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महिलाओं की समाज में भूमिका पर निबंध Essay on Role of Women Society in Hindi

नारियो की समाज में भूमिका पर निबंध Essay on Role of Women Society in Hindi- महिलाए हमारे समाज की निर्माता तथा सबसे बेहतर कार्यकर्ता होती है. आज के आर्टिकल में हम महिलाओ की समाज में भूमिका के बारे में विस्तार से पढेंगे.

महिलाओं की समाज में भूमिका पर निबंध Essay on Role of Women Society in Hindi

महिलाओं की समाज में भूमिका पर निबंध Essay on Role of Women Society in Hindi
हमारे जीवन में महिलाओ की महत्वपूर्ण भूमिका होती है. समाज में महिला का सबसे मुख्य वक्ता माना जाता है. महिलाए पुरुषो की सहायता के लिए दिन रात तैयार रहती है, पर आज भी पुरुषो और महिलाओ में भेदभाव देखा जाता है. इसी कारण महिलाओ की स्थिति काफी कमजोर है. 

आज का समाज पुरुष प्रधान है, जहा पुरुषो के अनुसार ही कार्य संपन्न होता है. और वे महिलाओ को सामाजिक भेदभाव और प्रथाओ से जोड़कर उनके विकास में बाधा बन रहे है. समाज में महिलाओ को बुरी नजर से देखा जाता है. पुरुषो की तुलना में महिलाओ की योग्यता को कम समझा जाता है.

महिलाओ की स्थिति में सुधार के लिए भारतीय सरकार कई अभियानों की सहायता से लोगो में जागरूकता फैला रही है. सरकार की योजनाओ और अभियानों का मुख्य उद्देश्य महिलाओ की योग्यताओं को अवसर देने और उन्हें सुरक्षित और शिक्षित बनाना है.

महिलाएं समाज के सतत विकास और उन्नति के लिए काफी महत्वपूर्ण है. महिलाएं शिक्षित बनकर समाज का स्वरूप बदल सकती है. इसलिए महिलाकी समाज में महत्वपूर्ण भूमिका होती है.

हमारे देश में आज महिलाओ की स्थिति पहले की भांति काफी ठीक है. पहले की तुलना में आज की महिलाओ में काफी विकास हुआ है. पर आज भी ग्रामीण क्षेत्रो में महिलाओ की स्थिति काफी दयनीय है. 

आज भी महिलाओ को भेदभावो की नजरो से देखा जाता है. इसलिए हमें महिलाओ की उन्नति के लिए प्रयास करने चाहिए. महिलाओ की सुरक्षा और शिक्षा से ही राष्ट्र के विकास की कल्पना की जा सकती है.

आए दिन महिलाओ के साथ बुरे बर्ताव किये जाते है. उन्हें किसी भी कार्य में नेतृत्व करने का जिम्मा नहीं सौपा जाता है. इसका प्रमुख कारण सामाजिक भेदभाव है. पुरुष महिलाओ को किसी भी कार्य के लिए उचित नहीं मानते है.पर महिलाओ की अपनी इस स्थिति में सुधार के लिए कदम उठाने चाहिए.

हमारे देश के अधिकांश परिवारों और समाज का नेतृत्व महिलाए कर रही है. और वे समाज काफी तेजी से विकास कर रहे है. महिलाए समाज की विचारधारा बदल सकती है. इसलिए महिलाओ को आत्मनिर्भर बनना होगा.

महिलाए समाज तथा राष्ट्र के विकास में महत्वपूर्ण भूमिका निभार्ती है. एक समाज के विकास में महिला का विकास काफी महत्वपूर्ण रोल अदा करता है.

आज की बालिकाओ को शिक्षित बनाकर हम आने वाले समय की महिलाओ को शिक्षित बन सकते है. तथा आज की बालिकाए कल की नारियां होगी, जो किसी की माँ तो किसी की पत्नी होगी. जिससे वे समाज को नई दिशा दे सकेंगी.

वर्तमान में पुरुषो की स्थिति के मुताबिक पुरुष शिक्षित होकर केवल खुद के जीवन में उन्नति ही कर सकता  है. पर महिलाए शिक्षित होकर खुद के साथ साथ एक शिक्षित समाज का निर्माण करती है. जिसकी हमें जरुरत है.

आज के पुरुष महिलाओ को कमजोर समझकार उन्हें अवसरों से वंचित रख देते है. इसे हम नादानी ही कहेंगे. महिलाए कमजोर नहीं बल्कि पुरुषो से अधिक गुणवान तथा शक्शिशाली है. केवल उन्हें अवसरों की कमी  विकास के पथ से दूर ले जा रही है.

आधुनिका महिलाओ की गुणवत्ता के कारण ही उन्हें परिवार का श्रेष्ठ वक्ता यानी मुखिया और मुख्य कार्यकर्ता का दर्जा दिया जा रहा है. यानी महिलाओ को पुरुषो से बेहतर बताया जा रहा है. जो शायद सही है.

आज की एक महिला को अशिक्षित रखकर हम अपनी पूरी समाज को अनपढ़ बना रहे है. क्योकि अधिकांश परिवारों का मुखिया तथा अधिकांश शिक्षित लोगो के पीछे महिलाओ का हाथ होता है.

महिलाए अशिक्षित होने पर भी वे हर परस्थिति का बेहतर तरीके से सामना करना जानती है. यदि उनकी शिक्षा पर जोर दिया जाए. तो समाज और राष्ट्र का  विकास किया जा सकता है.

महिलाओं की समाज में भूमिका पर निबंध Essay on Role of Women Society in Hindi

नारियो की समाज में भूमिका पर निबंध Essay on Role of Women Society in Hindi
हमारे समाज का निर्माता महिलाए होती है, जो समाज का निर्माण करती है. तथा कई समाज मिलकर राष्ट्र का निर्माण करते है. हमारे जीवन के पहले पड़ाव से अंतिम पड़ाव तक यानी मृत्यु तक महिलाए अपनी महत्वपूर्ण भूमिका निभाती है.

हमारे जीवन में महिलाओ का विशेष महत्व होता है. हमें जन्म देने वाली भी एक महिला होती है. तथा हमारा पहला शिक्षक माँ भी एक महिला ही होती है. पहला प्यार बहन और पत्नी तक सभी महिलाए ही होती है.

हमारे जीवन में सबसे महत्वपूर्ण किरदार निभाने वाली महिलाओ की हालिय स्थित काफी दयनीय है. महिलाए काफी पिछड़ी हुई है. उनके विकास में उन्ही के द्वारा पाला गया पुरुष आता है, जो सामाजिक भेदभाव से महिलाओ की स्थित को पिछड़ रहा है.

आज के इस पुरुषप्रधान देश में महिलाओ को कमजोर तथा कार्य करने के लिए अयोग्य माना जा रहा है. महिलाओ की योग्यता को नजरअंदाज कर समाज के विकास की कल्पना नहीं की जा सकती है.

आज हर दफ्तर में महिलाओ की संख्या बहुत कम है. पर पिछले कुछ दशको से नारी जागरूकता के कारण इसमे काफी सुधर आया है. और आज हर दफ्तर में महिलाए पुरुषो के साथ कंधे से कंधा मिलकर उनका सहयोग कर रही है. अयोग्य माने जानी वाली महिलाए आज पुरुषो को टक्कर दे रही है.

महिलाओ के शिक्षा और विकास की ओर ध्यान दिया जाए तो राष्ट्र का विकास किया जा सकता है. तथा एक महिला को शिक्षित बनाकर एक समाज के भविष्य को उज्जवल बनाया जा सकता है. पर आज पुरुषो की तुलना में महिलाओ का जीवन तथा शिक्षा की प्रक्रिया काफी जटिल बन चुकी है.

पुरुष केवल खुद की सुरक्षा करते है. वहीं महिलाए अपने सहित सम्पूर्ण परिवार की सुरक्षा सुनिश्चित करती है. महिलाए अपने जीवन का रथ केवल रिश्तो को निभाना और उनकी रक्षा करने को मानती है. जिसका प्रमुख कारण अशिक्षित महिलाओ का होना है. इसलिए आज की महिलाओ के लिए शिक्षा महत्वपूर्ण है.

आज शहरो की महिलाए काफी शिक्षित और सामाजिक बेडियो को तोड़ चुकी है. और अपना विकास खुद कर रही है. शहरो की महिलाए खुद को स्वतन्त्र मानती है. तथा एक आत्मनिर्भर जीवन व्यतीत करती है. जो उनकी सफलता का प्रमुख कारण है,

आप शहरो की महिलाओ को दफ्तरों में तथा कार्य करते हुए देख सकते है. जहा वे नौकरी या परिश्रम कर खुद का गुजारा करती है. पर जब बात ग्रामीण महिलाओ की आती है, तो यहाँ स्थिति काफी ख़राब हो जाती है. तथा सभी महिलाए अशिक्षित ही रह जाती है. और खुद को प्राचीन परम्पराओ में बांधकर रखती है. जो उनके विकास में बाधा बन रहा है.

आज के पुरुषो का दायित्व केवल दो समय की रोटी प्राप्त करने का है. इस कारण वे महिलाओ की शिक्षा और उनके विकास मेव ध्यान नहीं दे रहे है. पर महिलाओ को शिक्षित बनने के लिए तथा विकास करने के लिए खुद को पैरो में खड़ा होना होगा, महिलाओ को आवाज उठानी होगी.

आज महिलाओ के विकास में महिलाओ की एकता ही उनका एकमात्र सहारा है. इसका प्रयोग कर महिलाओ हर कार्य संभव कर सकती है. अपनी इस स्थिति में सुधार ला सकती है.

आजादी से पूर्व की महिलाओ में तथा आज की आधुनिक ,महिलाओ में काफी बदलाव नजर आता है. आज आपको महिलाए नौकरी करती नजर आ रही है. और सामाजिक भेदभाव की स्थिति से शहरी महिलाए छुटकारा पा चुकी है. पर ग्रामीण महिलाओ के लिए आज भी ये चिंता का विषय है.

आज की महिलाए पुरुषो से श्रेष्ठ कार्य कर रही है. और खुद की प्रतिभा को निहार रही है. आज हर क्षेत्र में महिलाए नए नए कीर्तिमान रच रही है. तथा अपनी योग्यता का सभी को आभास करा रही है.

हमारे देश में ऐसे अनेक कार्य महिलाओ ने संपन्न किये है. जो पुरुषो के लिए आज भी असंभव है. महिलाओ की प्रगति और उनके कीर्तिमान पर हमें गर्व है. तथा महिलाओ ने हमारे देश का खूब नाम रोशन किया है.

हमारे देश में महिलाओ की प्रगति के लिए भारतीय सरकार ने कई योजनाओ की शुरुआत की है. जो महिलाओ की उन्नति में काफी उपयोगी साबित होगा. हमारी सरकार पूर्वजो की प्रचलित कुप्रथाओ पर रोक लगा रही है. तथा महिलाओ को सामजिक भेदभाव से बचा रही है.

भारतीय सरकार धीरे धीरे सभी प्रथाओ पर रोक लगा रही है. जिसमे कुछ प्रथाओ को पूर्ण रूप से पाबन्द कर दिया गया है. जिसमे-  बाल विवाह, भ्रूण हत्या, दहेज़ प्रथा, बाल मजदूरी, घरेलू हिंसा इत्यादि प्रमुख प्रथाए है.

महिलाओ के विकास की बाधा बन रही इन प्रथाओ पर रोक लगाने के बाद महिलाओ की स्थिति में काफी सुधार हुआ है. जिस कारण आज की महिलाए स्वतंत्र तथा सामजिक भेदभावो से दूर अपना विकास और समाज की भलाई के लिए कार्य कर रही है.

हमारी बहन, माँ, पत्नी, बेटी आदि महिलाए ही है. जो हमारे परिवार और समाज का सम्मान बढ़ाती है. इसलिए हमें इनकी सुरक्षा की ओर ध्यान देना चाहिए. तथा महिलाओ को शिक्षित बनाकर आत्मनिर्भर बनाना होगा. जिस कारण वे स्वतंत्रता से अपना जीवन जी सकें.

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