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भगवान शिव पर निबंध Essay on Lord Shiva in Hindi

भगवान शिव पर निबंध  Essay on Lord Shiva in Hindi :- हिन्दू धर्म के सबसे बड़े देवता तथा चार युगों के राजवी भगवान शिव को कैलाश पर्वत का मालिक माना जाता है. इसलिए शिवजी को कैलाशपति कहते है. आज हम भगवान शिव के बारे में सम्पूर्ण जानकारी प्राप्त करेंगे. 

भगवान शिव पर निबंध Essay on Lord Shiva in Hindi

भगवान शिव पर निबंध  Essay on Lord Shiva in Hindi
भारत पूर्व से ही देवताओ का देश माना जाता है। भारत के देवता बहुत प्रचलित है। देखे तो भारत मे बहुत सारे देवताओ ने जन्म लिया था। भारत मे हिन्दू लोग ज़्यादातर महादेव जी को मानते है। हिन्दू शिव सेवाको को शैव कहते है तथा उनके संप्रदाय को शैव संप्रदाय कहते है। 

जिसमे सबसे प्राचीन तथा सबसे लोगप्रिय देवता महादेव जी को माना जाता है। महादेव जी का जन्म  सृष्टि की रचना से बहुत पूर्व मे हुआ था। महादेव जी को देवो के देव भी कहा जाता है।

भारत मे ही नहीं बल्कि पूरे संसार मे महादेव जी की पुजा की जाती है। जब लोग संकट मे होते है तो वे “ऊँ नमः शिवाय” महादेव के इस मंत्र को पढ़ते है तथा इस मंत्र से सम्पूर्ण दुख तथा कष्ट दूर हो जाते है। भगवान शिव का जन्म कब हुआ। इस प्रश्न का जवाब किसी के पास नहीं है।

भगवान शिव एकमात्र ऐसे देवता है। जिनको देवता तथा दानव सभी समान रूप से पूजते है। शिव पुराण के अनुसार  भगवान शिव के 1008 नाम माने जाते है। हिन्दुओ के सबसे बड़े तथा महान देवताओ मे महादेव जी एक है। 

भगवान शिव की देवी का नाम पार्वती था तथा शिव के पुत्र का नाम श्री गणेश था।भगवान शिव तथा उनका परिवार और नंदी सभी कैलाश पर्वत पर रहते थे।  महादेव के हर जगह पर हर-हर महादेव के नारे लगते है इससे हम जान  सकते है कि महादेव जी से लोग कितना प्यार करते है।

शिवजी का जन्म इस सृष्टि से पर्व हुआ था. और आज तक कैलाश पर्वत पर भगवान शिव की उपस्थिति की आस्था रखी जाती है. शिव सबसे शक्तिशाली तथा सबसे लम्बी उम्र वाले देवता है.शिवजी ही इस सृष्टि की रचनाकार है.

शिव-शक्ति- शिव-शक्ति दोनों अभिन्न अंग माने जाते है। शिव तथा शक्ति एक दुसरे के परम पूरक है। शिव तथा शक्ति का एक-दूसरे के बिना कोई अस्तित्व नहीं था। 

भगवान शिव हम सब को एक सीख देना चाहते है। कि स्त्री पुरुष के बिना तथा पुरुष स्त्री के बिना अधूरे माने जाते है। स्त्री तथा पुरुष दोनों कि महता समान मानी जाती है। कोई एक दूसरे से कम नहीं होता है। इस बात का भगवान शिव ने एक शानदार उदाहरण के रूप शिव-शक्ति को विद्यमान किया था।  

महाशिवरात्रि- महाशिवरात्री को हिन्दुओ का प्रमुख त्योहार माना जाता है। यह एक पर्व भी है। इसी दिन भगवान शिव का विवाह पार्वती के साथ हुआ था। आज भी लोग इस दिन व्रत रखकर भगवान शिव की पुजा करते है। 

वैसे बारह शिवरात्रि आती है परंतु इसमे सबसे प्रमुख महाशिवरात्री होती है ये फाल्गुन मास की चतुर्दशी को होती है। महाशिवरात्रि के दिन लोग महादेव जी के मंदिर को अच्छी तरीके से सफाई करके मंदिर को बहुत सजाते है.

तथा भगवान शिव को सभी प्रसाद चढ़ाते है। और उपवास रखते है। रात को नंदी बैल की सेवा करते है। ये सभी करने से धर्म होता है। 

शिव का प्रिय मास-सावन- माता पार्वती ने भगवान शिव को वरदान दिया था कि वह हर जन्म भगवान शिव से ही विवाह करूंगी।माता पार्वती का विवाह शिव से न करने से पार्वती भस्म हो गए तथा अगले जन्म मे पुनः पार्वती के रूप मे राजा हिमाजल के घर मे जन्म लिया।

भगवान शिव से विवाह करने के लिए कठोर व्रत किए माना जाता है। कि आखातीज का व्रत प्रवती ने ही आरंभ किया था। तथा भगवान महादेव तथा पार्वती का विवाह सावन मास मे ही कर दिया था। इसी कारण भगवान महादेव को सावन का मास अच्छा लगता है। 

शिव के अनंत अनुपम स्वरुप- भगवान शिव के अन्नत रूप माने जाते है। महादेव जी के कई स्वरूप भी होते है। महादेव जी शांति के देवता भी माने जाते है। महादेव जी ही इस संसार का अंधेरा तथा उजाला है। हर चीज के पीछे हम जितना जानते है। 

उससे कई ज्यादा संबंध होते है। भगवान महादेव के कई नाम है जिसमे सबसे प्रमुख नाम जैसे-शिव,शंकर,भोलेनाथ,कैलाश पति,उमापति,जटाधारी,रूद्र,भोलाशंभू तथा महादेव आदि कई नाम माने जाते है।  

निष्कर्ष- भगवान शिव महान कल्याणकारी देवताओ मे से एक है। भगवान शिव मात्र एक लोटे जल से भी संतुष्ट हो जाते थे। भगवान शिव की सेवा करने से सभी दुख दूर हो जाते है।भगवान शिव को भोले नाथ भी कहते है। उन्हे भक्त मारे तो भी वह खुश होते है। 

भगवान शिव ने अहंकार तथा पापो का निवास के लिए इस संसार पर अवतरित हुए. शिव जी सभी का भला चाहने वाले है. वे हमेशा सभी का कल्याण ही करते है.

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