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पुस्तकालय पर निबंध Essay on Library in Hindi

My Library Essay in Hindi पुस्तकालय पर निबंध- नमस्कार आज हम ज्ञान के भण्डार पुस्तक के घर पुस्तकालय पर निबंध सरल भाषा में लेकर आए है.इस आर्टिकल का प्रयोग प्रतियोगिता परीक्षा के लिए भी किया जा सकता है.

पुस्तकालय पर निबंध Essay on Library in Hindi

पुस्तकालय पर निबंध Essay on Library in Hindi
पुस्तकालय हिंदी भाषा का एक महत्वपूर्ण शब्द है. जिसका अर्थ होता है. पुस्तको का घर. यदि कोई व्यक्ति पुस्तको के वातावरण में रहकर बेहतर ढंग से पढाई करना चाहता है. तो उनके लिए पुस्तकालय सबसे श्रेष्ठ जगह है.

पुस्तकालय में अनेक एक से बढ़कर एक पुस्तक होती है, जिन्हें पढने से पढाई के प्रति हमारा प्रेम गहरा हो जाता है. इसी कारण अधिकतर बच्चे पुस्तकालय जाते है.

अच्छी पुस्तक और अच्छा माहौल व्यक्ति को जीवन में आगे बढ़ने के लिए प्रेरित करता है. इसलिए अच्छा माहौल होना शिक्षा के लिए अति महत्वपूर्ण है. यह माहौल पुस्तकालय में ही प्राप्त होता है.

जिस प्रकार मंदिर में जाने से शान्ति का अनुभव होता है. उसी प्रकार पुस्तकालय भी एक मंदिर है. और वहा जाने से सुखी पलो का अनुभव होता है. पुस्तकालय हमारे जीवन का एक हिस्सा है. जो हमें शिक्षा की ओर प्रेरित करता है. और हमें संसाधन प्रदान करता है.

पुस्तकालय का इतिहास काफी लम्बा रहा है. प्राचीन समय में प्रिंटिंग या ऑनलाइन सुविधा नहीं होने के कारण हस्तलिखित पुस्तके हुआ करती थी, जो सभी के लिए एक ही होती थी. उसे पढने के लिए सभी पुस्तकालय में जाते थे.

वर्तमान में प्रिंटिंग व्यवस्था भी है, पर सभी जरुरी पुस्तको को ढूंढ़कर एकत्रित करनाआसन नहीं होता है. इसलिए पुस्तकालय में सभी पुस्तके मिल जाती है. जिसमे आवश्यक पुस्तक का चयन कर हम पढ़ सकते है.

पुस्तकालय सभी के लिए उपलब्ध होता है. इसमे किसी के साथ भेदभाव नहीं किया जाता है. पुस्तकालय की व्यवस्था खासकर गरीब लोगो के लिए की गई थी. आज भी लाखो बच्चे पुस्तकालय से शिक्षा ग्रहण करते है.

कई लोगो को किताबे पढने का शौक होता है, वे पुस्तकालय में जाकर अपनी पसंदीदा पुस्तकों का अध्ययन कर अपना मनोरंजन कर सकते है. इस प्रकार पुस्तकालय सभी के लिए सार्थक है.

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पुस्तकों के संग्रह या पुस्तकों के घर को पुस्तकालय कहा जाता है। पुस्तकालय दो शब्दों से मिलकर बना है जिसमें पुस्तक तथा आलय है अर्थात पुस्तकों का घर ही पुस्तकालय है।

पुस्तकालय को हम लाइब्रेरी भी कहते हैं। पुस्तकालय वह स्थान होता है जहां ज्ञानवर्धक किताबों का ढेर लगा होता है. पुस्तकालय हमारे जीवन के लिए बहुत महत्वपूर्ण है खासकर उन लोगों के लिए जो अपने जीवन में पढ़ लिखकर कुछ बनना चाहते हैं उन लोगों के लिए पुस्तकालय जरूरी है.

वह पुस्तकालय में निशुल्क किताबें पढ़कर ज्ञान बढ़ा सकते हैं अन्यथा वे किताब खरीदने के योग्य नहीं होते हैं। पुस्तकालय कई प्रकार के हो सकते हैं पर इससे मोटे तौर पर देखा जाए तो यह दो प्रकार के होते हैं
  1. व्यक्तिगत पुस्तकालय
  2. सार्वजनिक पुस्तकालय
व्यक्तिगत पुस्तकालय:- किसी व्यक्ति या किसी परिवार विशेष के लिए होता है जिसमें प्रत्येक व्यक्ति को के दावे में पढ़ने की अनुमति नहीं दी जाती है वे पुस्तकालय परिवार के लिए होते हैं और ऐसे पुस्तकालय घर में ही बनाए जाते हैं|

ऐसे पुस्तकालय जो घर परिवार के लिए विशेष रूप से होते हैं वह व्यक्तिगत पुस्तकालय कहलाते हैं तथा इन पुस्तकालय के निर्माण में किसी अन्य का हिस्सा नहीं होता है.

इस पुस्तकालय में लगे खर्चे का पूरा भुगतान एक परिवार या एक व्यक्ति द्वारा ही किया जाता है जो पुस्तकालय का मालिक होता है होता है.

इस पुस्तकालय मैं जो मर्जी नियम बनाए जा सकते हैं। व्यक्तिगत पुस्तकालय में अपनी पसंद के अनुसार किताबें खरीद कर रखी जाती है।

जैसे किसी व्यक्ति को रामायण तो वह रामायण की किताब भी पुस्तकालय में रख सकता है और जो पसंद ना हो उसे बाहर भी कर सकता है।

सार्वजनिक पुस्तकालय:- वे पुस्तकालय होते हैं जो सभी के लिए उपलब्ध होते हैं अर्थात इसका अर्थात इसका कोई भी प्रयोग कर सकता है तथा किताबों को पढ़ सकता है.

इस प्रकार के पुस्तकालय हमें किताबों की व्यवस्था और पुस्तकालय के व्यय का भुगतान किसी एक व्यक्ति पर नहीं होता है.

ऐसे पुस्तकालय का भुगतान सभी के द्वारा मिलकर किया जाता है और इस प्रकार के पुस्तकालय में हर व्यक्ति को किताबें पढ़ने की अनुमति होती है।

ऐसे पुस्तकालय के लिए विशेष जगह होती है जैसे सार्वजनिक पुस्तकालय को मंदिरों में रखा जाता है जहां सुरक्षा का जिम्मा  पुजारी को दिया जाता है.

सार्वजनिक पुस्तकालय में सभी किताबों का संग्रह होता है देश में कई लोग रामायण गीता मद भागवत जैसे अनेक पौराणिक कथाओं की किताबें खरीद कर पुस्तकालयों में जमा करते हैं.

वहां लोग इसे पढ़कर अपने ज्ञान को बढ़ाते हैं और अपना मनोरंजन भी करते हैं सार्वजनिक पुस्तकालय में कोई धर्म भेद लिंग भेद या गरीब अमीर का भेद नहीं किया जाता है।

पुस्तकालय का महत्व

पुस्तकालय हमारे लिए काफी महत्वपूर्ण होता है.पुस्तकालय से हम अपनी मन पसंद के अनुसार किताब का चयन कर पढ़ सकते है.

पुस्तकालय से ज्ञान को बढ़ोतरी मिलती है.पुस्तकालय किताबो का भण्डार होता है जन्हा हर प्रकार की किताबो का संग्रह होता है.पुस्तकालय में हम विद्वान लोगो से मिलते है.तथा उनसे सीखते है.

पुस्तकालय में हमें पढ़ने योग्य वातावरण मिलता है.और मनोरंजन के लिए कहानियो की किताबे भी होती है.जिससे हम लम्बे समय तक बिना बोर हुए पढ़ सकते है.

तथा गरीबो के लिए सार्वजनिक पुस्तकालय काफी महत्व रखता है.क्योकि उनके लिए किताबे खरीदकर पढना असंभव होता है.इसलिए वे पुस्तकालय का सहारा लेकर अपने ज्ञान में उन्नति कर सकते है.

पुस्तकालय के लाभ

जब भी हमें पढ़ने का मन होता है तो हमारे चारों ओर कब आता है शांत नहीं होने के कारण हम अपने ध्यान को एक तरफ केंद्रित कर नहीं पढ़ पाते पर पुस्तकालय एक ऐसा स्थान है.

जहां पर वातावरण हमेशा शांत रहता है शांत वातावरण में एकाग्रता को बढ़ावा मिलता है। पुस्तकालय में नियमित रूप से पढ़ने से हमारे ज्ञान की बढ़ोतरी के साथ साथ पढ़ाई हमारे दैनिक जीवन का हिस्सा बन जाती है आधार पढ़ाई करना नियम बन जाता है।

पुस्तकालय में शांत वातावरण होने के कारण मन लगाकर तथा ध्यान को एक तरफ केंद्रित कर पढ़ाई की जा सकती है जब ध्यान एक तरफ केंद्रित होगा तो पढ़ाई भी हो उच्च होगी।

इस प्रकार पुस्तकालय से हमें अनेक लाभ प्राप्त होते हैं इसलिए पुस्तकालय हमारे लिए आवश्यक है।

पुस्तकालय हमारे राष्ट्रीय धरोहर

पुस्तकालय में अनेक किताबें होती जिनमें कुछ किताबें इतिहास की होती है देश में भारत के महान व्यक्तियों तथा उनके व्यक्तित्व  की जानकारी उन किताबों में लिखी होती है.

किस प्रकार भारतीय लोगों ने अंग्रेजों से संघर्ष किया इस प्रकार मुगलों से संघर्ष किया क्या परिस्थिति थी आदि  महान व्यक्तियों के बारे में संपूर्ण जानकारियां दी होती है जिन को पढ़कर हम  उनका अनुसरण कर सकते हैं तथा अपने जीवन को सफल बना सकते हैं.

महान लोगों से हुई गलतियों को हम सीख सकते हैं कैसे उन्होंने अपने जीवन को सफल बनाएं उनके जीवन के बारे में पढ़कर अपने जीवन को बेहतर बनाया जा सकता है.

अपनी शिक्षा को बढ़ाया जा सकता है। साथ ही इतिहास के महान व्यक्तित्व के बारे में हर परीक्षा में पूछा जाता है। जैसे से पढ़ कर हम परीक्षाओं में श्रेष्ठ  अंको की प्राप्ति कर सकते हैं।

प्राचीन काल में पुस्तकालय 

पुस्तकालय पुराने समय से चलते आ रहे हैं पुराने समय में राजा महाराजाओं द्वारा पुस्तकालयों का निर्माण करवाया जाता था।

प्राचीन काल में कुछ अवधि के बाद राजा का बदला हो जाया करता था इसलिए राजाओं ने अपनी पुस्तकों और अपने प्रतीक को जीवित रखने के लिए लेखकों द्वारा किताबों की रचना कर पुस्तकालयों में रख देते थे। 

राजाओं का एक नियम हुआ करता था कि पुस्तकालय  पर सभी का अधिकार है इसका प्रयोग सभी कर सकते है। इसलिए हर राजा अपने शासनकाल में अपने लेखक द्वारा किताब में लिखा कर पुस्तकालय में जमा कर देते थे.

इस प्रकार पुस्तकालय का पुराने समय में प्रयोग किया जाता था। आज भी लोग नई नई पुस्तकें खरीद कर पुस्तकालय में रखते हैं जैसे अच्छे लोग पढ़कर अपने ज्ञान को बढ़ाते हैं। इस प्रकार पुस्तकालय हमारे लिए ज्ञान का एक महत्वपूर्ण स्रोत है।

पुस्तकालय के नियम 

हर स्थान पर रहने के कुछ नियम होते हैं उसी प्रकार पुस्तकालय के भी कुछ नियम बनाए गए हैं जिनमें शोरगुल करना मना है।

पुस्तकालय में चोरी नहीं करनी चाहिए कहा जाता है के ज्ञान को चुराया नहीं जा सकता  इसीलिए पुस्तकालय में से किताबें चुराने का प्रयास भी नहीं करना चाहिए।

पुस्तकालय में हमें अनुशासन और इमानदारी के साथ रहना चाहिए पुस्तकालय में हमारे जैसे अनेक लोग ज्ञान की प्राप्ति के लिए आते हैं इसलिए हमें पुस्तकालय के  वातावरण को  शांत बनाना चाहिए शांत वातावरण से ही की प्राप्ति की जा सकती है।

किताबों के संग्रह को ही पुस्तकालय कहते हैं इसलिए जहां तक संभव हो हमें पुस्तकालय में नई नई किताबें लाकर रखनी चाहिए.

जिससे से कोई व्यक्ति पढ़कर अपने ज्ञान की बढ़ोतरी कर सकता खासकर गरीब लोगों के लिए पुस्तकालय सहायक होता है। महत्व देना चाहिए और नियमित रूप से इसका प्रयोग करना चाहिए। तथा दूसरों को इसके लिए प्रेरित करना चाहिए।

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उम्मीद करता हूं दोस्तों आज का हमारा आर्टिकल पुस्तकालय पर निबंध  Essay on Library in Hindi आपको  पसंद आया होगा यदि लेख अच्छा लगा है तो इसे अपने दोस्तों के साथ शेयर करें.तथा सभी को पुस्तकालय के प्रति प्रेरित करें.