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खुद पर निबंध Essay on Myself in Hindi

खुद पर निबंध Essay on Myself in Hindi- नमस्कार साथियों स्वागत है, आपका आज के इस लेख में आज हम अपने आप के बारे में कुछ क्वालिटी, रूचिया, आदते तथा जीवन में कुछ करने की चाह को आपके साथ इस लेख के माध्यम से साझा करेंगे.

खुद पर निबंध Essay on Myself in Hindi

अपना परिचय देना एक आत्मकथा की तरह ही होता है, एक व्यक्ति अपनी कथा में अपने आप का अन्वेक्षण कर पाता है, कि उसकी वर्तमान में स्थिति क्या है. 

इस संसार में करोडो लोग निवास करते है, सभी का लहजा, शौक, रूचिया तथा अपनी अपनी गुणवता होती है, उन्ही में से एक है, हम.किसी के साथ अपनी तुलना करना वास्तव में एक पाप है.

मैं शब्द ही अपने आप में अपनी सभी भाव को प्रकट करने के लिए काफी है. वैसे किसी व्यक्ति में कोई जन्म जात से कोई क्वालिटी नही होती है, सभी अपने जीवन में मेहनत के साथ अपनी गुणवता का विकास करते है.

मै शब्द को कई परिप्रेक्ष्य से देखा जा सकता है. जिसमे मै अपना स्वाभिमान या आत्मविश्वास को दर्शाता है, तो कहीं यह हमारे अहंकार का प्रतिपालक भी बन जाता है.

एक श्रेणीबद्ध तरीके से देखा जाए तो हर युग में अलग अलग दानवो का राज रहा. जिसमे सतयुग में चार वर्ण का राक्षस आया जिसका नाम था,  कश्यप. यह अपने आप को भगवान मानने लगा यह इसका अहंकार था, जो इसे ले डूबा.

त्रेता युग में अहंकार ने अपना रूप नहीं बदला पर नाम बदलकर तीन वर्ण का कर दिया. रावण. इसके बाद द्वापर में यही नाम दो अक्षर का हो गया, जो कंश के रूप में सामने आया था.

इसी की श्रृंखला में आज कलयुग में हमारे लिए सबसे बड़ा राक्षस एक अक्षर का मैं है. जो अपने आप में परिपूर्ण तथा अपने आप को विनाश का कारण है.

जिस प्रकार सतयुग में देवता दानव अलग अलग स्वर्ग और नरक जैसे स्थानों पर रहते थे, वहीँ त्रेतायुग में वे एक ही दुनिया में रावण व राम के रूप में रहे. जिसके बाद द्वापर युग में कोरव और पांडव के रूप में एक ही परिवार में रहने लगे.

वहीं आज कलयुग में राक्षस और देवता दोनों ही एक ही देह में आवास करते है. हमारे शरीर में ही दोनों का निवास है जरुरत है, तो इसकी की हम किसकी ओर जाते है? किसे अपनाते है.

मैं एक विद्यार्थी हूँ. हालाँकि एक एवरेज स्टूडेंट की श्रेणी में आता हूँ, पर मै पढाई के साथ ही अन्य खेल के क्षेत्र में तथा अन्य गतिविधियों में अपने आप को बाकी स्टूडेंट की तुलना में काफी आगे देखता हूँ.

प्रस्तावना

प्रत्येक व्यक्ति अपने आप को बड़ा बनाना चाहता है। हर मनुष्य अपने आप मे खास होता है। जब हम किसी से पहली बार मिलते है तो अक्सर अपना परिचय पूछा जाता है अक्सर स्कूल-कॉलेज का पहला दिन हो। अपने बारे मे कोन नहीं जनता सब अपने बारे मे जानते है पर अपने बारे लिखना मुश्किल होता है।  

मै कौन हूँ? 

मेरा नाम (अपना नाम.. xyz ) है। मेरा उपनाम (कोई भी उपनाम) है मुझे घर में सभी प्रेम से इसी नाम से बुलाते है. मुझे भी इस नाम से पुकारना अच्चा लगता है.  आमतौर मेरे दादा-दादी मुझे मेरे उपनाम से ही बुलाते हैं। 

मै मेरे परिवार में सबसे छोटा हूँ, जिस कारण सभी मुझसे बहुत स्नेह तथा प्रेम के साथ व्यवहार करते है. मेरे परिवार वाले मेरी बहुत फिकर करते है। वो मुझे आसान तथा प्राणायाम कराते है। ओर दौड़ करने के लिए कहते है। और सुबह फल खिलाते है।

सुबह उठकर स्नान करके विद्यालय जाता हूँ। और विद्यालय जाकर अच्छी पढ़ाई करता हूँ। मेरी लिखावट बहुत अच्छी है। मेरे शिक्षक मुझसे प्यार करते है।  मेरा परिवार बहुत बड़ा है जिसमे मेरे दादा-दादी,माता-पिता,चाचा-चाची,ताऊ-ताई और मेरे भाई बहन हम सब एक साथ रहते है। सभी मुझसे प्यार करते है। 

परिचय

मैं राजकीय आदर्श उच्च मध्यमिक विद्यालय होडू मे कक्षा 9 मे पढ़ता हूँ। मेरी आयु 13 वर्ष है। मैं अपने परिवार के साथ ही गाँव में रहता हूँ. मेरे पिता का नाम (अपने पिता का नाम )  तथा माता का नाम (अपनी माता का नाम ) है वे दोनों मुझसे बहुत प्यार करते है। 

मै मेरे दादा-दादी के साथ घर पर रहता हूँ। मुझे यात्रा करना बहुत पसंद करता हूँ। मै एक अच्छा विद्यार्थी हूँ। मेरा स्कूल बहुत अच्छा है उसमे दो बगीचे है। मेरा विद्यालय स्वस्थ, प्यारा और शांतिपूर्ण है। मै बड़ो का आदर करता हूँ। 

मेरी रुचि खेलने की ज्यादा है मै क्रिकेट का अच्छा खिलाड़ी हूँ। बाकि खेल भी मैं खेलता हूँ। जैसे-कबड्डी,खो-खो,फुटबाल, वोलीबाल तथा फोन मे भी गेम खेलता हूँ।

खेलकूद हमेशा से ही मेरी दिनचर्या में रहे है. बचपन से ही हर खेल में दक्ष रहा हूँ. हालाँकि समय की बर्बादी भी काफी हुई है, पर अब खेल का एक टाइम निर्धारित करके खेलता हूँ. जिससे समय की बचत होती है, साथ ही मनोरंजन भी हो जाता है.

मेरी पहचान

हर व्यक्ति की अपनी-अपनी अलग पहचान होती है। जैसे कई अपनी पढाई में मेधावी छात्र होते है, तो कई खेलकूद में सर्वश्रेष्ठ होते है. कुछ अन्य कार्यो में जैसे अनुशासन तथा लीडरशिप जैसे मामलों में श्रेष्ठ होते है.

अपने अपने कार्यो में सभी दक्ष होते है. हर कोई हर फील्ड में श्रेष्ठ नहीं हो सकता है. कहते है. व्यक्ति हर क्षेत्र में श्रेष्ठ नहीं हो सकता है. पर उसकी कोई न कोई फील्ड श्रेष्ठ होती है.

जरुरी नहीं है, कि सभी पढाई में ही तेज हो. हो सकता है, कोई खेलकूद में श्रेष्ठ हो. कई बिजनेश में तेज हो सकते है. तो कई में लीडरशिप का गुण होता है. यानी हर व्यक्ति में कुछ न कुछ स्पेशल होता है.

रुचियां

मेरा पढ़ाई से ज्यादा खैलने मे मन लगता है मै हर खेल खेल सकता हूँ और ज़्यादातर खेलो मे अच्छा खिलाड़ी हूँ। क्रिकेट मेरा प्रिय खेल है। मै ज़्यादातर क्रिकेट ही खेलता हूँ।

मै हर समय बड़ो का आदर करता हूँ। मेरे अध्यापको तथा अभिभावकों निर्देशों का पालन तथा उनका सम्मान करता हूँ। सभी मुझसे प्यार करते है। 

जिसकी मै हर तरह से उसकी सहायता करता हूँ। वह मेरा सहपाठी तथा पड़ोसी होने के कारण हम दोनों एक साथ विद्यालय जाते तथा आते है। मुझे कितबे पढ़ना तथा जोक पढ़ना अच्छा लगता है। मै लोगो की मदद करके खुद को भाग्यशालि समझता हूँ।    

मेरी क्षमताएं 

मै एक बालक होते हुए भी मुझमे कई क्षमताएं विद्यमान है। मै सुबह जल्दी उठता हूँ। तथा व्यायाम करता हूँ।, फिर स्नान करके, खाना खाकर, विद्यालय जाता हूँ, 

तथा विद्यालय मे बहुत अच्छी पढ़ाई करता हूँ। ब मुझे समय मिलता है। तब मै लेख भी लिखता हूँ। ये मेरे लिए नित्य कर्म है। ये कार्य मे हर रोज करता हूँ। 

मेरा पसंदीदा विषय 

मेरी पसंदीदा विषय विज्ञान है जिसे मे दिन मे 8 घंटे पढ़ता हूँ। विज्ञान मे सबसे श्रेष्ठ हूँ। मै रोज घर तथा विद्यालय की साफ-सफाई रखता हूँ। मै अच्छा सिंगर भी हूँ। मै हर वार्षिक उत्सव मे भाग लेता हूँ। 

अच्छा गीत गाता हूँ। सभी मेरे द्वारा गाये गए गीत को अच्छे से सुनते है। मै हमेशा मज़ाक किया करता रहता हूँ। मेरे दोस्त मुझसे बहुत प्यार करते है। मै सभी को पसंद आता हूँ। हम कई अभियानो का शुभारंभ भी करते है। 

निष्कर्ष 

मै खुद को भाग्यशाली समझता हूँ। मेरे जीवन मे हर चीज की सुविधा है। मेरे लिए ये एक सपने के शाकार होने से कम नहीं है। मेरा परिवार इतना अच्छा है। जितना की स्वर्ग होता है। मे उम्मीद करता हूँ। कि आप सभी के परिवार भी बहूत अच्छे हो।