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त्योहारों का महत्व पर निबंध | Essay on Importance of Festivals In Hindi

त्योहारों का महत्व पर निबंध | Essay on Importance of Festivals In Hindi- भारत त्योहारों का देश है. यहाँ समय समय पर कई त्यौहार मनाए जाते है. जिसके अनेक धार्मिक, ऐतिहासिक तथा राष्ट्रीय त्यौहार या पर्व होते है. आज के आर्टिकल में हम त्योहारो के महत्व के बारे में विस्तार से जानेंगे.

त्योहारों का महत्व पर निबंध | Essay on Importance of Festivals In Hindi

त्योहारों का महत्व पर निबंध | Essay on Importance of Festivals In Hindi
आज के इस भगदड़ जिन्दगी में त्यौहार ही एकमात्र ऐसा संसाधन है, जो हमें एक आनंदित पल भेंट करता है. त्योहरों का हमारे जीवन में विशेष महत्त्व होता है. ये समय समय पर मनाए जाते है.

प्राचीन समय में लोग त्योहर इसलिए मनाते थे, कि सभी परिवारजन संगठित हो सकें. तथा सभी काम पर गए मजदुर त्यौहार के बहाने अपने परिवार से मिल सकें. इसी प्रकार त्योहारों का चलन माना जाता है.

निरासा भरे जीवन में त्यौहार कुछ पल की शांति तथा सुखी के पल प्रदान करते है. त्यौहार से हमें एक नए उमंग मिलती है. तथा इसे हम बड़े ही हर्षोल्लास के साथ मनाते है.

त्यौहार के बाद हम जीवन में एक नए शुरुआत करते है. तथा हर त्यौहार पर हम कुछ कुछ बुराइयों को अपने जीवन से त्यागते है. जिससे एक आदर्श जीवन की प्राप्ति होती है. 

देश की संस्कृति तथा रीती रिवाजो ओर देवी-देवताओ के महत्व को सभी के सामने प्रकट करने के लिए हम कई त्योहार मनाते है. जो हमारी संस्कृति को शुभोसित करते है.

हर त्योहार को एक श्रेष्ठ इतिहास दिया गया है. जिससे हमारे श्रेष्ठ अतीत के बारे में सभी को ज्ञान हो तथा सभी को हमारे इतिहास पर भरोसा हो. और सभी इतिहास से सीख लेकर जीवन में उन्नति करें.

आधुनिक इंटनेट के इस जाल में हमेशा मस्त व्यस्त व्यक्ति त्योहारों के माध्यम से ख़ुशी का आनंद भी अनुभव करें. तथा शारीरिक खेल खेलकर अकेलपन दूर करे.

वैसे भारत को त्योहारों का देश कहा जाता है. यहाँ हर पंखवादे में एक त्योहार मनाया जाता है. जिसमे अनेक धार्मिक त्यौहार भी होते है. पर मुख्यत रूप से त्योहारों को दो भागो में विभक्त किया गया है.

1. धार्मिक त्योहार:- वे त्योहार जो धार्मिकता के आधार पर मनाए जाते है. तथा ये पर्व किसी धर्म विशेष के होते है. धार्मिक त्योहरों में आखातीज, ईद, बड़ा दिन, दशहरा, दीपावली, होली, बसन्त पंचमी, कृष्ण जन्माष्टमी, रामनवमी, रक्षाबंधन, भैयादूजगणगौर आदि.

2. राष्ट्रीय पर्व:- ये पर्व सम्पूर्ण राष्ट्र के लिए होता है. तथा ये देश का पर्व होता है. इसमे किसी जाति का अंश नहीं होता है. इसे सभी मिलकर मनाते है. ये पर्व देशभक्ति की प्रेरणा देते है.

राष्ट्रीय पर्वो में गणतंत्र दिवस, स्वतन्त्रता दिवस, गांधी जयन्ती, अध्यापक दिवस बलिदान दिवस, हिंदी दिवस, सविंधान दिवस, विवेकानंद जयंती, राष्ट्रीय एकता दिवस, युवा दिवस आदि.

हमारे जीवन में त्यौहार एक विशेष भूमिका निभाते है. त्योहार वह पर्व है, जो हमें आनंदित करता है. तथा अपने परिवार से मिलने या अपने पूर्वजो को याद करने का अवसर प्रदान करता है.

त्योहारों का महत्व

भारत को त्योहारों का देश यूँ ही नहीं कहा जाता है. भारतवर्ष में आए दिन कोई न कोई पर्व जरुर मनाया जाता है. त्योहारों के अभाव में हम भारतवर्ष की कल्पना भी नहीं कर सकते है.

त्योहार और संस्कृति से लथपत ये देश अपनी संस्कृति और इतिहास को जिन्दा रखने के लिए पर्व मनाता है. त्यौहार से हमारे जीवन में एक दिव्य ख़ुशी तथा उत्तेजनापूर्ण जीवन की अनुभूति होती है.

सभी त्योहारों के कुछ न कुछ अपने अलग से प्रतीक होते है. हर पर्व हमें कुछ न कुछ जरुरी सिखाता है. जिससे सीखकर हम जीवन में विकास के मार्ग पर चल सकें.

प्रत्येक पर्व को अपने इतिहास तथा संस्कृति के अनुसार ही मनाया जाता है. जैसे होली के अवसर पर होलिका दहन किया जाता है. तथा दिवाली के अवसर पर माता लक्ष्मी की पूजा की जाती है.

यदि सभी पर्वो को सही ढंग से तथा बिना किसी स्वार्थ के मनाया जाए तो ये पर्व बहुत लाभकारी साबित हो सकते है. राष्ट्रीय एकता या धार्मिक एकता की सबसे बड़ी इकाई ही त्योहार है. ये लोगो को एक दुसरे से जोड़ता है.

भारतीय लोगो का जीवन हमेशा त्योहारों से घिरा रहता है. त्योहार के अभाव में यहाँ की कल्पना करना कठिन है. यहाँ की खुशियां और मनोरंजन का सबसे बड़ा संसाधन ही त्योहार है. जो समय समय पर आकर जीवन में ख़ुशी के पल भर देता है.

कई त्योहार जो आदर्श व्यक्तियों की याद में या उनके आदर्श कार्य की याद में मनाते है. जिससे हम उनसे सीख कर जीवन में उन्नति कर सकें. हर त्योहार में कोई न कोई आदर्श व्यक्ति जरुर जुड़ा होता है, तो हमारे इतिहास और गौरव को प्रदर्शित करता है.

यहाँ के धार्मिक पर्व अपनी संस्कृति और रीती रिवाज को जिन्दा रखते है. वही राष्ट्रीय पर्व देश की एकता को दर्शाते है. राष्ट्रीय पर्व में सभी धर्म के लोग शामिल होकर उसे ओर भी रंगीला बना देते है.

हमारे द्वारा मनाए जाने वाले त्योहार कुछ न कुछ प्रेरणा जरुर देते है. जिसमे होली रंगों का त्योहार, दीपावली रोशनी का त्योहार, रक्षाबंधन भाई-बहन के प्यार का त्योहार तथा ईद भाईचारे का त्योहार होता है.

वैसे यहाँ पर सालभर त्योहारों का सिलसिला चलता ही रहता है. पर त्योहारों के चक्र की शुरुआत श्रावण तीज के साथ होती है. तथा गणगौर पर इसकी समाप्ति हो जाती है इसलिए किसी ने कहा है- तीज तीवाराँ बावड़ी ले डूबी गणगौर.

त्योहार हमारा एक साथी है, जो हमेशा जीवन में आकर खुशियों का संचार करता है. तथा गम को ले जाता है. हर पर्व को मानाने के अलग अलग ढंग होते है. जैसे होली को होलिका दहन, दीपावली में लक्ष्मी जी की पूजा, रक्षाबंधन में भाई की राखी, दुर्गा पूजा में दुर्गा माँ के सभी रूपों की पूजा और ईद पर चाँद की पूजा की जाती है.

बढ़ते शहरीकरण ने त्योहारों के महत्व को भुला दिया है, पर आज भी ग्रामीण इलाको में त्योहारों की झलकियों को महसूस किया जा सकता है. यहाँ लोग त्योहारों को बड़े ही प्रेम के साथ मिलकर मनाते है.

हमें हर पर्व को धूमधाम के साथ मनाकर उसका आनंद लेना चाहिए तथा हमारी संस्कृति और परम्परा को बनाए रखना चाहिए, लेकिन आज त्योहारों के अवसर पर ऐसे कार्य होते है, जो नुकसानदायक है, उनकी समाप्ति जरुरी है.

कई ऐसे त्योहार है, जिन्हें जानवरों को मारकर मनाते है. जिससे जानवरों की मौत होती है. और शुभ अवसर पर किसी की मौत का होना अशुभ होता है. इसलिए जानवरों का मारकर त्योहार मानना एक बुराई है. जिसकी हमें समाप्ति करनी चाहिए.

दिवाली पर्व पर पटाके जलाए जाते है. जिससे वातावरण प्रदूषित होता है. इसलिए हमें पटाको की मात्रा कम करके जीवन तथा वातावरण को सुरक्षित बनाना होगा, हमारा मानना ये नहीं है, कि हम अपनी परम्परा का त्याग कर दें, पर हम इसे कम भी कर सकते है.

बड़े बड़े अवसरों पर डीजे लाए जाते है. तथा लाउडस्पीकर में बजाए जाते है. जिससे साम्प्रदायिकता बढती है. तथा कई बार विरोध भी किया जाता है. तेज आवाज से ध्वनी प्रदुषण बढ़ता है.

इसके साथ ही होली को रंगों का त्योहार कहते है, इस पर्व पर रंगों का विशेष महत्व होता है, पर आजकल स्वार्थीपन बढ़ने के कारण रंग में रासायनिक पदार्थ ज्यादा डाले जाते है. जिससे रंग डालने पर नुकसान हो सकता है. इसलिए रंग का कम उपयोग किया जाना चाहिए.

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