100- 200 Words Hindi Essays 2024, Notes, Articles, Debates, Paragraphs Speech Short Nibandh

त्रिपुरा पर निबंध | Essay On Tripura in Hindi

त्रिपुरा पर निबंध | Essay On Tripura in Hindi

त्रिपुरा पर निबंध | Essay On Tripura in Hindi

त्रिपुरा भारत का एक राज्य है, जो देश के उतर पश्चिम क्षेत्र में पड़ता है. यह क्षेत्रफल के लिहाज से भारत का तीसरा सबसे छोटा राज्य भी है. यह राज्य भारत के क्षेत्रफल में 10,491.69 km2 का योगदान देता है.

यह राज्य अन्तर्राष्ट्रीय सीमा के साथ साथ कई राज्यों के साथ सीमाए साझा करता है. त्रिपुरा की जनसख्या भी क्षेत्रफल के अनुसार कम ही है.

यह अपनी 40 लाख की आबादी के साथ देश की कुल आबादी में 0.3% योगदान देता है. इसमे 85 फीसदी लोग हिन्दू धर्म से है. 

इनके साथ ही 9 प्रतिशत मुस्लिम आबादी भी निवास करती है. यह राज्य के उत्तर में बंगलादेश पड़ता है. तथा दक्षिण में असम से पश्चिम में मिजोरम के साथ सीमाए साझा करता है.

इस राज्य के इतिहास में किरात देश नाम से वर्णन मिलता है. इसे किरात की भूमि के रूप में जाना जाता है. इसका वर्णन महाभारत में भी किया गया है. यह राज्य हिन्दू बाहुल्य प्रदेश है.

त्रिपुरा की राजधानी अगरतल्ला है. इस राज्य की प्रमुख भाषा त्रिपुरी है. माना जाता है, कि इस राज्य की स्थापना माणिक्य नामक इण्डो-मंगोलियन आदिवासी मुखिया द्वारा १४ वी शताब्दी में की गई थी, जिसने यहाँ रहने के बाद हिन्दू धर्म को अपनाया.

देश में सविंधान लागु होने के साथ ही 26 जनवरी 1950 को इस राज्य को C श्रेणी के राज्य का दर्जा दिया. इसके बाद वहा की जनता की मांग के आधार पर इसे 1 नवंबर, 1956 को केंद्र शासित प्रदेश के रूप में वरीयता दी गई. 

कई सालो तक केन्द्रशासित प्रदेश रहने के बाद  21 जनवरी, 1972 को इसे भारत के एक राज्य के रूप में इसे मान्यता दी गई. इस राज्य मुख्य रोजगार का साधन चावल, जूट, चाय और कपास की खेती है. तथा यहाँ उद्योगी धंधे जैसे कपड़ा बुनाई भी किये जाते है. यहाँ के लोग कृषि पर जीविका निर्वाह करते है.

यह राज्य पर्यटन के लिहाज से भारत का महत्वपूर्ण राज्य है. यहाँ हजारो सैलानी यात्रा के लिए आते है. यहाँ के दर्शनीय स्थलों में उज्जयंत पैलेस, नीरमहल, त्रिपुरा सुंदरी मंदिर, सिपाहीजला वन्यजीव अभयारण्य, बाइसन (राजबारी) राष्ट्रीय उद्यान, हेरिटेज पार्क, उनाकोटी, कैलाशहर, बुद्ध मंदिर तथा जगन्नाथ मंदिर आदि प्रमुख है. यहाँ शरद ऋतू के समय यात्रा करना सबसे उचित रहता है.