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भगवान श्री राम पर निबंध Essay on Lord Rama in Hindi

श्री राम पर निबंध Essay on Lord Rama in Hindi- मर्यादा पुरुषोतम भगवान राम हिन्दू धर्म के प्रमुख देवता हुए है. इन्होने अपनी शक्ति और बहादुरी का प्रयोग कर दुनिया के सबसे भयंकर राक्षस लंकाधिश रावण को मारकर हमारे लिए आदर्श और पूजनीय बन गए.

भगवान श्री राम पर निबंध Short Essay on Lord Rama in Hindi

भगवान श्री राम पर निबंध Essay on Lord Rama in Hindi
श्री राम विष्णु के अवतार थे।  भगवान विष्णु के कई अवतार थे जिनमे से संतवा अवतार श्री राम का माना जाता है। श्री राम कई कलाओ से नीपूर्ण थे। जब संसार मे पाप ज्यादा बढ़ जाता है तभी भगवान किसी-न-किसी  रूप मे आकार पापो का कल्याण करते है।

श्री राम ने लोककल्याण तथा आदर्श प्रस्तुति के लिए अवतार लिया था। श्री राम करुणा,त्याग और समर्पण की प्रतिमूर्ति थे। श्री राम हिन्दुओ के सबसे श्रेष्ठ देवता माने जाते है। उन्होने संसार को मानवता के मार्ग पर चलना सिखाया। वह सत्य-पथी तथा धैर्य रखने वाले माने जाते है।

श्री राम पर निबंध 300 शब्द

भगवान विष्णु के दस अवतारों में से राम को सांतवा अवतार माना जाता है. लंकाधिश रावण के अत्याचार से मुक्त होने के लिए विष्णु भगवान ने राम के रूप में इस पृथ्वी पर अवतार लिया.

राम के पिता का नाम दशरथ और माता का नाम कौशल्या था. इनके तीन भाई थे, जिनका नाम लक्ष्मण, भरत और शत्रुधन था. राम की शौतिली माँ ने इन्हें 14 वर्ष के लिए वनवास भेज दिया.

भगवान राम का जन्म चैत्र महीने के शुक्ल पक्ष की नवमी को हुआ इस दिन को हर वर्ष हम राम नवमी के रूप में मनाते है. वाल्मीकि के द्वारा रचित रामायण में राम के बारे में सम्पूर्ण जानकरी प्राप्त होती है. तुलसीदास के द्वारा लिखी गई रामचरितमानस ने राम के चरित्र के सभी के साथ परिचय करवाया.

राम ने राजा जनक की बेटी सीता से विवाह किया. और उनसे राम को लव और कुश दो पुत्रो को प्राप्ति हुई. राम ने लक्ष्मण और सीता के साथ वनवास में 14 वर्ष बिताए रावण ने सीता का हरण कर लिया.

भगवान राम ने अपनी मर्यादा और बहादुरी का परिचय देते हुए. रावण जैसे ताकतवर राक्षस से जा भिडे. भारत और श्रीलंका के बीच राम और उनकी सेना ने रामसेतु बनाया जिससे वे श्रीलंका गए. आज भी यह सेतु देखा जा सकता है. माना जाता है. कि उस समुद्र में पत्थर तैरता है.

राम ने सीता को रावण से मुक्त कराने के लिए रावण से युद्ध किया और रावण को हराकर सीता को लेकर वापस अयोध्या आ गए. इस प्रकार बुराई पर सच्चाई की जीत हुई. और राम की जीत हुए.

इस युद्ध के समय राम ने दुर्गा पूजा का व्रत किया था. और आज भी राम के अनुनाई इन दिनों व्रत रखते है. और अंतिम दिन दशहरा मनाते है. और रावण का पुतला जलाते है.

श्री राम के बारे में निबंध

भगवान राम ने विष्णु भगवान के सातवें अवतार के रूप में चैत्र मास शुक्ल नवमी को इस संसार में अवतार लिया था। भगवान राम का जीवन हमारे लिए प्रेरणा का सबसे बड़ा स्रोत है।

श्री राम का जीवन हमारे जीवन का पथ प्रदर्शक है भगवान राम की ईमानदारी, निष्ठा, प्रेम, वीरता, मर्यादा, धैर्य, पराक्रम और युद्ध कौशल के गुणों के कारण भगवान राम को हम अपना आदर्श मानते हैं।

लंका के राजा रावण द्वारा देवताओं पर अत्यधिक अत्याचार करने के कारण भगवान विष्णु ने स्व अवतार लेकर भगवान राम के रूप में अयोध्या के दशरथ जी के घर में माता कौशल्या की कोख से जन्म लिया।

भगवान राम ने राजा जनक की पुत्री सीता के साथ विवाह किया. जनक द्वारा सीता का स्वयंवर रखा गया जिसमें शिव धनुष को उठाना शर्त रखी गई थी जो राजा शिव धनुष को उठाएगा उसके साथ सीता का विवाह किया जाएगा। इस शर्त में भगवान राम ने शिव धनुष को उठा लिया और शिव धनुष टूट गया।

जब भगवान राम के स्पर्श से शिव धनुष का खंडन हो जाता है तो परशुराम अत्यधिक क्रोधित हो जाते हैं। और धनुष तोड़ने वाले को अपना दुश्मन बता कर भरी सभा से बाहर आने के लिए कहते हैं इस पर लक्ष्मण अत्यधिक क्रोधित हो जाते हैं और वे परशुराम पर व्यंग्य करते हैं.

अंत में भगवान राम और विश्वामित्र द्वारा समझाने पर परशुराम का क्रोध शांत होता है। भगवान राम दशरथ के सबसे बड़े पुत्र थे जिस कारण सीता के विवाह के बाद राम को अयोध्या का राजा बनाया जाना सुनिश्चित किया गया।

राम की सौतेली माता ने राम लक्ष्मण और सीता को 14 वर्ष के लिए वनवास भेज दिया और अपने पुत्र भरत को अयोध्या का राजा बना दिया. भरत राम का सम्मान करते थे इसलिए वे ऐसा नहीं चाहते थे।

रावण की बहन का वनवास में नाक काट दिया जाता है इसका बदला लेने के लिए रावण सीता का हरण करता है। और रावण ने राम को युद्ध करके सीता को ले जाने के लिए चुनौती दी।

सीता की खोज में जब भगवान राम लंका जाते हैं तो इसी बीच समुद्र को पार करने के लिए वे राम सेतु पुल का निर्माण करते हैं.

भगवान राम के भक्तों द्वारा राम का नाम लिखकर पत्थरों को समुद्र में डाला गया और पत्थर तैरने लगे इस प्रकार भगवान राम के साथी वानरों ने राम सेतु का निर्माण किया जो वर्तमान समय में भी देखा जा सकता है।

भगवान राम और रावण के बीच भयंकर युद्ध हुआ जिसमें भगवान राम ने भयंकर दशानन रावण उसके भाई विभीषण जैसे खतरनाक राक्षसों को मार कर लंका को फतह किया और माता सीता को लेकर वापस अयोध्या लौटे.

वैसे रावण भगवान शिव का बहुत बड़ा भक्त था रावण ने अपनी भक्ति से भगवान शिव को प्रसन्न कर अमर रहने का वरदान लिया. लेकिन रावण ने अपनी शक्ति का दुरुपयोग कर देवताओं को प्रताड़ित करने लगा जिस कारण भगवान राम ने रावण का वध किया।

भगवान राम हिंदुओं के श्रेष्ठ देवता हैं। हाल ही में भगवान राम का अयोध्या में सबसे बड़ा मंदिर बनाया गया है। भगवान राम को हम सभी अपना आदर्श मानते हैं और उनकी पूजा करते हैं भगवान राम के अयोध्या आगमन पर दिवाली की शुरुआत की गई जो हिंदुओं का सबसे प्रमुख त्योहार है।

निबंध – 3 (1000 शब्द)

परिचय

भगवान श्री राम का ने चैत्र माह के शुक्ल पक्ष की नवमी तिथि को धरती पर पाप मिटाने के लिए अवतार लिया था। भगवान श्री राम का जन्म वर्तमान उत्तरप्रदेश के आयोध्या मे हुआ।

श्री राम के पिता का नाम राजा दशरथ था। जो कि आयोध्य के राजा थे। दशरथ के चार पुत्र थे।[ राम, भरत, लक्ष्मण और शत्रुघ्न] ये सभी एक-दूसरे से बहुत प्यार करते थे।

वह ईमानदार तथा आदर्श व्यक्ति थे।उनसे हमे आदर्श जिंदगी जीने की सीख मिलती है। माना जाता है कि धरती पर पाप इतना बढ़ गया था कि स्वय श्री राम को अवतार लेना पड़ा।श्री राम भगवान विष्णु के अवतार थे। वह बारह कलाए जानते थे।

सीता का  स्वयंवर- राजा जनक ने अपनी बेटी सीता का विवाह करने के लिए स्वंयवर की रचना की तथा सभी को न्योता दिया गया। कि वह सभी इस प्रतियोगिता मे भाग ले तथा अपना प्रभुत्व दिखाये। और सीता से विवाह कर ले।

स्वयंवर की शर्त महादेव के धनुष का खंडन करने वाले के साथ   सीता का स्वय वर रखा गया जिसमे एक शर्त रखी गई थी। कि भी जो इस धनुष को उठाएगा उसकी शादी सीता के साथ कराई जाएगी।

लेकिन सभी दानव इस शर्त मे हार गए राजा जनक अत्यंत दुखी हो गए कि इस संसार मे ऐसा कोई नहीं जो इसे उठा सके लंकापति रावण भी  इसे नहीं हिला सके परंतु फिर भगवान श्री राम ने महादेव के धनुष का खंडन कर दिया।भगवान राम ने इस विवाह को स्वीकार कर दिया। शर्त के अनुसार राम के साथ सीता का विवाह कर दिया गया।  

बालपन- श्री राम जन्म  का  एक राजा के घर मे हुआ। उनके पिता का नाम दशरथ तथा माता का नाम कौशल्या था।बालपन से ही श्री राम साहसी और दयालु स्वभाव के थे। उनके पिता दशरथ सबसे ज्यादा प्यार राम से करते थे।

राम के बिना वह खाना भी नहीं खाते थे। राजा दशरथ एक पल के लिए भी राम को दूर नहीं जाने देते थे। उनके तीन छोटे भाई थे। श्री राम बड़े होने के नाते सभी भाइयो का ध्यान रखते थे।  हुआ। वह सबसे ज्यादा प्यार अपनी सौतेली माँ कैकैई से करते थे। 

राम की बहन - भगवान राम की एकमात्र बहन शांता थी। वह राजा दशरथ की बेटी थी। उनकी माता का नाम कौशल्या था। वह राम से बहुत प्यार करती थी। 

भगवान राम का वनवास- राम का विवाह सीता के साथ होने के बाद मे राम ने आयोध्या का राजा बनने का निश्चय किया परंतु राम की सौतेली माँ ने राम और लक्ष्मण को चौदह वर्ष के लिए वनवास भेज दिया। भरत को न चाहते हुए आयोध्या का राजा बनाया गया। भगवान राम ने वनवास मे कई कष्ट को सहन किये

रावण द्वारा सीता का हरण 

भगवान राम, उनकी पत्नी और उनके छोटे भाई लक्ष्मण वनवास मे थे। तभी रावण की बहन ने सीता का अपमान किया लक्ष्मण इसे सहन नहीं कर सके और रावण की बहन का नाक काट दिया।

रावण ने बदला लेने की ठान ली और धोखे से सीता का हरण कर लिया। राम के भक्त जटायु ने रावण को रोकने का प्रयाश किया पर वह असफल रहा रावण ने जटायु के पंख काट दिये। रावण सीता को अपनी लंका मे ले गया। 

शिक्षा- भगवान श्री राम ने अपनी शिक्षा गुरु विशिष्ट द्वारा प्राप्त की और उनके गुरु की आज्ञा मानते थे। अपने गुरु की सेवा करते थे। प्रभु राम बचपन से ही बहुत पराक्रमी थे।

बचपन से वह पराक्रमी थे। भगवान राम बड़े होकर राक्षस रावण का वध कर इस संसार को पावन बनाया। और अपने इस देश का मान बढ़ाया।  

रामनवमी - शास्त्रो के अनुसार भगवान राम का जन्म चैत्र माह के शुक्ल पक्ष की नवमी तिथि के दिन  हुआ था। इसी दिन प्रत्येक वर्ष रामनवमी का त्योहार मनाया जाता है। इसलिए इस त्योहार के दिन को रामजन्मोत्सव के रूप में मनाया जाता है।

राम का जन्म इसी तिथि को होने के कारण चैत्र माह के शुक्ल पक्ष की नवमी को रामनवमी का विशाल तथा भव्य त्योहार मनाते है।  

रावण का अंत- रावण बहुत मायावी था। वह भगवान शिव का भक्त हुआ करता था। शिव ने उसे कई वरदान दिये परंतु रावण ने उन वरदानो का दुरुपयोग किया।

रावण और राम का अंतिम युद्ध मे रावण के भाई विभीषण ने राम की मदद की रावण के दस सिर काटकर उसे मारना असंभव था। आखिरकार राम ने रावण को हरा दिया और सीता को लेकर चौदह वर्ष का वनवास पूर्ण कर वापस आयोध्या आए।

राम की रावण से विजय की बधाई मे दीपक जलाकर उनका स्वागत किया। उस दिन से हम हर वर्ष को दीपावली मानते है। यह त्योहार लाखो वर्षो से चलता आ रहा है.

अयोध्या वापसी- भगवान राम ने लंकाधिस रावण जैसे राक्षस को मारकर रावण के छोटे भाई विभीषण को लंका का राजा बना दिया। तथा राम, सीता, लक्षमण और अपनी वानर साइना के साथ आयोध्या वापस आये।

भगवान राम का राज्यभिषेक कर दिया गया। पाप पर धर्म की विजय से पूरा राज्य खुशी से घूम उठा। भगवान राम को पूजने लगे। तथा राम का स्वागत दीपक जलाकर किया था। 

निष्कर्ष- श्री राम की इतनी उपलब्धिया है कि हम सभी को लिख नहीं पाएगे।  परंतु श्री राम ने कई राक्षसो का वध कर शांति का माहौल बनाया।

 श्री राम ने राक्षसो का सफाया करने के लिए अवतार लिया तथा रावण जैसे राक्षस को भी मार कर धरती पर बोज को कम कर दिया। श्री राम का व्यक्तितत्व अतुलनीय है।श्री राम हिन्दुओ के सबसे लोगप्रिय देवता थे, और आज भी है।

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