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कारगिल युद्ध पर निबंध | Essay on Kargil War in Hindi

Essay on Kargil War in Hindi कारगिल युद्ध पर निबंध- भारत पाकिस्तान के विरुद्ध अनेक युद्ध हुए जिसमे कारगिल का युद्ध भारत के लिए सबसे बड़ी चुनौती थी. इस युद्ध की सभी घटनाओ के बारे में क्रमश जानकारी आज के आर्टिकल में हम प्राप्त करेंगे.

कारगिल युद्ध पर निबंध | Essay on Kargil War in Hindi

कारगिल युद्ध पर निबंध | Essay on Kargil War in Hindi
भारत देश की सीमारेखा पर पाकिस्तानियों द्वारा घुसपेठ के द्वारा कब्ज़ा कर दिया. जिसके फलस्वरूप दोनों देश का युद्ध हुआ जिसमे पाकिस्तान को हार का सामना करना पड़ा. इस युद्ध में भारत ने अपने कारगिल पर वापस फतह पा ली इसी दिवस को हर साल हम कारगिल विजय दिवस के रूप में मनाते है.

इस युद्ध में कई भारतीय सैनिको ने अपनी आहुति दी तथा देश की अपनी जमीन वापस पा ली. पाकिस्तान अपनी कोशिश में असफल रहा. इस युद्ध को इतिहास में हम कारगिल युद्ध के नाम से जानते है. इस आर्टिकल में हम कारगिल युद्ध से जुडी जानकारी प्राप्त करेंगे.

हमारा देश भारत जब अखंड भारत था, उस समय जब देश को धर्म के आधार पर दो भागो में विभाजित किया गया. जिससे एक नया मुल्क बना जिसका नाम पाकिस्तान दिया गया. पाकिस्तान का नेतृत्व अली जिन्ना ने किया.

अंग्रेजी ने अंत समय में माउंट बेटन योजना के आधार पर देश का विभाजन कर दिया. जिससे हमारा भारत दो भागो में बाँट गया. और राजनैतिक कारणों से दोनों देशो को स्थिति खराब हो गई.

सन 1947 से आज तक पाकिस्तान भारत पर कई बार हमले कर चूका है. भारत पर लगातार 5 युद्ध थोपे गए. जिसमे 1947-48 का तथा कारगिल का भयानक युद्ध भी शामिल है.

आज के समय में भारत-पाकिस्तान सम्बन्ध शांत नहीं है. पाकिस्तान की ओर से हर साल देश पर हमले किये जा रहे है. पर भारत अपने ढंग से उन्हें जवाब दे रहा है. भारतीयों का पाक आज तक कुछ न बिगाड़ सका और न आज बिगाड़ पाएगा.

भारत-पाक के युद्ध के छिलछिले में कारगिल युद्ध सबसे महत्वपूर्ण युद्ध था. जो भारत से अपने ताज कश्मीर को छिनने के उदेश्य से किया गया था. लेकिन इसे भारत ने नकार दिया.

कारगिल कश्मीर का एक जिला है. इस जिले मे पहाड़िया है. जहा हमेशा बर्फ ढकी रहती है. पाक द्वारा लगातार देश पर किये जा रहे हमलो से राहत पाने के लिए देश के प्रधानमंत्री अटल बिहारी बाजपेयी जी ने दोनों देशो की सीमाओं का समझौता करना चाहा.

अटल जी ने कश्मीर को स्वतंत्र रखा. वहा न भारतीय सेना रहेगी और न नहीं पाकिस्तान सेना लेकिन पाकिस्तान के पाकिस्तान को कश्मीर चाहिए. इसलिए उन्होंने आतंकवाद के बहाने अपने सैनिको को कश्मीर भेज दिया.

जब पाकिस्तान के सिपाही बर्फ की इन दुर्गम पहाडियों की चढ़ाई कर रहे थे. तभी एक भारतीय चरवाहे ने उन्हें सशस्त्र देख लिया और भारतीय सेना को सूचना दी.

इस बात को सुन सभी तंग रह गए. पर जब बिहारी जी ने पाकिस्तान पर सवाल उठाए तो पाकिस्तान ने अपने सैनिको का होने से इनकार कर दिया. पर भारत ने अब उन्हें खदेड़ने की तैयारी कर दी थी.

पहली बार भारतीय सैनिक पेट्रोलियम इ खोज में निकले तो उन पर हमले ने पाकिस्तान होने का सही सबूत दे दिया. इस घटना के बाद ३० हजार की संख्या में भारतीय सैनिको को कारगिल क्षेत्र में भेज दिया गया.

यहाँ हर समय भयंकर सर्दी पड़ने के कारण यहाँ की चढ़ाई करना बड़ा मुश्किल था. और पाकिस्तानी पहले से छोटी पर तह्नात थे. जिससे उनके लिए चढ़ाई करते भारतीय वीरो पर वार करना आसान हो गया.

एक बड़े क्षेत्र पर पाकिस्तान फ़ौज कब्ज़ा करने में सक्षम हुई. जिसे एक साथ जीतना भारत के लिए बड़ी चुनौती थी. पर इस युद्ध में विजय पाने के लिए अलग अलग एरिया पर कब्ज़ा करने का फैसला किया.

कारगिल युद्ध की शुरुआत 8 मई 1999 को होती है. लेकिन पाकिस्तानी खुसपेटी 3 मई को कब्ज़ा जमा लेते है. युद्ध की शुरुआत से ही भारत ने योजनाबद्ध कार्य किया. जिसके तहत एक एक चोटियों पर कब्ज़ा किया.

भरत ने इस युद्ध में पनी वीरता के बल पर लड़ाई लड़ी इस युद्ध में अनेक भारतीय जाबांज थे. जो देश के लिए बलिदान चाहते थे. लेकिन गुलामी नहीं.

बर्फीले इलाको में जमी पाकिस्तानी सेना का सामने करने का हुनर देख सभी तंग रह गए. पुरे विश्व में भारत की चर्चा होने लगी. भारतीय सेना को तथा कार्यप्रणाली को मजबूत बतया जा रहा था.

वही दूसरी बार पाकिस्तान की ओर से हमले करने के कारण उसे आतंकवादियो का देश कहा जा रहा है. देश की अर्थव्यवस्था बिगड़ रही थी. इसी समय पाकिस्तान के मौजूदा प्रधानमंत्री नवाज सरीफ को पद से हटा लिया गया.

करीब १ महीने १८ दिन चले इस युद्ध की समाप्ति ऑपरेशन विजय के तहत की गई. जिसमे भारत ने ताबड़ तोड़ हमला कर पाकिस्तान को इस युद्ध में बुरी तरह से शिकस्त दी.

देश के प्रधानमंत्री अटल जी ने कहा हम केवल दूसरा का सम्मान करना तथा उनकी रक्षा करना ही नहीं जानते है. हम खुद की रक्षा के लिए खून भी बहा सकते है. ऐसा ही भरत ने किया.

इस युद्ध की समाप्ति 26 जुलाई को हुई. इस दिन भारत को विजय मिलने के कारण इस दिन को हर साल विजय दिवस या कारगिल विजय दिवस के रूप में मनाते है.

भारत की ये सबसे बड़ी तथा महत्वपूर्ण जीत थी. इस युद्ध में भारत ने अनेक पाकिस्तान सैनिको को मौत के घात उतार दिया. और कई सैनिको ने भारत के सामने सरेंडर कर दिया.

इस युद्ध की समाप्ति के बाद पाकिस्तान में भय की सीमा ही न रही. पाकिस्तान इतना डर गया. कि वह अपने सैनिको के मृत शव को ले जाने के लिए भी नहीं पहुंचा.

इस युद्ध से भरत की वा! वा! होने लगी. देश के प्रधानमंत्री की प्रशंसा पुरे विश्व में गूंज रही थी. इस युद्ध की मार से पाक आज तक कभी कश्मीर को ओर देखने से पहले कारगिल युद्ध को जरुर याद करता है.

भारत से ही अलग हुआ मुल्क पाकिस्तान चाइना के कहने पर लगातर भारत पर आक्रमण कर रहा है. यदि उस समय अटल जी ने भारतीय सैनिको को नहीं रोका होता तो आज पाकिस्तान नाम मानचित्र में नहीं होता.

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