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सर्दियों की छुट्टी पर निबंध | How I Spent My Winter Vacation Essay in Hindi

How I Spent My Winter Vacation Essay in Hindi सर्दियों की छुट्टी पर निबंध: छुट्टियों (holiday) बिताने के विषय में स्कूल स्टूडेंट्स के लिए सरल भाषा में हिंदी निबंध स्पीच भाषण अनुच्छेद यहाँ मिलेगा. मैंने अपनी सर्दी की छुट्टी को कैसे बिताया शीर्षक से आप इसे लिख सकते हैं.

मैंने अपनी सर्दियों की छुट्टियां कैसे बिताई पर निबंध How I Spent My Winter Vacation Essay in Hindi

प्रत्येक मौसम का अपना उत्साह एवं उमंग अलग तरह का होता हैं. शीतकालीन विद्यालय अवकाश ऐसे मौसम के समय आते हैं जब हमारे स्कूल की अर्द्धवार्षिक परीक्षाएं हो चुकी हैं. सभी बच्चे परीक्षा की तैयारी के बाद थोड़ा विश्राम चाहते हैं. 

सर्दी का मौसम अपने आप में एक उत्सव की तरह होता है, विद्यार्थियों को इस मौसम में अवकाश मिल जाता है. इसके साथ ही सर्दिया हमें गर्मी से राहत देती है. 

यह मौसम पढाई करने या मेहनत करने के लिए उचित होता है, क्योकि दिन में गर्मी कम होती है, जो अधिक समय तक कार्य करने की क्षमता को बनाए रखती है.

लम्बी राते जो हमें पढाई के लिए उत्साहित करती है, न जाने कब? कई घंटे बीत जाते है. हालाँकि ठण्ड की अधिकता शारीरिक स्वास्थ्य के लिए कम सार्थक सिद्ध होती है.

यह साल का आधा समय बीतने के बाद का समय था,  हमें पर्यटन का मन हो रहा था. सभी का प्लान था, कि हम परीक्षा के बाद कई लॉन्ग ड्राइव पे जाए इसकी योजना में हमारे गुरूजी ने भी हमारा साथ दिया.

दिसम्बर माह के तीसरे सप्ताह में हमारे विद्यालय में सर्दी की छुट्टियाँ हो गई. बड़े भाई हमें किसी पर्यटन स्थल पर घुमाने के सम्बन्ध में कुछ दिन पूर्व बात कर रहे थे. 

अतः मैंने उत्सुकतावश उन्हें उन्ही की बात दिलाई. हमने काफी चर्चा के बाद इन शीतकालीन अवकाश के लिए राजस्थान भ्रमण को चुना.

राजस्थान मेरे दिल के बेहद करीब हैं, बचपन से राज्य के इतिहास एवं संस्कृति के बारे में खूब पढ़ा था. मुझे लगा राजस्थान भारत के सर्वाधिक समृद्ध संस्कृति वाले राज्यों में से एक हैं. 

इससे पूर्व मैंने कभी राजस्थान की यात्रा भी नहीं की थी, इसलिए राजस्थान के सैर की योजना बनने के बाद मेरा दिल बाग़ बाग़ हो रहा था.

एक तरफ हम पढ़ते है कि राजस्थान की जलवायु उष्णकटिबंधीय एवं शुष्क हैं, जहाँ गर्मी के दिनों में पारा 50 डिग्री तक चला जाता हैं. मगर इसी प्रदेश में सर्दी ऋतु में कुछ अलग ही नजारा होता हैं. 

माउंड आबू जैसे स्थलों पर पारा शुन्य के पार चला जाता हैं, अन्य स्थलों पर ठंड सुहावनी ही रहती हैं. राज्य के किले, दुर्ग, वन और मंदिर देखने के स्थल हैं यहाँ बड़ी संख्या में विदेशी पर्यटक भी आते हैं.

हमारी सर्दी की छुट्टियाँ इस बार जयपुर, जोधपुर, उदयपुर और जैसलमेर में व्यतीत होना निश्चय हुई. राज्य के ये ऐतिहासिक शहर महलों, हवेलियों, स्थापत्य कला, प्राकृतिक बसावट, झीलों व रेगिस्तानी दुर्गों के लिए जाने जाते हैं. 

जोधपुर के मेहरानगढ़ किले से हमारा सफर शुरू हुआ. प्राचीनता एवं अद्भुत सौन्दर्य समेटे ये किला बेहद आकर्षक हैं.

जयपुर में जन्तर मन्तर, हवा महल, सिटी पैलेस के दर्शन किये. राजस्थान का पश्चिमी क्षेत्र मेरी उत्सुकता को अधिक बढ़ाने वाला था जो हमारा अगला केंद्र भी था. एक दिन जोधपुर में बिताने के बाद हमारी जैसलमेर की यात्रा शुरू हुई. 

यहाँ हम दो दिन ठहरे घने मरुस्थल के बीच बसे जैसलमेर में रेत के टीले, सम, रामदेवरा, कुल धरा,  बादा बाग, जैसलमेर का किला, खाबा किला, पतवन-की-हवेली, सलीम सिंह-की हवेली के दर्शन किये.

अगले दिन हम जोधपुर लौट आए और हमारा अगले दिन के कार्यक्रम की शुरुआत जयपुर से थी. राजस्थान का यह राजधानी शहर गुलाबी नगर अर्थात पिंक सिटी के रूप में जाना जाता हैं. 

यह ऐतिहासिक शहर भारत के 10 बड़े शहरों में शामिल हैं. यहाँ आमेर तथा नाहरगढ़ के दुर्ग दर्शनीय है इसके अलावा सिटी पेलेस, हवामहल, जंतर मन्तर मुख्य पर्यटन केंद्र हैं. हमने इन स्थलों का भ्रमण किया और अगले दिन उदयपुर का कार्यक्रम बनाकर सो गये.

झीलों की नगरी के नाम से जाना जाने वाला यह मध्यकालीन शहर अपनी सुंदर झीलों एवं प्राकृतिक बसावट के लिए जाना जाता हैं. 

पिछोला, फतेहसागर झील, सिटी पैलेस और जग मन्दिर यहाँ के मुख्य आकर्षण के केंद्र हैं मुझे राजस्थान की यात्रा में सभी स्थलों के भ्रमण में बहुत आनन्द मिला. मेरे जीवन में ये नवीन अनुभव थे मेने कभी इसे इतने करीब से नहीं देखा था. 

इन सर्दी की छुट्टियों को मैं इसलिए कभी नहीं भूल सका, क्योंकि आजतक इतना आकर्षक कोई दौरा नहीं बन गया जितना कि राजस्थान का शीतकालीन भ्रमण था. आपकों भी वक्त मिले तो जरुर जाइए.