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स्वतंत्रता दिवस पर निबंध | Short Essay on Independence Day in Hindi

आज हम 75 वां स्वतंत्रता दिवस मनाने जा रहे है. 15 अगस्त 1947 को हमें अंग्रेजो से आजादी मिली। इसलिए हम हर वर्ष 15 अगस्त को स्वतंत्रता दिवस मनाते है. आज हम स्वतंत्रता दिवस पर अलग अलग शब्द सीमा में सरल शब्दों में भाषण लेकर आए है. जिसका प्रयोग आप अपने विद्यालय  कार्यक्रम में कर सकते है.

स्वतंत्रता दिवस पर निबंध | Short Essay on Independence Day in Hindi

आदरणीय प्रधानचार्य जी महोदय मुख्य अतिथि महोदय, गांव से पधारे गांववासियों, सम्माननीय शिक्षक, अभिभावक गण एवं मेरे प्यारे साथियो जैसा की आप जानते है.

आज हम स्वतंत्रता दिवस समारोह मनाने के लिए विद्यालय प्रांगण में एकत्रित हुए है. आज के इस पावन अवसर पर मुझे इस पावन अवसर पर अनुपम प्रस्तुति देने के लिए अवसर प्रदान करवाया। मुझे इस मंच पर हमारे देश की महिमा करते हुए गर्व हो रहा है.

आज से 75 वर्ष पूर्व यानि 15 अगस्त 1947 को हमारा देश ब्रिटिश सरकार से आजाद हुआ था. हमारे देश की आजादी के लिए हजारो वीर जवानो ने अपनी जान कुर्बान कर देश की आजादी के लिए लम्बा संघर्ष किया. हमारे देश की गाथा को शब्दों में नहीं बांधा जा सकता है.

प्रत्येक भारतीय नागरिक के लिए ये पर्व विशेष महत्व रखता है. हमें देश की रक्षा करनी चाहिए। तथा खुद को देश के लिए अर्पित कर देना चाहिए. जय हिन्द जय भारत

Short Essay on Independence Day in Hindi

आज हम 75 वां स्वतंत्रता दिवस मनाने जा रहे है. 15 अगस्त 1947 के दिन हमारा देश अंग्रेज सरकार से मुक्त हुआ था. इस ख़ुशी में स्वतंत्रता दिवस मनाया जाता है. ये भरतीय लोगो के गौरव बढाता है.

आजादी की रात पहली बार लाल किले पर भरत के ध्वज को लहराया गया है. और भरत के राष्ट्रगान का गायन कर देश की आजादी का जश्न मनाया गया था. ये दिन भरत की एकता को प्रदर्शित करता है.

स्वतंत्रता दिवस हर वर्ष 15 अगस्त को मनाया जाता है. स्वतंत्रता दिवस के दिन बैंक, पोस्ट ऑफिस तथा अन्य कार्यालयों में अवकास घोषित किया गया है.  पर सभी कार्यलयो पर ध्वजारोहण कर राष्ट्रगान का उच्चारण किया जाता है.

विद्यालय में इस दिन अनेक कार्यक्रम प्रस्तुत किये जाते है. तथा देश के वीर सपूतो को सादर श्रद्धांजलि अर्पित की जाती है. तथा सभी को मिष्ठान का वितरण किया जाता है. इस प्रकार स्वतंत्रता दिवस मनाया जाता है.

स्वतंत्रता दिवस पर छोटा निबंध

माँ शारदा के शरणो में नमन आदरणीय शिक्षण बंदु गाँव से पधारे प्यारे गांव वासियो और मेरे साथ पढ़ने वाले छोटे बड़े भाइयो और बहनो बहनो आज हम भारत के प्रमुख राष्ट्रीय पर्व स्वतंत्रता दिवस मनाने के लिए यहाँ एकत्रित हुए है.

आज का दिन हमारे देश की आन-बान-शान को दर्शाता है. आज के दिन ही लम्बे संघर्ष के बाद 15 अगस्त 1947 को हमारा देश ब्रिटीशिय सत्ता के मुक्त हुआ था. इस ख़ुशी में लाल किले पर ध्वजा रोहन कर हमारी आजादी का जश्न मनाया था.

इस दिन के लिए हमारे देश के अनेक सेनानियों ने अपनी जान दांव पर लगा दी थी. देश के कई वीरो ने अपना बलिदान देकर देश की आजादी ले लिए लड़ाई लड़ी. कई सालो की कड़ी मेहनत और देशभक्ति की भावना ने 15 अगस्त 1947 को हमें आजादी मिली।

आजादी के इस दिवस को हम हर साल स्वतंत्रता दिवस के रूप में मनाते है. स्वन्त्रता दिवस हमारे देश की एकता अखंडता तथा नागरिको की बंधुता को प्रदर्शित करता है. हम सभी की इसी प्रकार एकजुट होकर देश के गौरव को बढ़ाना चाहिए. तथा हमारे ध्वज का सम्मान करना चाहिए. जय हिन्द जय भारत

स्वतंत्रता दिवस पर शोर्ट निबंध

हर साल 15 अगस्त को सम्पूर्ण भारतवर्ष में स्वतंत्रता दिवस का उत्सव मनाया जाता है. ये वो दिन है. जिस दिन हमारा देश 200 साल के कड़े संघर्ष के बाद अपनी सफलता तक पहंचा था.

इस दिन भारत को आजादी मिली. और इस आजादी के लिए न जाने कितने वीर जवानो ने अपने प्राणों को देश की आजादी के लिए झोंक दिया. शहीद वीरो को श्रद्धांजलि अर्पित करने तथा देश की आजादी का जश्न मनाने के लिए स्वतंत्रता दिवस मनाते है.

आज हम एक स्वतन्त्र देश में आजादी से जी रहे है. इसका पूरा श्रेय भारत के वीर सपूतो को जाता है. जिसमे- गांधीजी से लेकर भगत सिंह,सुभाष चंद्र, सवल्लभभाई पटेल, राजेंद्र प्रसाद तथा तिलक जैसे अनेक वीरो ने देश के लिए बलिदान दिया. और देश के हित में लड़ाई लड़ी.

कई वीरो के बलिदान और देशभक्ति के चलते आखिर ब्रिटिश सरकार को झुकाना पड़ा और 15 अगस्त 1947 को भारत को आजाद कर दिया. इस दिवस के दिन प्रथम प्रधानमंत्री जवाहर लाल नेहरू ने लाल किले पर भारत का तिरंगा लहराकर देश के गौरव को उंचा किया. और एक अनुपम भाषण की प्रस्तुति दी.

हर साल 15 अगस्त को लाल किले पर तिरंगा लहराकर प्रधानमंत्री भाषण की प्रस्तुति देते है. तथा देश की सेना द्वारा विशाल परैड निकाली जाती है. जो देश की एकता को दर्शाती है.

15 अगस्त आजादी का दिवस है. इस दिन भारत सहित दक्षिण कोरिया, बहरीन और कांगो जैसे देशो को भी आजादी मिली थी. आज हर साल हम इस दिवस को बड़ी धूमधाम के साथ मनाते है.

स्वतंत्रता दिवस के दिन विद्यालयों कॉलेजों तथा कार्यालयों में अनेक सांस्कृतिक कार्यक्रमों का प्रस्तुतिकरण किया जाता है. और देश की आजादी की ख़ुशी को व्यक्त किया जाता है.

भारतीय नागरिक के लिए स्वतंत्रता दिवस विशेष महत्व रखता है. हमारा देश 200 साल तक ब्रिटिश सरकार के अधीन रहने के बाद 15 अगस्त 1947 को आजाद हुआ था.आजादी के जश्न के रूप में हर साल स्वतंत्रता दिवस मनाते है. ये एक राष्ट्रीय उत्सव है.

आजाद भारत का पहला स्वतंत्रता 15 अगस्त 1947 को मनाया गया था.  प्रथम स्वतंत्रता दिवस के दिन जवाहर लाल नेहरू ने लाल किले पर तिरंगा लहराकर देश की आजादी का जश्न मनाया था.  हर साल देश के प्रधानमंत्री लाल किले पर ध्वजारोहण करते है.

स्वतन्त्र भारत के प्रथम राष्ट्रपति राजेंद्र प्रसाद थे. जिन्होंने परेड निकालकर देश की आजादी का जश्न मनाया था.

Short Essay on Independence Day in Hindi

हमारे देश के प्रमुख राष्ट्रीय पर्वो में स्वतंत्रता दिवस प्रमुख है. स्वतंत्रता दिवस हर साल 15 अगस्त को मनाया जाता है. इस दिवस की आयोजन विद्यालयों, कॉलेजों तथा सबसे बड़ा आयोजन लाल किले पर किया जाता है.

हमारा देश 300 साल की लागातार गुलामी के बाद 15 अगस्त 1947 को आजाद हुआ. इस ख़ुशी में स्वतंत्रता दिवस मनाया गया था. और इसके बाद से ये हर साल मनाया जाता है.

भारत की आजादी में अपना श्रेष्ठ देने वाले सेनानी महात्मा गाँधी, चंद्रशेखर आजाद, भगतसिंह, राजगुरु,राजेंद्र प्रसाद  तथा वल्लभभाई पटेल जैसी अनेक हस्तियों ने अपनी आरामदायक जिंदगी ला त्याग कर देश की आजादी की जंग छेड़ी.

भारतीय लोगो में आजादी का रंग 1857 से शुरू हुआ था. लगातार 100 वर्षो को कड़ी मेहनत और सेनानियों के बलिदानों के वजह से आज हम एक स्वतन्त्र देश में जीवन बिता रहे है.

संघर्ष की इस जंग में आख़िरकार ब्रिटिश सरकार को हार माननी पड़ी. और भारत को एक स्वतन्त्र देश बनाया. देश के वीरो सपूतो के संघर्ष के कारण तथा बलिदानों के कारण हम आजाद हुए है.

भारत के शहीद सपूतो को श्रद्धांजलि देने तथा उन्हें याद करने के लिए स्वतंत्रता दिवस मनाया जाता है. इस दिवस के दिन सभी वीर सपूतो के गीत बजाए जाते है. तथा उनकी महिमा का वर्णन किया जाता है.

इस दिवस के दिन दिल्ली के लाल किले पर प्रधानमंत्री द्वारा तिरंगा फहराया जाता है. तथा देश के श्रेष्ठ गान राष्ट्रगान का गायन किया जाता है. इस दिवस के दिन राष्ट्रपति की उपस्थिति में जल,थल,वायु तीनो सेना विशाल परेड निकलती है.

स्वतंत्रता दिवस विद्यार्थियों के लिए विशेष दिवस होता है. इस दिन का सभी  को बेसब्री से इन्तजार रहता है. इस दिवस स 15 दिन पूर्व विद्यालयों में परेड जैसी क्रियाए शुरू कर दी जाती है. और विद्यालय की साफ सफाई की जाती है.

स्वतंत्रता दिवस के दिन सभी अभिभावकों तथा गांववासियों को विद्यालय प्रांगण में आने के लिए आमंत्रित किया जाता है. सभी अभिभावक गण देश की शान बढाने वाली पौशाक पहनकर पधारते है.

इस दिवस के दिन सभी कार्यक्रम तैयारी के साथ प्रस्तुत किये जाते है. जिसमे कई बच्चे परेड का अभ्यास करते है. तथा कई बच्चे सांस्कृतिक कार्यक्रम में भाग लेने की. सभी विद्यार्थियों के आपस में हौड लगी रहती है.

स्वतंत्रता दिवस कार्यक्रम की शुरुआत ध्वजारोहण के साथ की जाती है. और राष्ट्रगान गाकर की जाती है. राष्ट्रगान के बाद परेड निकाली जाती है. और फिर सभी को अपने अपने स्थान पर बैठा दिया जाता है.

इस दिवस के दिन सभी विद्यार्थी बढ़ चढ़कर कार्यक्रमों में भाग लेते है. एक से बढ़कर एक प्रस्तुति दी जाती है. सभी अभिभावक तथा शिक्षक बच्चो का उत्साह बढ़ाते हुए, तालियों की बौछार कर रहे होते है.


श्रेष्ठ प्रस्तुति देने वाले विद्यार्थियों को पुरस्कार देकर मंच पर सम्मानित किया अत है. और सभी शिक्षक और अभिभावक भी अपने विचारो को बच्चो के साथ साँझा करते है.

स्वतंत्रता दिवस के कार्यक्रम का अंतिम पड़ाव मिष्ठान होता है. सभी को मिष्ठान का वितरण किया जाता है. सभी ख़ुशी से झूमते हुए, घर की और चल पड़ते है.

स्वतंत्रता दिवस पर निबंध Short Essay on Independence Day in Hindi


दिनकर ने लिखा हैं जो भरा नहीं भावों से बहती जिसमें रसधार नहीं, वह दिल नहीं पत्थर हैं जिसमें स्व देश का प्यार नहीं. इन्ही शब्दों के साथ मैं आप सभी को नमन करता हूँ. 

गगन में उन्मुक्त लहराते राष्ट्रीय ध्वज के नीचे अमर शहीदों को मेरा नमस्कार वन्दन, माँ वीणावादिनी के आंगन में आए आगंतुकों का हार्दिक अभिनंदन करता हूँ. 

आज बहुत बड़े उत्सव का दिन हैं साथ ही हमारे अमर शहीदों के सम्मान का दिन भी हैं. आज का दिवस भारत की आन बान और शान का दिन हैं. स्वतंत्रता और स्वतंत्र भारत का सपना सुभाष, भगत जैसे वीरों के बिना साकार होना सम्भव नहीं था.

देश 15 अगस्त को स्वतंत्रता दिवस मनाता हैं आजादी के जश्न में बच्चा बच्चा झूम उठता हैं, मगर हमने देखा हैं ५ अगस्त का वो दिन जब जम्मू कश्मीर से धारा ३७० को हटाने का ऐलान हुआ तो मंजर हमने देखा, कुछ ऐसा ही नजारा रहा होगा 15 अगस्त 1947 के दिन जब भारत स्वतंत्र हुआ था.

आज का दिन हमारे आंकलन का दिन भी हैं जब हम यह विचार करे कि हमने अतीत में क्या गलतियाँ की जिसके परिणाम आज भी देश भुगत रहा हैं तथा ही उन वीरों को भी याद करे जिन्होंने हमारी खुशियों की खातिर अपनी खुशियों का परित्याग कर दिया था.

अतिथि देवो भव की भारतीय संस्कृति ने जो भी शरण में आया उसे अपना मेहमान बनाया, ऐसी ही एक भूल १७ वीं शताब्दी में हुई.

जब टॉमस रो को जहाँगीर ने भारत में व्यापार करने की अनुमति प्रदान की थी. व्यापारी के भेष में आए गोरे दरिंदों ने २०० साल तक हमारे देश को गुलाम बनाकर रखा.

आजादी के दौर में भीड़ पर गोलीयां चलाना, किसी को पकडकर जेल में डाल देना, फांसी पर लटका देना, गोलियों से भून देना आम बात हो चुकी थी.

इन नताईज से भी आजादी के दीवाने नहीं ठिठके और माँ भारती की गुलामी की जंजीर को तोड़ने के लिए क्रांति करते रहे.

हम उन हजारों क्रांतिक्रारी वीरों के ऋणी हैं, जिन्होंने हमारी खातिर फांसी के फंदे को चुना और अपना जीवन राष्ट्र के नाम समर्पित कर दिया. 

इतिहास को हम ध्यान से पढेगे तो पाएगे कि जब जब हम बंटे या उदासीन हुए हम पर विदेशियों ने आक्रमण किये और सत्ता स्थापित की. गौरी के १७ आक्रमण के बाद न जाने कितनी जातियों ने भारत पर शासन किया.

हमारी उदासीनता और राष्ट्र धर्म के प्रति विमुखता ने विदेशी लोगों को यह संदेश दिया कि भारत सोने की खान हैं जो चाहे उतना लूटकर ले जा सकता हैं. वहां के लोग आपस में बंटे हुए हैं.

हमें इतिहास की इन भूलों से सबक सीखना चाहिए तथा एक राष्ट्र के सपूतों के रूप में हमें एकता दिखानी होगी, यदि हम ऐसा कर पाए तो कोई गौरी भारत पर चढ़ाई करने की नहीं सोचेगा और न ही कोई जयचंद उनकी मदद करेगा.

हमारा देश बाहरी सुरक्षा के लिए पूरी तरह तैयार हैं, मगर आंतरिक खतरे व चुनौतियां बेहद गम्भीर होती जा रही हैं. यदि वक्त रहते हम नहीं जगे तो यह अलगाववादी सोच राष्ट्र को विघटन तक ले जा सकती हैं.

बड़ा अफ़सोस होता हैं जब ६० सालों तक भारत पर शासन करने वाली पार्टी के नेता विरोध करने के नाम पर देश का विरोध करने लगते हैं. आज उनके स्वर पाकिस्तान जैसे दुश्मन स्वर से मिलते हैं. हमें चाहिए कि देश को अंदर ही अंदर खोखला बनाने वाले इन लोगों को पहचान करे और उचित अवसर पर उन्हें सबक सिखाए.

Essay on Independence Day in Hindi

हमारे देश भारत में अनेक पर्व त्योहार मनाए जाते हैं. पन्द्रह अगस्त हमारा ऐसा ही राष्ट्रीय पर्व हैं. क्योंकि सन १९४७ में इसी दिन हमारा देश विदेशी शासन की दासता से मुक्त हुआ था. 

कई देश भक्तों एवं महापुरुषों के त्याग व बलिदान से इस दिन हमारा देश स्वतन्त्रता प्राप्त कर सका. अतः इस पर्व को स्वतंत्रता दिवस के नाम से मनाया जाता हैं. 

मनाने का कारण-१५ अगस्त १९४७ ई भारत को स्वतंत्रता मिलने से शासन की बागडौर हमारे हाथ में आई और हम तिरंगे झंडे के नीचे एकत्र होकर स्वतंत्रता की श्वास लेने लगे. 

देश को स्वतंत्र कराने के लिए भारतीयों को लम्बा संघर्ष करना पड़ा तथा स्वतंत्रता आन्दोलन में कई देशभक्त शहीद हुए. 

अतः तब से लेकर प्रतिवर्ष शहीद देशभक्तों को श्रद्धांजली अर्पित करने के लिए तथा स्वतंत्रता की रक्षा करने का संकल्प लेने के लिए पन्द्रह अगस्त को इस राष्ट्रीय पर्व को मनाते हैं.

विविध कार्यक्रम- स्वतंत्रता दिवस के राष्ट्रीय पर्व को सरकार द्वारा जनता दोनों ही धूमधाम से मनाते हैं. इस दिन प्रातः काल से ही रोचक कार्यक्रम आरम्भ हो जाते हैं. देश की राजधानी दिल्ली में लाल किले की ऐतिहासिक प्राचीर पर प्रधानमंत्री द्वारा राष्ट्र ध्वज फहराया जाता हैं. 

सैनिक सलामी देते हैं. और तिरंगे झंडे के सम्मान में तोपें दागी जाती हैं. फिर प्रधानमंत्री अपना भाषण देते हैं. इस कार्यक्रम का प्रसारण दूरदर्शन आकाशवाणी पर किया जाता हैं. संध्या को सभी सरकारी भवनों, संसद भवन तथा राष्ट्रपति भवन पर रंग बिरंगी रौशनी की जाती हैं.

इसी प्रकार राज्यों की राजधानियों, जिला मुख्यालयों और शिक्षण संस्थाओं में झंडारोहण, मार्च पास्ट, सलामी, भाषण तथा सांस्कृतिक कार्यक्रम आयोजित किये जाते हैं. 

सभी कार्यक्रमों में राष्ट्रीय भावना को व्यक्त किया जाता हैं. तथा देश के विकास की प्रतिज्ञा की जाती हैं. इस प्रकार सभी लोग इस राष्ट्रीय पर्व को धूमधाम से मनाते हैं.

उपसंहार- प्रतिवर्ष स्वतंत्रता दिवस का आयोजन कर हम राष्ट्र की एकता और अखंडता का संकल्प लेते हैं. स्वतंत्रता प्राप्त हुए काफी समय हो जाने पर भी हमारा देश अपनी प्राचीन सम्रद्धि को प्राप्त नहीं कर सका हैं. 

अतः हमें इस पर्व पर अपने देश की हर प्रकार की उन्नति की प्रतिज्ञा करनी चाहिए. सभी भारतीयों को अपने अपने कर्तव्य का पालन करते हुए देश का गौरव बढ़ाना चाहिए.

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