सड़क दुर्घटना पर निबंध Essay On road accident Sadak durghatna in Hindi: नमस्कार मित्रों आज का निबंध सड़क दुर्घटना पर दिया गया हैं. स्कूल स्टूडेंट्स को सड़क दुर्घटना, सड़क सुरक्षा अथवा आँखों देखी दुर्घटना पर शोर्ट एस्से स्पीच अनुच्छेद आदि लिखने को कहा जाता हैं आप इस लेख की मदद से एक अच्छा निबंध प्रस्तुत कर सकते हैं.
सड़क दुर्घटना पर निबंध Essay On road accident Sadak durghatna in hindi
सड़क दुर्घटना पर निबंध Short Essay On road accident Sadak durghatna in hindi
तीव्र गति से बढ़ रहे वाहनों के चलते आज रोड एक्सीडेंट एक साधारण बात हो चुकी हैं. जीवन में कई बार हम दुर्भाग्य से गवाह से बन जाते हैं.
आज के लोग अपनी लापरवाही के कारण सडक हादसे का शिकार हो रहे है. लोगो की कुछ बुरी आदते उन्हें तथा अनेक लोगो के जीवन को समाप्त कर देती है. सड़क हादसा उस समय घटित होता है.
जब व्यक्ति अपने आपे से बाहर हो जाता है. तथा अनियंत्रण में वाहन चलाता है. सड़क दुर्घटना में गहरी छोट लगती है. तथा कई बार मौत को गले लगाना पड़ता है.
आज हमारी सुरक्षा के लिए सरकार ने यातायत के नियम बनाए है. यदि सभी इन नियमो के अनुसार चले और इनका पालन करें. तो दुर्घटना जैसे मामले सामने नहीं होंगे.
हमारी सुरक्षा के लिए बनाए गए नियमो का उलंघन कर हम खुद के जीवन को संकट में डाल देते है. इसलिए हमें हमेशा यातयात के नियमो की पालना करते हुए. उन्ही के अनुसार चलना चाहिए. जिससे हमारे जीवन की सुरक्षा सुनश्चित की जा सकें.
बाइक और साइकिल जैसे दुपहिया वाहन को चलाते समय हमें हेल्मेंट का प्रयोग करना चाहिए. क्योकि ज्यादातर दुर्घटना दुपहिया वाहनों के साथ ही होती है. इसलिए हेलमेट पहनकर अपनी सुरक्षा करें.
चौपाया वाहन चालक हम्रेशा सीटबेल्ट का प्रयोग करें. अब भी हम एक सड़क दुर्घटना का दृश्य देखते है. आँखों से आंसू निकल पड़ते है. लोग नशे में अंधे होकर दुर्घटना का शिकार होते है. तथा इस दुखद घटना में सबसे ज्यादा दर्द के साथ व्यक्ति की मौत होती है.
कई बार कई दिनों तक लोग वाहनों में बीच में फंस जाते है. आज से ही हम सभी को सपथ लेनी चाहिए. और हमेशा सावधानीपूर्वक वाहनों को चलाकर अपने जीवन की रक्षा करनी चाहिए.
आज दुनिया भर में सड़क हादसे भयावह तरीके से बढ़ रहे हैं. हमारे भारत में भी उतरोतर सड़क दुर्घटनाओं की संख्याओं में बेहताशा वृद्धि हो रही हैं. मृत्यु के इस खेल में हजारों बेकसूर लोग मारे जाते हैं.
वाहनों की बढ़ती संख्या तथा लापरवाही के कारण आज सड़क पर चलना या वाहन चलाना जोखिम भरा हो गया हैं. यातायात नियमों की अवहेलना तथा नशे में गाड़ी चलाना, कम उम्रः के लडकों द्वारा स्टंट आदि के कारण सड़क हादसे हो जाते हैं.
प्रत्येक सड़क दुर्घटना द्र्दांत होती हैं मगर ट्रक और बस जैसे बड़े वाहनों के साथ घटित हादसों में अधिक जान माल का नुकसान होता हैं. देश में आज एक ऐसा बड़ा वर्ग बन गया हैं जिन्होंने सड़क हादसों में अपने कीमती अंग खो दिए हैं तथा अपाहिज होकर अपना जीवन काट रहे हैं.
प्रत्येक सड़क दुर्घटना द्र्दांत होती हैं मगर ट्रक और बस जैसे बड़े वाहनों के साथ घटित हादसों में अधिक जान माल का नुकसान होता हैं. देश में आज एक ऐसा बड़ा वर्ग बन गया हैं जिन्होंने सड़क हादसों में अपने कीमती अंग खो दिए हैं तथा अपाहिज होकर अपना जीवन काट रहे हैं.
उनके जीवन की पीडाओं को देखकर विज्ञान की इस प्रगति से दिल उब सा जाता हैं. हमारा सड़क परिवहन तंत्र आज भी 50 के दशक के ढर्रे से चल रहा हैं पुरानी तकनीक के ट्रक और अनपढ़ ड्राईवर कम सैलरी तथा प्रशिक्षण के अभाव व बिना जांच पड़ताल पैसे के बल आसानी से ड्राइविंग लाइसेंस मिल जाने के कारण सड़क व्यवस्था बेहाल हैं.
देश के अधिकतर वाहन चालकों को सड़क परिवहन के नियमों का भी ज्ञान नहीं हैं. यही नाइल्मी आगे चलकर भयावह सड़क हादसों को आमंत्रित करती हैं. जिनमें कई बेकसूर लोग भी मारे जाते हैं.
देश के अधिकतर वाहन चालकों को सड़क परिवहन के नियमों का भी ज्ञान नहीं हैं. यही नाइल्मी आगे चलकर भयावह सड़क हादसों को आमंत्रित करती हैं. जिनमें कई बेकसूर लोग भी मारे जाते हैं.
हाइवे तथा सडकों के किनारे शराब की दुकाने भी सड़क हादसों को बढ़ाने में कारगर है नशे अथवा जल्दबाजी में हादसे घटित हो जाते हैं. दुर्भाग्य से मैं भी साक्षात मृत्यु के इस तांडव का साक्षी रहा हु.
पिछले साल मैं अपनी स्कूल के बच्चों के साथ पिकनिक के लिए जा रहे थे. शाम को पिकनिक से लौटकर आ रहे थे हम जिस बस में सवार थे उसी के सामने तेज गति से एक ट्रक दौड़ा आ रहा था. सम्भवतः ड्राईवर शराब के नशे में था.
वह ट्रक को सड़क के दोनों तरफ भगाते हुए बस में गिरा दिया. इस भयानक हादसे में बस का अगला हिस्सा अस्त व्यस्त हो गया. ड्राईवर समेत आगे बैठे सभी यात्रियों की इस दुर्घटना में मृत्यु हो गई.
भिड़त इतनी भयावह थी कि बस के शीशे टूट गये जिससे कई लोगों को भयानक चोटे आई. कई लोग घायल हुए तथा चारों ओर कोहराम मच गया. काफी समय तक मैं भी समझ नहीं पाया कि क्या हुआ हैं.
मगर कुछ वक्त बाद जब मैंने देखा तो पुलिस और कई लोग मेरे आस पास थे. घायलों को एम्बुलेंस में ले जाया जा रहा था. मेरे एक स्टूडेंट्स को थोड़ी सी चोट आई, इश्वर की कृपा से सभी बच्चें सुरक्षित बच गये.
मेरे जीवन में यह अब तक का सबसे भयावह नजारा था. मौत को इतना करीब से देखकर भी मैं बच्चो सहित जीवित था यह विश्वास कर पाना कठिन था.
आज भी मैं किसी को शराब पीते देखता हूँ तो उन्हें रोकने का प्रयत्न करता हूँ. उस दिन महज एक व्यक्ति के नशे में होने के कारण 50 से अधिक लोगों का जीवन संकट में पड़ गया था. ईश्वर की कृपा से अधिकतर को मामूली चोटे ही थी,
आज भी मैं किसी को शराब पीते देखता हूँ तो उन्हें रोकने का प्रयत्न करता हूँ. उस दिन महज एक व्यक्ति के नशे में होने के कारण 50 से अधिक लोगों का जीवन संकट में पड़ गया था. ईश्वर की कृपा से अधिकतर को मामूली चोटे ही थी,
मगर जिनकी मृत्यु हो गई उनका जिम्मेदार वह ड्राईवर उसका नशा लापरवाही तथा हमारा तंत्र था जो ऐसे ही लाइसेंस जारी कर नशेड़ी लोगों को वाहन चलाने की अनुमति देता हैं. यह महज एक वाकया था न जाने हमारे देश में नित्य कितनी ऐसी ही घटनाओं में लोगों को प्राण गवाने पड़ते हैं.
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