भगवान गणेश पर निबंध Essay on Lord Ganesha in Hindi
भारत एक ऐसा देश है जिसमे सबसे ज्यादा देवताओ ने जन्म लिया था। देवताओ मे सबसे प्रमुख तथा प्रथम पूज्य श्री गणेश को माना जाता है। गणेश जी के कई नाम है। जिसमे-गणपति, विनायक, गौरी नंदन,गजानन्द आदि है। कोई भी नया कार्य करने से पहले श्री गणेश जी को प्रसाद चढ़ाते है तथा गणेश जी को खुश करके अपने काम को शुभ बनाने के लिए गणेश जी का आशीर्वाद लेते है।गणेश जी बुद्धि और सिद्धि के देवता भी माने जाते है। गणेश जी के स्मरण के बिना कोई कार्य सफल नहीं होता है।
निबंध – 1 (700 शब्द)
परिचय
श्री गणेश का हिन्दु धर्म मे महत्वपूर्ण स्थान है। श्री गणेश जी भगवान शिव तथा पार्वती के पुत्र थे। इन्हे लोग संकट के निवारण के लिए पूजते है। जिन लोगो को अपनी ईच्छा पूरी करनी होती है। वह लोग गणेश जी की सेवा करते है तथा अपनी ईच्छा प्रकट करते है। गणेश जी का सिर हाथी का था।
बालक गणेश का जन्म
श्री गणेश का जन्म उनकी माता पार्वती अपने तन मेल से निर्मित किया था।श्री गणेश जी ने नजन शिशु के रुप मे जन्म लिया था। गणेश जी का जन्म अलैंगिक रूप से हुआ था। उनका जन्म बलरूप मे हुआ था। श्री गणेश जी का हाथी का सिर जन्म से नहीं था। माता पार्वती अपने पुत्र से अत्यंत प्यार करते थे।
एक समय कि घटना है।माता पार्वती स्नान करने गए उन्होने गणेश जी से कहा कि किसी को भी घर के अंदर नहीं आने देना गणेश जी अपनी माता कि आज्ञा की पालना करते हुए पहरेदरी करने लगे उन्होने सिर्फ माता पार्वती को ही देखा था।वह सिर्फ माता पार्वती की आज्ञा की पालना करते थे।
तभी महादेव जी घर जा रहे थे तभी गणेश जी ने उनका रास्ता रोक दिया तथा अंदर प्रवेश करने से मना कर दिया। महादेव जी इस बात को सहन नहीं कर सके उन्हे गणेश पर बहुत गुस्सा आया महादेव जी ने बालक गणेश को बहुत समझाया की वह माता पार्वती के स्वामी है।
परंतु गणेश ने इस बात को सुना तक नहीं महादेवजी गुस्से मे आकर बालक गणेश का सिर धड़ से अलग कर दिया माता पार्वती स्नान करके वापस आए तो उन्होने देखा कि उनके वीर गणेश का सिर धड़ से अलग था। माता पार्वती अत्यंत दुखी हुई। माता पार्वती ने महादेव जी से बालक गणेश को जीवत करने को कहा भगवान विष्णु ने गज का सिर लाकर महादेव जी को दिया। महादेव जी पार्वती के आगे कुछ नहीं बोले और बालक के धड़ से गज के सिर को जोड़ कर बालक को जीवित कर दिया।
बालक के प्रति माता का इतना प्यार देखकर सभी देवताओ ने गौरीपुत्र को आशीर्वाद दिया साथ ही महादेवजी ने बालक गणेश को सबसे प्रथम पूज्य होने का आशीर्वाद दिया था। तबसे गणेश जी को सबसे पहले पुजा जाता है।
शारीरिक संरचना
श्री गणेश की शारीरिक संरचना बाकी देवताओ से कही अलग थी। गणेश जी सबके मन मोहने वाले थे। गणेश जी का सिर गज का होने के कारण गणेश जी को गजानन्द कहते है। वह सबके साथ अच्छा व्यवहार करते थे। उनका शरीर प्रतिकात्मक है।
उनके प्रत्येक अंग पर प्रतीक है।श्री गणेश जी के हाथ मे अंकुश था। जिसका अर्थ है-नियंत्रण । इसका अर्थ है। जागृति के साथ नियंत्रण का होना जरूरी है। इससे हमे शिक्षा मिलती है।
गणेश जी का पेट बड़ा है जिसका अर्थ है कि हमे छोटी-बड़ी, अच्छी-बुरी बातों पर ध्यान नहीं देना चाहिए। उन्हे अपने उदर मे पचा लेना चाहिए। गणेश जी के दाँतो से सीख मिलती है कि बुद्धि भले ही भ्रमित हो जाए। किन्तु श्र्द्धा कभी खंडित नहीं होनी चाहिए। गणेश जी के शरीर के हर भाग से हमे सीखने को मिलता है।
गणेश-चतुर्थी (विनायक चतुर्थी) का महा उत्सव
गणेश जी के नाम पर कई उत्सव मनाये जाते है। जिसमे गणेश चतुर्थी सबसे प्रमुख माना जाता है।गणेश चतुर्थी भाद्रपद मास की चतुर्थी को मनाया जाता है। इसी दिन गणेश जी का जन्म हुआ था।
यह त्योहार दस दिन तक मनाया जाता है। यह भाद्रपद चौथ से लेकर भाद्रपद चतर्दर्शी तक मनाया जाता है
यह पर्व पूरे देश मे बड़ी धूम-धाम के साथ मनाया जाता है। इस पर्व पर गणेश जी की पुजा बड़े स्तर पर किया जाता है। यह उत्सव दस दिन मनाये जाने के पीछे बड़ा राज है। माना जाता है कि एक समय गणेश जी वेदव्यास के मुख द्वारा महाभारत की कथा को पूर्ण श्रद्धा के साथ महाभारत सुनने लगे महाभारत मे इतने लग्न थे कि दस दिन बीत गए पता हा नहीं लगा। उनका शरीर जल गया था।
भगवान गणेश हिंदू धर्म के प्रमुख देवताओं में से एक हैं।
निष्कर्ष
श्री गणेश के गानो के देवता माने जाते है इसलिए उन्हे गणपती कहा जाता है। गणेश जी सभी के बाधाओ को दूर करते सभी का मंगल करते है। इसलिए उन्हे मंगल मूर्ति के नाम से भी जाना जाता है। गणेश जी का सिर हाथी का होने के कारण उन्हे गजानन्द के नाम से भी जाना जाता है। भगवान गणेश हिंदू धर्म के प्रमुख देवताओं में से एक हैं।
श्री गणेश जी हर कार्य को शुभ बना देते है।इसी कारण किसी भी शुभ अवसरों जैसे शादी,नया बंगले मे प्रवेश,नई गाड़ी खरीदने तथा यहां तक कि यात्रा को भी शुरू करने पहले, श्रीगणेश का नाम लिया जाता है, वे बहुत बुद्धिमान है लोग गणेश जी के चमत्कार देखकर लोग उन्हे अलग-अलग नामो सुशोभित किया जाता हैं।