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फ्रांस की क्रांति पर निबंध Essay On French Revolution in Hindi

फ़्रांसीसी क्रांति पर निबंध Essay on French Revolution in Hindi- ये वह क्रांति है, जिसने पुरे विश्व में क्रांतियो की झलक पैदा कर दी. इस क्रान्ति से विद्रोह की शुरुआत होती है. तथा एक के बाद एक देश क्रांति कर औपनिवेशिकता से छुटकारा पाते है. आज हम फ़्रांसीसी क्रांति के बारे में पढेंगे.

फ्रांस की क्रांति पर निबंध Essay on French Revolution in Hindi

फ्रांस की क्रांति पर निबंध Essay on French Revolution in Hindi
विश्व इतिहास में फ्रांस की क्रांति युगांतकारी घटना के रूप में जानी जाती है. फ्रांस की क्रांति 1789 में आरंभ होकर 1800 तक चलती रही। बाद में नेपोलियन का काल भी इसी क्रांति का अग्रगामी रहा।

फ्रांस की क्रांति के चलते ही यहां राजतंत्र के स्थान पर गणतंत्र की स्थापना हुई। तदुपरांत खूनी संघर्षों का दौर चला। फ्रांस ने नेपोलियन की तानाशाही देखी। फ्रांसीसी क्रांति विश्व इतिहास की वह घटना थी जिसके बाद राजतंत्र व्यवस्थाओं का स्थान गणतंत्र  राज्यों ने लिया।

आधुनिक विश्व इतिहास में फ्रांस की क्रांति एक महान घटना के रूप में जानी जाती हैं। इसने ना केवल फ्रांस और यूरोप को प्रभावित किया बल्कि संपूर्ण विश्व  को इस क्रांति ने दिशा दी।

क्रांति के फलस्वरूप पहले यूरोप तथा बाद में एशिया के देशों में राजतंत्र तथा निरंकुशता के विरुद्ध आवाज बुलंद हुई। फ्रांस की राज्यक्रांति निरंकुश राजतंत्र व्यवस्था, सामंतों का शोषण और जनहित के प्रति शासकों का उत्तरदाई ना होना के विरुद्ध आरंभ हुई।

फ्रांसीसी क्रांति किसी एक घटना का परिणाम नहीं थी बल्कि कारणों की एक लंबी श्रंखला ने इसे प्रज्वलित किया। 1789 फ्रांस का राजा लुइ 16 था। इसी समय जनरल स्टेट सभा का आयोजन किया गया जो पिछले काफी वर्षों से नहीं किया गया था।

जनता ने अपनी मांगे इस सभा में रखी। यह सभा हुई ही थी कि नागरिकों का एक समूह बास्तील नामक किले पर पहुंचकर उसके दरवाजे तोड़ दिए और वहां कैद कैदियों को को रिहा कर दिया गया।

एक महिला दल द्वारा राजा के वर्साय दरबार को खेला गया परिणाम स्वरूप राजा पेरिस भाग जाता है। क्रांति को दबाने के कई प्रयास किए गए। इसी दौरान  रोब्सपियर के नेतृत्व में आतंक का राज भी चला.

लुई 16वा और उसकी रानी को मौत के घाट उतारा जाता है। लुइ 16 की हत्या ने यूरोप के अन्य राजाओं में भय व्याप्त किया फलस्वरूप क्रांतिकारियों के दमन के लिए अन्य यूरोपीय राजाओं ने भी प्रयास किए।

यहां तक आते-आते फ्रांसीसी क्रांतिकारी थक चुके थे और उन्होंने नेपोलियन बोनापार्ट जैसे नेता को आमंत्रित किया और सहयोग से शासक बनाया। इस प्रकार फ्रांस में पुनः राजतंत्र स्थापित होता है।

फ्रांसीसी क्रांति के बारे में ब्रिटिश नेता  जेम्स फॉक्स ने कहा कि यह दुनिया में घटित सभी घटनाओं में महानतम थी। क्रांति ने फ्रांस की महत्वता किस प्रकार बढ़ा दी इसका अंदाजा आप मेटरनिख के इस कथन से लगा सकते हैं उसने कहा था फ्रांस को जुकाम होता है तो संपूर्ण यूरोप छीकता है|

फ्रांस की क्रांति से हमें इतिहास के एक बड़े हिस्से को समझने में मदद मिलती है। स्वतंत्रता समानता तथा भाईचारे जैसे सहज और सामान्य लगने वाले सिद्धांत की जन्म भूमि फ्रांसीसी क्रांति रही।

फ्रांसीसी क्रांति ने फ्रांस में राजतंत्र की समाप्ति की। क्रांति के दौरान तैयार मानवाधिकार घोषणापत्र ने एक नए युग के आरंभ की पृष्ठभूमि तैयार की। स्वतंत्रता और समानता नए युग के केंद्र बिंदु रहे ।

क्रांति से पहले का फ्रांस
 
फ्रांस में burbo वंश शासन करता आ रहा था। इस वंश की स्थापना हेनरी चतुर्थ के द्वारा की गई। अप्रैल 1598 में जारी  नाद के अध्यादेश द्वारा प्रोस्टैंटों को धार्मिक स्वतंत्रता मिल जाती है।

हेनरी चतुर्थ का उत्तराधिकारी लुई तेरवा था।लुई 13 दुर्बल शासक था परंतु उसका  प्रधानमंत्री  rishloo  एक योग्य व्यक्ति था। लुई 14 जब शासक बना तब उसकी आयु मात्र 5 वर्ष थी। इसका शासनकाल  स्वर्ण काल कहलाता है. 

तथा 1650 के बाद का काल लुई 14 का काल के नाम से जाना जाता है। लुई 14 का वित्त मंत्री कोलबर्ट की भूमिका युगांत काली रही उसके द्वारा किए गए कृषि तथा व्यापार संबंधी परिवर्तनों ने फ्रांस की ख्याति संपूर्ण विश्व में फैलाई।

लुई 15 वा अयोग्य तथा विलासी शासक था। जिसके चलते इसके शासनकाल में ही क्रांति के बादल मंडराने लगे थे। प्रसिद्ध कथन
लुई 14 -" मैं ही राज्य हूं"
लुई 15 वा -" मेरा समय तो वर्तमान व्यवस्था में ही कट जाएगा मेरे मरने के बाद प्रलय होगा"

फ्रांसीसी क्रांति के कारण

इस क्रांति के अनेक कारण माने जाते है. इस क्रान्ति का मुख्य कारण लोगो के बीच सामाजिक भेदभाव था. इस समय फ्रांस को दो भागो में विभाजित किया गया था, जिसमे एक पादरी तथा दूसरा कुलीन वर्ग था.

दूसरा कारण शासन व्यवस्था दोषमुक्त शासन  व्यवस्था था. लुइ १६व अपनी इच्छा के अनुसार शासन व्यवस्था को चलता था, जो आगे जाकर क्रांति का कारण बना.

इस क्रान्ति का तीसरा कारण आर्थिक कारण बना. जिसे लुइ 16 वा पूर्ण नहीं कर सका. शासक अपने देश को कर्ज से मुक्त नहीं कर सका.

क्रांति का प्रभाव

यूरोप महाद्वीप का सबसे शक्तिशाली देश फ़्रांस को माना जाता है. इस क्रांति सबसे पहली क्रान्ति माना जाता है. इस क्रान्ति से पुरे विश्व में आजादी की झलक उठी.

इस क्रान्ति ने सभी देशो को तानाशाही सरकार से मुक्त कराने की शुरुआत की. इससे सभी तानाशाही देशो ने शिक्षा ली तथा इसके बाद क्रांतियो की शुरुआत हुई.

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