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सड़क की आत्मकथा पर निबंध Essay on Autobiography of road in hindi

 सड़क की आत्मकथा पर निबंध Essay on Autobiography of road in hindi

नमस्कार दोस्तों आज हम सड़क की आत्मकथा निबंध हिंदी sadak ki atmakatha essay in hindi लेख निबंध अनुच्छेद आदि के बारे में सम्पूर्ण जानकारी प्राप्त करेंगे.

मै लोगो को एक स्थान से दुसरे स्थान तक जाने में उपयोगी सडक हूँ, पहले मेरा उपयोग बहुत कम था. पर वर्तमान में संसाधनों की बढाती संख्या से मेरा भी उपयोग बढ़ गया है. पहले मेरा निर्माण बहुत कम जगहों पर ही किया जाता था. क्योकि उस समय वाहन बहुत कम थे. जिसके कारण लोग पैदल यात्रा करते थे. और पैदल यात्रा में मेरा ज्यादा उपयोग नहीं किया जाता है.

मेरे अनेक नाम है. मुझे लोग अलग-अलग नमो से जानते है. कई लोग मुझे गाँधी हाइवे कहते है. तो कई कुछ और इस प्रकार मुझे अलग-अलग नामो से पुकारा जाता है. मै सभी के साथ नाता जोड़े रखता हूँ. मेरी वजह से ये दुनिया खुशहाल रह पाती है. मै रंग में काली हूँ,पर सुबह से समय में तेज धुप के साथ में चमकार बन जाती हूँ. मै बहुत मजबूत होती हूँ.

मेरे विकास से देश का भी विकास संभव है. जब मेरा उच्च निर्माण किया जाता है. तो में हाइवे का रूप ले लेती हूँ. जिस पर ट्रक वस्तुओ का आदान-प्रदान करते है.मै एक शहर को शहर से गाँव को गाँव से देश को देश से जोड़ने में सहायता प्रदान करती हूँ.मेरा निर्माण सीमेंट पत्थर तथा डामर से किया जाता है. बाद में जब मेरी मरम्मत की जाती है. तो में वापस मजबूत बन जाती हूँ. मेरी सबसे ज्यादा शोभा तब बढ़ती है. जब मेरे दोनों और सुंदर वृक्ष लगाये जाते है.

मेरे बढ़ते उपयोग ने मेरा निर्माण शुरू किया गया और आज में दुनिया के हर गाँव में मेरा ही उपयोग किया जाता है. मेरे बिना वाहन चल भी नहीं पाते है. मेरा निर्माण बहुत मजबूती से किया जाता है. क्योकि मेरे ऊपर सभी वाहन चलते है. जिसमे- मोटरसाइकिल, कार,साईकिल,टैक्सी तथा भारी भरकम ट्रक भी मेरे ऊपर दौड़ते है.मेरे बिना वाहनों का कोई आसित्व भी नहीं है.

लोग मुझे निष्प्रभाव मानते है. पर असल ये झूठ है. मै वाहन द्वारा लोगो द्वारा किये गए मेरे साथ व्यवहार को में अनुभव करती है. मै बोल नहीं सकती इसलिए मै लोगो को समझाने में असमर्थ हूँ.मै मेरे साथ लोगो के द्वारा किये जाने वाले व्यवहार को महसूस करती है. लोग ख़ुशी होते है. या गुस्से में मै उन्हें भी अनुभव करती हूँ,

मै शिक्षक की तरह खुद एक ही स्थान पर रहकर दुसरे लोगो को उनकी मंजिल तक पहुंचाती हूँ, मै गाँवो को शहरों से जोड़ती हूँ.मेरी स्थिति शहरों में तथा बड़ी सड़को पर बहुत ही अच्छी होती है. पर गाँवो के इलाको तथा छोटी सड़को पर मेरी स्थिति बहुत ख़राब है. बड़ी सडको पर मेरा बहुत ख्याल रखा जाता है. और मुझे थोडा सा नुकसान होने पर भी उसे ठीक कर दिया जाता है. जिससे लोगो को चलने में बहुत आसानी होती है. तथा लोग मेरी प्रशंसा करते है. ये देखकर में काफी खुश होती है. 

कई जगहों पर मेरी स्थति इनती गंभीर होती है. कि लोग मेरे में पैदल भी नहीं चल सकते जगह-जगह वर्षा के कारण बड़े-बड़े गठ्ठे बने होते  है.जिनको सरकार सही नहीं करवाती है. जिससे हर रोज  अनेक दुर्घटनाए घटित होती है. कई बार लोगो की जान भी जाती है. जिससे मेरा उपयोग कम करते है. जिससे मुझे बहुत दुख महसूस होता है. और मुझे लोगो द्वारा गालिया भी सुननी पड़ती है.जिस कारण मुझे शर्मिंदा होना पड़ता है.

ग्रामीण लोग मेरा उपयोग कचरा पात्र के रूप में करते है. अपना घर का सम्पूर्ण कचरा मुझ पर डाल देते है. कचरा मुझ पर जम जाता है. जिससे वाहनों में खासकर दुपाईया वाहनों को बहुत ज्यादा तकलिब होती है. कई बार ज्यादा कचरा इकठ्ठा हो जाने के कारण सड़क पूरी तरह से बंद हो जाती है. कचरे की वजह से लोगो को दूर से होकर सफ़र करना पड़ता है. मेरे होते हुए. जब इस प्रकार की वाहनों की समस्या आती है. तो मुझे बहुत बुरा लगता है. 

आज कोई भी व्यक्ति ऐसा नहीं है. जो मेरा प्रयोग नहीं करता है. सभी लोग किसी भी यात्रा करने के लिए मेरा उपयोग करते है. मेरी स्थिति ठीक होती है. तब तो मै यात्रियों को कोई नुकसान नहीं पहुंचाती हूँ, और उन्हें सुविधापूर्वक उनके लक्ष्य तक पहुंचाती हूँ. अन्यथा मेरी स्थिति ख़राब होने पर मेरी वजह से दुर्घटना भी घटित होती है. मुझ पर खून खराबा होता है. लोगो की जान चली जाती है. बड़े-बड़े गठ्ठे हो जाते है. जिसे में सहन नहीं करना चाहती हूँ.

मेरे ऊपर वाहनों,मनुष्यों के साथ-साथ जानवर भी गुजरते है. जिसमे खासकर गाय,भैंस,बकरी तथा अन्य पालतू पशु आदि होते है. जानवर भी मेरा प्रयोग करते है. ये देख में बहुत ज्यादा सुकून महसूस करती है. पर कई ये पालतू जनवर सडक पर झुण्ड बनाकर खड़े हो जाते है. जिससे वाहनों को चलने में मुशीबत आती है.कई बारे ये जानवर अचानक सड़क पर आ जाने के कारण दुर्घटना होने की संभावना होती है.

मुझ पर वाहन चलते है. जिससे मै खुश तो होती हूँ. पर मुझे कभी-भी आराम नहीं मिलता है. मुझे एक पल के लिए भी शांत नहीं छोड़ा जाता है.हर समय में व्यस्त ही रहती हूँ. तथा हर समय मुझ पर वाहन ही वाहन छाये रहते है. अधिक वाहनों के चलने से दुर्घटना की अधिक संभावना रहती है.खासकर दुपाईया वाहन की ज्यदा संभावना होती है.  तथा बहुत ज्यादा प्रदुषण भी होता है. 

आज के ज़माने में खासकर शहरों में बहुत लम्बा-लम्बा जाम लगा रहता है. यातायात की संख्या ज्यादा होने के कारण लोग बाईपास का प्रयोग करते है. मेरा निर्माण करने में अनेज खर्चा लगता है. जो भी मेरा निर्माण करता है. वह बहुत मेहनत करके बनाते है. पर लोग कुछ पल भी इंतजार नहीं कर पाते है. और किसी दुसरे रास्ते से चले जाते है. जिससे मेरा अपमान होता है. आपकी सुरक्षा के लिए मुझ पर हर जगह यातायात के नियम के चिह्न बनाये गए है.

मै आपके लिए इतनी सुरक्षा उपलब्ध कराता हूँ. फिर भी आप लोग बाइपास जाकर मुझे अपमानित करते हो.मनुष्य हर समय मेरा उपयोग करें. इसके लिए मै अनेक कष्ट सहन करती है. बहुत ज्यादा बोझ जेलती हूँ. फिर भी लोग मेरा दुरुपयोग करते है. इसके लिए शर्मिंदा हूँ. पर मै परोपकार के लिए लोगो की सेवा करने के लिए हर समय तत्पर रहूंगी.

आशा करता हूँ,दोस्तों आज का हमारा लेख,अनुच्छेद,पैराग्राफ,निबंध सड़क की आत्मकथा road ki aatmkatha hindi me आपको पसंद आई होगी. इसे ज्यादा से ज्यादा अपने दोस्तों के साथ शेयर करें.