100- 200 Words Hindi Essays 2024, Notes, Articles, Debates, Paragraphs Speech Short Nibandh Wikipedia Pdf Download, 10 line

1857 की क्रांति पर निबंध | Essay On Revolt of 1857 in Hindi

1857 की क्रांति पर निबंध | Essay On Revolt of 1857 in Hindi : 1857 की क्रान्तिकारी क्रान्तिकारी पहली बार वीर सावरकर ने भारत का पहला स्वतंत्रता संग्राम कहा। 1857 की क्रांति का प्रतीक कमल का फूल तथा चपाती था। उसी समय इंटरनेट जैसी प्रौद्योगिकी नहीं होने के कारण सैनिक देशभर में घूम कर क्रांति के लिए लोगों को उत्साहित करते थे।

1857 की क्रांति पर निबंध | Essay On Revolt of 1857 in Hindi

1857 की क्रांति पर निबंध | Essay On Revolt of 1857 in Hindi
भारत के इतिहास का पहला स्वतंत्रता संग्राम के रूप में 1857 की क्रांति को देखा जाता है. ये क्रांति मंगल पांडे की फांसी के साथ ही शुरू कर दी गई. इस क्रांति में पहली बार हिन्दू-मुस्लिम समन्वय देखने को मिला.

इस क्रांति की शुरुआत मेरठ से हुई. तथा पुरे मध्य भारत में फ़ैल गई, पर सम्पूर्ण भारत में इसका प्रभाव नहीं दिखा जिस कारण ये असफल रही. यहाँ के राजाओ ने अंग्रेजो की सहायता की.

क्रांति की दिनांक 31 मई 1857 रखी गई पर लोगों के उत्साह और चर्बी वाले कारतूस का प्रयोग करने से मना करने के कारण क्रांति की शुरुआत 29 मार्च 1857 को बैरखपुर छावनी में हुई। इस क्रांति की समाप्ति 8 जुलाई, 1858 को कैनिग द्वारा कर दी गई.

34वीं रेजीमेंट के सदस्य मंगल पांडे ने सर्वप्रथम कारतूस का प्रयोग करने के लिए इनकार कर दिया और अंग्रेजों द्वारा उत्पीड़ित करने पर उन्होंने दो अंग्रेजों की हत्या कर दी जिस कारण अंग्रेजों ने 8 अप्रैल को मंगल पांडे को फांसी दे दी गई।

मंगल पांडे की फांसीके साथ ही 18 57 की क्रांति के पहले शहीद मंगल पांडे हुए। मंगल पांडे को फांसी देने के साथ ही 34 वी रेजीमेंट अलग अलग रियासतों में जाकर मिल गई तथा सभी को कारतूसों में गाय और चुअर के मांस का प्रयोग किया गया है इस प्रकार सभी को सूचित किया गया।

1857 की क्रांति के अनेक कारण थे जिसमें तत्कालीन कारण गाय सूअर चर्बी वाले कारतूसो का प्रयोग न करने से मना करने पर अंग्रेजो द्वारा जबरदस्ती से प्रयोग करवाना।

1857 की क्रांति के कारण

सैनिक कारण 1857 की क्रांति का सबसे बड़ा कारण सैनिक कारण माना जाता है। क्योंकि इस क्रांति की शुरुआत सैनिकोंं के द्वारा कारतूूूस के प्रयोग केेे विरोध में की गई। क्रांति के समय 87 प्रतिशत सैनिक भारतीय मूल के थे. पर उन्हें निम्न पद दिया जाता था.

दरअसल 1857 की क्रांति से पहले अंग्रेजोंं द्वारा एक नई बंदूक जारी की गई इस बंदूक में कारतूस का प्रयोग करने के लिए कारतूस को मुंह से खोलना होता था। पर कई सैनिकों के अनुसार कारतूस में गाय तथा सूअर की चर्बी का प्रयोग किया गया था जिस में गाय को हिंदूू धर्म के लोग पवित्र मानते है।

और मुस्लिम लोग सूूअर को अपवित्र मानते हैं जिस कारण सूअर और गाय को खाना हिंदू मुस्लििम धर्म के लिए धर्म भ्रष्ट जैसा था।

क्या वास्तव में कारतूस में गाय और सुअर के मांस का प्रयोग किया गया था इसका कोई ठोस सबूत नहीं है लेकिन मान्यताओं के अनुसार इसमें प्रयोग किया गया था। यही सबसे बड़ा क्रांति का तत्कालीन कारण रहा था।

राजनीतिक कारण- 1857 की क्रांति का कारण स्थानीय राजा भी रहे क्योंकि जब डलहौौजी द्वारा द्वारा गोद प्रथा कीी समाप्ति कर दी गई जिससे अनेक रियासतों के राजाओं का राज्य  छीन लियाा गया जिसमें पहली रियासत सातारा थी इसके अलावा जबलपुर उदयपुर तथा झांसी आदि अनेक रियासतों केे राजा अंग्रेजों केे विरोध में खड़े हो गए। 

भारत में सबसे अधिक सैनिक अवध रियासत से थे। और अवध एकमात्र ऐसी रियासत थी जिसमें कुप्रशासन के आरोप में अंग्रेजों ने इस रियासत को हड़प लिया था। इस प्रकार राजाओं का विरोध भी इस क्रांति का कारण रहा।

धार्मिक कारण- भारतीय लोगों के द्वारा18 57 की क्रांति के कारणों में धार्मिक कारण महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है इसीलिए इस क्रांति को हिंदू मुस्लिम षड्यंत्र भी कहते हैं। 1829 में अंग्रेजों द्वारा हिंदुओंं की सती प्रथा पर रोक लगा दी हालांकि यह एक कुप्रथा थी लेकिन यह एक धार्मिक मामला होोने के कारण हिंदुओं द्वाराा इसका विरोध किया गया। 

इसके साथ ही अंग्रेजों द्वारा हिंदू मुस्लिम रीति-रिवाजों के विरुद्ध मैं कार्य किया गया अंग्रेजों द्वारा हिंदुओं को दफनाया गया तथा मुस्लिम लोगों को जलाया गया जो कि हिंदू मुस्लिम नियमों के विरोध में था इस प्रकार धार्मिक कारण भी इस क्रांति का कारण माना जाता है।

1850 में एक नियम बनाया गया जिसके द्वारा हिन्दुओ के रीती रिवाजो को बदल दिया गया.  भारतीय मूल धर्म के लोगो का अपमानित किया जाता था. और इसाईकरण किया जा रहा था.

धार्मिक कानूनों के खिलाफ उन्होंने कई बदलाव किये जिसमे सती प्रथा पर रोक लगाई तथा विधवा पुनर्विवाह को प्राथमिकता दी जिससे लोग अंग्रेजो का विरोध करने लगे.

आर्थिक कारण- उस समय भारतीय सैनिकों को कठिन से कठिन कार्य दिए जाते थे लेकिन अंग्रेज सैनिकों की तुलना में उन्हें कम वेतन दिया जाता था अंग्रेजों को समय 500 से ₹600 दिए जाते थे.

वहीं भारतीय लोगों को 50 से ₹60 दिए जाते थे और सर्वोत्तम पद्य भारतीयों के लिए हवलदार का पद हुआ करता था। जिस कारण सैनिक अपना गुजारा मुश्किल से कर पाते थे।

भारतीय किसानो और मजदूरो के पास काम नहीं होता था, और जो व्यक्ति अंग्रेजो के अधीन काम करता था. उसे कम वेतन ही मिलता था. अंग्रेजो अत्यधिक कर की वसूली करते थे. जो आम आदमी के लिए दे पाना मुश्किल था.

भारतीय लघु उद्योगों की समाप्ति कर दी गई तथा ब्रिटिश बड़ी बड़ी कंपनिया यहाँ काम करने लगी जिससे छोटे उद्योगपतियों का रोजमर्रा का धंधा छोपट हो गया.

अंग्रेज मशीनों के द्वारा कार्य को तेजी से तथा सस्ते में कर लेते  थे, जिस कारण भारतीय मजदूरी को कम कार्य ही मिलता था. जिसमे कम वेतन ही मिलता था.

इस क्रान्ति में कई देशभक्तों ने अपने अपने क्षेत्र से मोर्चा संभाला पर अंग्रेजो द्वारा दबा दिए गए, दी गई सारणी में क्रान्ति के स्थान नेतृत्वकर्ता तथा अंग्रेजो द्वारा दबाने वाला के नाम दिए गए है.

1857 की क्रांति की असफलता

1857 की क्रांति काफी प्रभावी रही लेकिन जिस उद्देश्य से इस क्रांति की शुरुआत की गई उसकी प्राप्ति नहीं हो सकी इसके अनेक कारण थे। जिसमें एक कारण एक कुशल नेतृत्व करता ना होना भी था। भारतीयों द्वारा की गई इस क्रांति का नेतृत्व अंतिम मुगल बादशाह बहादुर शाह जफर द्वितीय द्वारा किया गया जिसकी आयु उस समय तकरीबन 80 साल थी।

एक वृद्ध व्यक्ति का नेतृत्व करता होने के कारण उनमें फैसला लेने की तर्कशक्ति का अभाव था जो आगे जाकर क्रांति की असफलता का मुख्य कारण रहा यदि इस क्रांति में एक कुशल नेतृत्वकर्ता होता तो शायद इस क्रांति में सफलता मिलती।

एक और असफलता के कारण के बारे में जाने तो यह था, कि इस क्रांति की शुरुआत निर्धारित समय से पूर्व ही की गई जिस कारण इसे उचित रिजल्ट नहीं मिल सका यदि यह क्रांति समय पर होती तो शायद कुछ और ही परिणाम हमारे सामने होता।

1857 की क्रांति भारत के कुछ क्षेत्रों तक ही सीमित रही जिस कारण भारत संगठित नहीं हो सका और संगठन के अभाव मेंअंग्रेजों द्वारा इस विद्रोह को दबा दिया गया इस क्रांति में कई स्थानीय राजाओं द्वारा अंग्रेजों की सहायता की गई जो असफलता का एक मुख्य कारण माना जाता है।

भारत की स्वतंत्रता के पीछे इस संघर्ष का महत्वपूर्ण योगदान रहा. इस क्रांति के बाद से देश में आजादी का जूनून दौड़ने लगा. कई आन्दोलन और बलिदानों के कारण हमारे देश को आजादी मिली.

ये भी पढ़ें

प्रिय दर्शको उम्मीद करता हूँ, आज का हमारा लेख 1857 की क्रांति पर निबंध | Essay On Revolt of 1857 in Hindi आपको पसंद आया होगा, यदि लेख अच्छा लगा तो इसे अपने दोस्तों के साथ शेयर करें.