश्य आम जनता को सरकार द्वारा जारी की गई प्रत्येक जानकारी उपलब्ध कराना है। नागरिक का अधिकार है जानकारी प्राप्त करना और इस बीच रुकावट आती है तो " केंद्रीय सूचना आयोग" में जानकारी उपलब्ध न कराने पर शिकायत कर सकते हैं।

" सूचना का अधिकार" मौलिक दर्जा

अनुच्छेद 19 ए के तहत संविधान के अधिनियम के अनुसार इसको मौलिक दर्जा प्राप्त है। इस अधिकार के तहत जनता सरकार या संस्थान के कार्य, निर्णय, संचालन की प्रक्रिया आदि जानकारी प्राप्त करने का अधिकार रखती हैं।

निष्कर्ष- सूचना का अधिकार सरकार और जनता के बीच कार्य प्रक्रिया के संदर्भ में जो भी कार्य एवम् निर्णय लिए जाए उनमें पारदर्शिता रहे इसलिए इस अधिनयम को मान्यता मिली है।

Essay On Right To Information In Hindi

भूमिका

प्रत्येक नागरिक को सरकार के द्वारा निर्धारित क्रिया प्रक्रिया की जानकारी पाने का अधिकार है। इस अधिकार को सुचारू रूप "सूचना का अधिकार" अधिनियम देता है।

दोस्तों " सूचना का अधिकार" के तहत एक जागरूक नागरिक के अधिकार की जानकारी लिखी गई है। प्रस्तुत लिखित निबंध में अधिनियम के निर्धारित स्वरूप को पढ़ पायेगें।

परिचय

"सूचना का अधिकार" एक ऐसा अधिनियम है जो संविधान के तहत 15 जून वर्ष 2005 को विधेयक संसद द्वारा मान्य हुआ था। इस अधिनियम में आम जनता को सरकारी कार्यों से संबंधित किसी भी संदर्भ में जानकारी लेने का अधिकार प्राप्त है।

सूचना का अधिकार की आवश्यकता

जनता के लिए इस अधिनियम की आवश्यकता कई रूपों से पड़ती है। इसके तहत नागरिक प्रशासनिक कार्यों की जानकारी रख पाते हैं। जनता व सरकार के मध्य सा सांझेदारी बढ़ती है। इस अधिनियम के तहत प्रशासन के भ्रष्टाचार पर रोक लगाई जा सकती है। सरकार का जनता की आवश्यकताओं के प्रति जागरूकता निर्धारित करती है। 

सूचना का अधिकार का महत्व

जनता और सरकार के बीच पारदर्शिता रहती है और भ्रष्ट लोग एवं कार्य में रोक लगती है। जनता प्रशासन के प्रत्येक कार्य की जानकारी प्राप्त कर जागरूक रहती है।

सरकार और जनता के मध्य कार्य प्रणाली की जानकारी का खुला रूप आम जनता के लिए महत्वपूर्ण है। आम जनता सरकारी दस्तावेज़ो की जानकारी रख सकती है व समाज में घटित मुद्दों के प्रति जागरूक हो सकती है।

" सूचना का अधिकार " प्रावधान

यह अधिनियम सूचना के अंतर्गत जनता के हित की जानकारी को प्राप्त करने की स्वतंत्रता देता है। इस अधिनियम के तहत पारदर्शिता स्वरूप प्रशासन के उत्तरदायित्व को बढ़ावा देता है। इस अधिनियम के तहत नागरिक विभिन्न प्रशासनिक कार्य प्रणाली व संबंधित विवरण प्राप्त कर सकता है।

इस अधिनियम के तहत नागरिक सूचना पत्र में कारण का उल्लेख कर कार्यक्रम अधिकारी के पास जमा कर सूचना प्राप्त कर सकता है। जिसका पालन तीस दिनों के अंदर होने की आशा की जाती है।

इस प्रपत्र के आधार पर सरकारी अधिकारी को सूचना उपलब्ध करानी पड़ेगी व विधिवत स्वरूप कार्यों की सूची, अनुक्रमांक रूप से संबंधित आवश्यकताओं की अनुकूल जानकारी के दस्तावेज़ बनाने व उपलब्ध कराने पड़ेगें।

निष्कर्ष

" सूचना का अधिकार" जनता के हित में एवं प्रशासन में भ्रष्टाचार पर लगाम लगाने के लिए उपयुक्त है। इस अधिनियम के तहत जनता और सरकार के बीच महत्वपूर्ण जानकारी की सांझेदारी एक जागरूक संदर्भ समक्ष लाती है।

सूचना का अधिकार पर निबंध in hindi

भूमिका

समाज में रहते हुए एक जागरूक नागरिक होने के नाते सरकार क्या और कैसे कार्य करती है इसकी जानकारी पता होना ज़रूरी होता है ताकि नागरिक सरकारी कार्य से इत्तेफाक रख सकें और जान सके कि क्या सही है और क्या सही नहीं है।

अपने अधिकारों के प्रति जागरूक हो सके और देश में सरकारी कार्यालयों में किस प्रकार और क्या क्या कार्य और कैसी कार्य प्रणाली चलती है उसकी जानकारी प्राप्त कर सकें।

दोस्तों प्रस्तुत लेख में " सूचना का अधिकार " RTI (राईट टू इंफॉर्मेशन) के उचित स्वरूप का उल्लेख किया गया है। जनसाधारण के मध्य एक ज़रूरी अधिनियम है जो भारत के नागरिक होने के नाते जानकारी रखना एवं ज़रूरत पड़ने पर इसका उपयोग करना उपयुक्त है। इसी तथ्य को परिभाषित करते हुए इस अधिनियम के विभिन्न रूपों से संबंधित संदर्भों के बारे में लिखा गया है।

परिचय (प्रस्तावना)

" सूचना का अधिकार" अधिनियम सूचना प्राप्त करने का वह अधिकार है जो वर्ष 2005 में 15 जून को संसद ने पास किया था। जिसके अंतर्गत नागरिक सरकार के क्रिया कलापों, दस्तावेज़ो एवं विभिन्न विभागों के बारे में जानकारी प्राप्त कर सकता है।

इस अधिनियम के तहत सरकारी विभागों की विभिन्न प्रक्रिया इस अधिनियम में स्पष्टता लाने एवम् सरकारी विभागों में भ्रष्टाचार पर रोक स्वरूप " सूचना का अधिकार " अधिनियम पारित किया गया था।

भारत के नागरिक इस अधिकार स्वरूप सरकारी विभाग के ताल्लुक रखने वाली किसी भी जानकारी को जान सकते हैं। इस अधिकार के द्वारा नागरिक व देश के बीच सूचनाओं का आदान प्रदान किया जा सकता है।

मौलिक अधिकार के रूप में " सूचना का अधिकार"

सुप्रीम कोर्ट द्वारा संविधान में वर्णित अनुच्छेद 19 ' ए ' के स्वरूप " सूचना का अधिकार " एक मौलिक अधिकार के रूप में माना जाता है। संविधान के 19 ' ए ' अनुच्छेद के तहत प्रत्येक नागरिक को अपने विचार व्यक्त करने की स्वतंत्रता है। 

" सूचना का अधिकार " के संदर्भ में उच्चतम न्यायालय ने यह बात समक्ष रखी की जनता के पास अगर सूचना का अभाव होगा तो वह अपनी बात कैसे कह पाएगी इसलिए इस अधिनियम को मौलिक अधिकार की श्रेणी में रखा गया।

" सूचना का अधिकार " ज़रूरी तथ्य

नागरिकों से ही राष्ट्र का निर्माण होता है। भारत को लोकतांत्रिक देश कहा जाता है जहाँ की नींव " सूचना का अधिकार " से संबंधित है। नागरिकों द्वारा ही लोकतंत्र की सत्ता सुचारू रूप से चलती है। नागरिकों को अधिकार है कि वह सरकार के सभी काम के बारे में जानकारी प्राप्त कर सके। 

" सूचना का अधिकार " ऐसा माध्यम है जो कानूनी रूप से नागरिक को यह अधिकार देती है कि वह सरकारी कार्यों की जानकारी ले सके और अगर इस प्रक्रिया में रुकावट आती है तो शिकायत भी की जा सकती है और अगर कोई अधिकारी दोषी पाया गया तो जुर्माना भुगतान भी करना पड़ सकता है।

" सूचना का अधिकार " मुख्य नियम

इस अधिनियम के तहत अधिकतर सभी सरकारी विभाग शामिल किए जाते हैं। जिन - जिन संस्थानों, विभागों का संबंध सरकार से है या सरकार से निजी सहायता प्राप्त करते हैं इसमें शामिल हैं। 

सरकारी विभाग में सूचना अधिकारी होना ज़रूरी है जो सूचना एकत्र कर सके और आवेदन प्राप्त कर सूचना उपलब्ध करा सके। तीस दिनों की निर्धारित अवधि में सूचना उपलब्ध न कराने या किसी प्रकार के घपले के तहत जुर्माना तक देना पड़ सकता है। अगर सूचना उपलब्ध कराने में भ्रम पैदा किया जाता है या समस्या खड़ी की जाती है तो शिकायत भी कर सकते हैं।

" सूचना का अधिकार " प्राप्त प्रक्रिया

" सूचना का अधिकार " प्राप्त करने के लिए सरकार की ऑनलाइन सेवा के तहत उनकी वेबसाइट www.rtionline.gov.in पर आवेदन किया जा सकता है और लिखित या टाइप करके भी आवेदन किया जा सकता है। कोई भी सरकारी जानकारी प्राप्त करने के लिए उस विभाग के सूचना या सहायक अधिकारी के पास आवेदन किया जा सकता है।

निष्कर्ष

" सूचना का अधिकार " के तहत यह अधिनियम आम जनता को सरकारी नियमों, कार्यों, निर्णयों आदि के बारे में जानकारी लेने का हक प्रदान करता है। यह एक शुरुवात है ताकि सरकारी कार्यों एवं अधिकारियों में सुधार और स्पष्टता लाई जा सके। देश के सरकारी विभागों में भ्रष्टाचार पर रोक लगा सकें।

अन्तिम शब्द

प्रस्तुत निबंध में " सूचना का अधिकार " स्वरूप नागरिक और सरकार के मध्य विभिन्न जानकारियों को प्रस्तुत किया गया है। जिसे पढ़कर इस अधिनियम के संदर्भ में विशेष जानकारी प्राप्त होगी।

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