महेंद्र सिंह धोनी पर निबंध। My Favourite Player MS Dhoni Essay in hindi: नमस्कार दोस्तों आज के आर्टिकल में हम भारतीय टीम के दिग्गज खिलाडी और सर्वश्रेष्ठ कप्तान माही यानी महेंद्रसिंह धोनी के बारे में जानकारी प्राप्त करेंगे.
My Favourite Player MS Dhoni Essay in hindi
महेंद्र सिंह धोनी यानी माही. भारतीय टीम के सर्वश्रेष्ठ कप्तान महेंद्र सिंह धोनी आज अन्तर्राष्ट्रीय क्रिकेट नहीं खेलते है, क्योकि उन्होंने संन्यास ले लिया है. पर आज भी वे लाखो फैन के दिन में बसे हुए है. आज भी माही आईपीएल में चेन्नई की टीम से खेलते नजर आते है.
महेंद्र सिंह धोनी जिनका फिनिशिंग स्टाइल सभी को पसंद आता है. आज भारत के सभी खिलाडी धोनी को आदर्श मानते है. और उनसे सलाह लेकर कार्य करते है. धोनी भारत के ऐसे कप्तान रहे जिन्होंने भारतीय टीम को सभी ट्रोपी दिलाई ऐसे एकमात्र कप्तान रहे है.
धोनी की बैटिंग का रवैया सभी को पसंद है. धोनी का हेलीकाप्टर शॉट हर खिलाडी मारने का प्रयास करता है. धोनी अंतिम गेंद तक टीम के लिए संघर्ष करते थे.
वे कभी हार नहीं मानते थे. जिसका उदहारण चैम्पियन ट्रोपी का फाइनल या अफ्रीका के खिलाफ एक मैच जिसमे भारत जीता था.धोनी की तेज स्टम्पिंग से कौन प्रभावित नहीं था. धोनी ने 1 सेकेण्ड से भी कम समय में स्टम्प उड़ा दिए थे. इस रिकॉर्ड को आज तक कोई तोड़ नहीं पाया है.
भारतीय क्रिकेट के सितारे महेंद्र सिंह धोनी का जन्म झारखंड राज्य के रांची में 7 जुलाई 1981 को पिता पान सिंह और माता देवकी के घर हुआ था. इन्हें प्यार से माही नाम से बुलाते है.
इनकी बहन का नाम जयंता और भाई का नाम नरेश था. धोनी क्रिकेटर के साथ साथ भारतीय फ़ौज में भी कर्नल के पद पर कार्यरत है. जो भारत के प्रति सुहानुभूति और मातृभूमि के प्रति प्रेम को दर्शाता है.
महेंद्रसिंह बचपन में सभी खेल खेलते थे. शुरुआत में इनका खेल फुटबॉल था. जिसमे ये गोलकीपर हुआ करते थे. पर इनके कोच ने इनका टेलेंट देखकर इन्हें क्रिकेट खेलने की सलाह दी. माही ने इसे अपनाया और अपने जीवन को क्रिकेट की ओर झोंक दिया. क्रिकेट में शुरुआत में ज्यादा ख़ास प्रदर्शन नहीं कर पाए. पर संघर्ष करते रहे.
18 वर्ष की आयु में इनका क्रिकेट करियर शुरू हुआ. रणजी में अच्छा प्रदर्शन करने के बाद भी भारतीय टीम में मौका नहीं मिल रहा था, क्योकि उस समय भारतीय टीम में सचिन, सहवाग, गंभीर, द्रविड़ और युसूफ पठान जैसे अनेक खिलाडी होने के कारण टीम में जगह मिल पाना आसान नहीं था.
2007 में जब दिग्गजों ने वर्ल्ड कप खेलने से इनकार किया तो युवाओ को मौका मिला और माही को इस युवा टीम को कप्तान बनाया गया. भारतीय टीम ने धोनी की आगुवाई में वर्ल्ड कप जीता.
इसके बाद धोनी ने भारतीय टीम को संभाल दिया. इस वर्ल्ड कप में युवराज सिंह और गौतम गंभीर का बेहतर प्रदर्शन देखा गया. 2011 में वनडे वर्ल्ड कप में धोनी एक बार फिर भारत को 28 साल बाद विजेता बनाया.
माही की कप्तानी में एशिया कप, वर्ल्ड कप और अनेक उपलब्धिया भारतीय टीम ने धोनी की अगुवाई की प्राप्त की. धोनी जैसे खिलाडी की भारतीय टीम को आज भी जरुरत है. धोनी आज भी भारतीय खिलाडियों का मार्गदर्शन करते है.
Mahendra Singh Dhoni Hindi Essay
क्रिकेट भारत में एक लोकप्रिय खिलाड़ी हैं. भारत में क्रिकेट के कई बड़े खिलाड़ी हुए मगर जब सबसे बड़े महारथियों की बात आती है जो महेंद्रसिंह धोनी का नाम सबसे पहले आता हैं. महेंद्रसिंह धोनी का जन्म 7 जुलाई 1981 को रांची झारखंड में हुआ.
धोनी के पिता का नाम पान सिंह था, जो मूलतः उतराखंड के अल्मोड़ा जिले के लवली गाँव के रहने वाले थे. परन्तु नौकरी के चलते उन्हें महेंद्रसिंह धोनी की मा देवकी के साथ रांची आना पड़ा. सन 1997-98 में उनका विकेटकीपर के रूप में चयन हुआ. 2001 में रेलवे के तत्कालीन डिविजन मेनेजर ने अपनी टीम के विकेटकीपर के रूप में धोनी को चुना.
उन्होंने टीसी की नौकरी भी की. अपने शुरुआत दिनों में धोनी टेनिस बॉल से आक्रामक बल्लेबाजी करते थे. इसी कारण उसे मोहल्ले में क्रेजी कहते थे. इसी कारण इन्हें अंतर्राष्ट्रीय क्रिकेटर बनने में अधिक समय नहीं लगा.
मात्र 23 वर्ष की आयु में उन्होंने 2004 में दिवसीय वर्ष 2005 में टेस्ट क्रिकेट में एक विकेटकीपर खिलाड़ी के रूप में अपना पहला मैच खेला. महेंद्रसिंह धोनी ने अपना पहला एकदिवसीय शत पाकिस्तान के खिलाफ लगाया, तब उन्होंने १४८ रनों की पारी खेलकर विकेटकीपर द्वारा सर्वाधिक रन बनाने का कीर्तिमान भी अपने नाम कर दिया.
शीघ्र ही धोनी ने श्रीलंका के खिलाफ 183 रनों की आतिशी पारी खेलकर अपनी प्रतिभा का परिचय दे दिया. ये दिन धोनी के करियर के लिए टर्निंग पॉइंट था जिसके बाद कभी पीछे मुड़कर नहीं देखा. एक के बाद एक विश्व कीर्तिमान अपने नाम करते गये.
वर्ष 2007 में आयोजित वर्ल्ड टी ट्वेंटी प्रतियोगिता महेंद्रसिंह धोनी की कप्तानी में भारत ने जीती, इसके बाद अपनी सरजमी पर 2011 विश्व कप का खिताब जीतकर धोनी भारत के सबसे सफल कप्तान बन गये. न्यूजीलैंड समेत कई देशों के विदेशों दौरों पर उन्ही की धरती पर सीरिज जीतकर अपनी प्रतिभा और कुशल नेतृत्व का परिचय दिया.
माही की कप्तानी में भारत ने क्रिकेट के तीनों प्रारूपों में सर्वोच्च पद हासिल किया. विश्वकप 2011 के फाइनल मैच में धोनी के नाबाद 91 रन की पारी एवं छक्के के साथ विजय के पलों को लम्बे समय तक याद रखा जाएगा. वे इस मैच के लिए मैंन ऑफ दी मैच भी चुने गये थे.
इस जीत के साथ ही भारत इंडीज और कंगारू टीम के बाद दो विश्वकप जीतने वाली तीसरी टीम बन गई. धोनी ने अपने खेल के दम पर कई उपलब्धियां हासिल की.
इसके लिए इन्हें सम्मानित भी किया गया. वर्ष 2008 में इन्हें प्लेयर ऑफ़ दी ईयर का सम्मान दिया गया. उस समय तक धोनी पहले भारतीय खिलाड़ी थे जिन्हें यह सम्मान मिला था.
इसी वर्ष महेंद्रसिंह धोनी को राजीव गांधी खेल रत्न पुरस्कार से नवाजा गया. सबसे पहले ड्रीम टेस्ट टीम के 11 खिलाड़ियों की टीम में धोनी को स्पीकर का दर्जा ड़ुआ गया.
भारतीय क्रिकेट टीम को 1983 में कपिलदेव के नेतृत्व में और 2011 में धोनी की अगुवाई में विश्वकप खिताब जीता था. इस टूर्नामेंट में युवराज सिंह को अपने शानदार प्रदर्शन के लिए प्लेयर ऑफ़ दी टूर्नामेंट चुना गया था.
महेंद्रसिंह धोनी पहले खिलाड़ी थे जिन्हें टाइम पत्रिका ने प्रभावशाली व्यक्तियों की सूचि में शुमार किया. अपने टीम के खिलाड़ियों का मनोबल में ही क्या इनकी तकनीक की कोई बराबरी नहीं कर सकता.
धोनी ने आईपीएल में तीन बार चेन्नई सुपर किंग्स को अपनी अगुवाई में विजेता बनाया. तथा शत प्रतिशत मैचो में चेन्नई को जीत दिलाई है.
आज के इस जमाने में क्रिकेट सर्वाधिक देखा जाने वाला खेल कहा जाता हैं. भारत को धोनी रुपी रत्न वर्ष 2004 में मिला. जिन्होंने विकेटकीपर एवं आक्रामक बल्लेबाज के रूप में जाने जाते थे.
उन्होंने अपना पहला एकदिवसीय मैच बांग्लादेश के खिलाफ वर्ष 2004 में खेला तथा 2005 में श्रीलंका के खिलाफ टेस्ट में डेब्यू किया था.
अपने डेब्यू के बाद धोनी ने पीछे मुड़कर नहीं देखा और एक के बाद एक रिकॉर्ड के अपने नाम करते गए. आज महेंद्रसिंह धोनी दुनिया के सबसे बेहतर विकेटकीपर बलेबाज है. जो अपनी कप्तानी में भी सबसे श्रेष्ठ कप्तान रहे थे.
धोनी ने भारत को तीनो ख़िताब जीतने में अपनी महत्वपूर्ण भूमिका निभाई तथा कप्तानी का जिम्मा उठाया. धोनी हर समय शांत रहते थे. चाहे वे पिच पर हो या मैदान के बाहर इसलिए धोनी को केप्टन कूल कहते है.
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