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लाल किला पर निबंध | Essay on Red Fort in Hindi

लाल किला पर निबंध | Essay on Red Fort in Hindi

लाल किला को अंग्रेजी भाषा में रेड फोर्ट कहा जाता है। यह भारत देश के दिल्ली शहर में स्थित है। दिल्ली इंडिया की राजधानी भी है। लाल किले को लाल किला इसलिए कहा जाता है क्योंकि इसका निर्माण बड़े-बड़े लाल पत्थरों से किया गया है।

ऐसा कहा जाता है कि लाल किले का निर्माण मुगल सम्राट शाहजहां ने तकरीबन साल 1648 में करवाया था। यह दिल्ली राज्य के यमुना नदी के पश्चिमी तट पर आज भी मौजूद है जिसे देखने के लिए हर साल कई देशी और विदेशी सैलानी आते हैं।

लाल किले में ही हर साल 26 जनवरी और 15 अगस्त को गणतंत्र दिवस तथा भारत का स्वाधीनता दिवस मनाया जाता है। इस दिन यहां पर काफी ज्यादा भीड़ होती है और इस दिन कई रेजिमेंट की परेड यहां पर होती है।

लाल किला जाने के लिए आप दिल्ली मेट्रो का सहारा ले सकते हैं जो आपको इस के ठीक बगल में स्थित मेट्रो स्टेशन पर छोड़ेगी। लाल किला चारों तरफ से गहरी खाई से घिरा हुआ है। 

जब आप इसके अंदर जाते हैं तो आपको सबसे पहले मीना बाजार दिखाई देता है, जहां पर आज भी कई दुकानदार अपना सामान बेचते हैं।

इस किले के अंदर आपको कई पुरानी चीजें देखने को मिलती है। अंदर जाने पर आपको एक राज दरबार भी दिखता है जहां पर मुगल बादशाह बैठा करते थे। 

इस किले में मुगल बादशाह के अलावा भारत के अन्य सम्राटों की भी कई चीजें रखी गई हैं जैसे कि महाराणा प्रताप के हथियार, महाराणा प्रताप का कवच तथा भारत के स्वाधीनता संग्राम से जुड़े हुए क्रांतिकारियों की चीजे।

Red Fort Essay In Hindi

10 वीं सदी के बाद से दिल्ली और दिल्ली के लाल किले का भारतीय शासन से गहरा जुड़ाव रहा हैं. चौहान शासक हो या मुगल, अंग्रेज या आजादी के बाद की भारत सरकार इनका लाल किले से सीधा सम्बन्ध रहा हैं.

लाल बलुआ पत्थरों से निर्मित इस इमारत का निर्माता शाहजहाँ को बताया जाता हैं जबकि कुछ लोग मानते हैं कि इसका निर्माण पृथ्वीराज चौहान ने करवाया था तथा इसका नाम लालकोट था.

लाल किले की गिनती भारत के महत्वपूर्ण ऐतिहासिक स्मारकों में की जाती हैं. मुगल काल में इसका व्यापक स्तर पर विकास किया गया. 

पुराने दिल्ली शहर में यमुना नदी के किनारे यह धरोहर स्थित हैं. बताते है कि इसके निर्माण की शुरुआत 1638 में हुई तथा यह 1648 में पूरी तरह बनकर तैयार हुआ था.

बहादुर शाह जफर लाल किले में रहने वाले अंतिम शासक थे. भारतीय प्रथम स्वतंत्रता संग्राम का नेतृत्व भी यही से हुआ था. आजादी मिलने के बाद पंडित नेहरु ने लाल किले की प्राचीर से तिरंगा फहराकर अपना ऐतिहासिक भाषण दिया था.

तब से लेकर प्रत्येक स्वतंत्रता दिवस के आयोजन लाल किले में ही किये जाते हैं. इस तरह यह इमारत भारत की पहचान के रूप में प्रतिष्ठित हुई हैं.

पर्यटन की द्रष्टि से लाल किला काफी महत्वपूर्ण हैं. इसके मनोरम दृश्य को देखने के लिए नित्य बड़ी संख्या में आगन्तुक यहाँ आते हैं. किले का नजारा बेहद मनभावन लगता हैं. इसकी सुरक्षा के लिए चारो ओर गहरी खाई बनाई गई है.

जो यमुना के जल से भरी रहती हैं. किले के अंदर प्रवेश करने पर मिनी मार्केट आता हैं जहाँ प्राचीन समय की वस्तुएं आदि मिलती हैं. किले में दीवान ए आम और दीवान ए ख़ास दो विशाल महल हैं.

ऊँचाई से देखने पर यह किला अष्टभुजाकार दिखता हैं. इसमें प्रवेश के लिए लाहौरी तथा दिल्ली दो गेट बने हुए हैं. पर्यटकों के लिए लाहौरी गेट तथा vip लोगों के लिए दिल्ली गेट हैं. एक करोड़ रूपये के खर्च से लाल किला बनवाया गया था. 

जिसमें कई कीमती रत्न रखे गये थे. महल में मोती जड़े हुए थे सुंदर सोने का सिंहासन इटली का चोर नादिरशाह ले भागा तो यहाँ की शोभा कोहिनूर तथा मोतियों को अंग्रेज चोरी कर ले गये.

लाल किले पर निबंध 

भारत मे जगह-जगह पर किले है। परंतु भारत का सबसे ऐतिहासिक किला दिल्ली का लाल किला माना जाता है। यह एक प्रसिद्ध ऐतिहासिक इमारत है। माना जाता है कि इस किले का निर्माण मुगल सम्राट शाहजहां ने करवाया था। 

इस किले का निर्माण सन 1648 मे करवाया था। यह किला महान ऐतिहासिक किलो मे से एक है। यह किला नई दिल्ली मे स्थित है। यह किला यमुना नदी के किनारे पर स्थित है।

लाल किला देश का राष्ट्रीय प्रतीक है। हमारे देश की वर्तमान राजधानी नई दिल्ली जो की दिल्ली मे स्थित है। दिल्ली मे कई दर्शनीय स्थल तथा ऐतिहासिक स्थल है। परंतु  दिल्ली का सबसे सुंदर तथा ऐतिहासिक स्थल लाल किला है। जो की नई दिल्ली मे स्थित है।

यह किला दिल्ली के केंद्र मे स्थित है। इस किले का निर्माण लाल बलुआ पत्थर द्वारा किया गया है। इसलिए इस किले का नाम लाल किला रखा गया था। मुगल इसी किले मे रहा कराते थे। 

लाल किला कब और किसके शासन काल में बना?

लाल किले का निर्माण सार्वजनिक दर्शकों के लिए तथा खास बैठको के लिए इस किले का निर्माण किया गया था। इसमे बैठके की जाती है। 

इस किले का निर्माण मुगल सम्राट शाहजहां ने सन 1638 से 1648 तक करवाया था। शाहजहां को “इमारतों के युवराज” के नाम से जाना जाता है। यह किला यमुना नदी के किनारे पर बचा हुआ है। 

लाल किले की आंतरिक संरचनाएं

लाल किले मे एक संग्रहालय, रंग महल, मोती महल, दीवान-ए-आम और दीवान-ए-खास जैसी सुन्दर संरचनाएं भी शामिल है। इस किले के दो द्वार है। जिसमे एक लाहौर द्वार और दुसरा दिल्ली द्वार है। 

इसमे मयूर सिंहासन भी था। जिसे नादिरशाह चुरा कर ले गया था। इस किले की इमरते बहुत ही आकर्षित करती है। इस किले मे प्रवेश कराते ही मिनी बाजार आती है। जिसमे पुरानी स्थापत्य तथा कला शैली स्थित है।     

लाल किला नाम पड़ने के कारण

इस किले का नाम लाल किला पड़ने का मुख्य कारण यह है। कि इस किले का निर्माण लाल बलुआ पत्थर से हुआ। यही इसका मुख्य कारण है। 

इसी कारण लाल किला कहा गया। इसका निर्माण बेहतरीन कारीगरों द्वारा किया गया था। किले का निर्माण लगभग 10 साल मे पूर्ण हुआ था। 

निष्कर्ष
लाल किले पर हर वर्ष स्वतंत्रता दिवस के दिन भारत के प्रधानमंत्री लाल किले पर तिरंगा झंडा लहराता रहता है। तथा हमारे देश की गाता गाते है। जो हमारी स्वतंत्रता और गौरव का प्रतीक है।यह किला इतना ऐतिहासिक है।

कि लोग इसे देखने लोग विदेशो से आते है तथा इस किले की महिमा गाते है। तथा प्रचार-प्रसार करते है।  नई दिल्ली मुगलो कि राजधानी हुआ करती थी। यहा पर मुगलो कि सभा होती थी।