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कैंसर पर निबंध | Essay on Cancer in Hindi

कैंसर पर निबंध | Essay on Cancer in Hindi- ये एक घातक बिमारी है, जो लागातर फैलती जा रही है. इस बीमारी का संकट देशभर में छाया हुआ है. इस बीमारी से लाखो की संख्या में लोग मर रहे है. आज के आर्टिकल में हम जानेंगे. कैसर क्या है, कैसे फैलता है? इसके लक्षण, उपाय तथा सम्पूर्ण जानकारी.

कैंसर पर निबंध | Essay on Cancer in Hindi

कैंसर पर निबंध | Essay on Cancer in Hindi
आज के इस प्रौद्योगिकी युग में कुछ ऐसी बीमारियां हैं जिनका इलाज करना आज भी हमारे लिए पूर्ण तो संभव नहीं है उन्हीं में से एक बीमारी कैंसर है जो बहुत ही खतरनाक बीमारी है जब यह बीमारी किसी व्यक्ति को लग जाती है तो इस जंग से फतेह करना एक व्यक्ति के लिए नए जीवन के समान होता है।

कैंसर एक ऐसी बीमारी है जो अपने साथ कई अनेक बीमारियां लेकर आती है इस बीमारी का रोगी समझ ही नहीं पाता कि उसे कौन सा रोग हुआ है और आज तक पूर्ण रूप से कैंसर बीमारी का इलाज करने वाली दवाई का निर्माण नहीं किया जा सका है पर कुछ हद तक इसका इलाज संभव है.

इस बीमारी के कुछ प्रारंभिक लक्षणों को पहचान कर विकराल रूप धारण करने से पूर्व ही इसका इलाज किया जा सकता है लेकिन जब यह बीमारी घातक रूप में आ जाती है तो व्यक्ति का जिंदा रहना असंभव सा हो जाता है कई बार लोगों को असहनीय दर्द होता है जिसे लोग सहन नहीं कर पाते हैं.

यह बीमारी ना केवल शारीरिक रूप से व्यक्ति को कमजोर करती है बल्कि यह मानसिक रूप से भी व्यक्ति को पीड़ा देती है जिस कारण कई बार व्यक्ति इस बीमारी की चपेट में आने के कारण आत्महत्या जैसे कदम उठा लेते हैं जो व्यक्ति की कमजोर मानसिकता और असहनीय दर्द को दर्शाता है.

कैंसर बीमारी के कुछ शुरुआती लक्षण हैं जिनका हमें ध्यान रखना चाहिए कई लोग इन्हें सामान्य लक्षण मानकर ही भुला देते हैं लेकिन हमें इनका ध्यान रखना अत्यंत जरूरी है. यदि नीचे दिए गए लक्षण किसी में पाए जाते हैं तो उसमें कैंसर होने की संभावना होती है.

कैंसर बीमारी का प्रारंभिक और महत्वपूर्ण लक्षण वजन का घटना है वैसे तो सामान्य तौर पर वजन कम और अधिक होता रहता है लेकिन अत्यधिक मात्रा में बिना किसी शारीरिक श्रम किए वजन का घटना इसका प्रारंभिक लक्षण है.

जब व्यक्ति को सामान्य तौर पर चोट लगती है तो कई दिनों से घाव भर जाता है लेकिन कैंसर के शुरुआती लक्षणों में यह नहीं होता है और चोट की जगह घाव लंबे समय तक रहता है और गहरा होता रहता है जिससे दर्द होता है और यह कैंसर का प्रमुख लक्षण माना जाता है.

शारीरिक और मानसिक रूप से हमेशा थकान उत्पन्न होना कैंसर का एक लक्षण है वैसे तो सामान्य तौर पर खांसी जुकाम कई बीमारियों में ही होता है इसी प्रकार अत्यधिक खांसी कैंसर का भी एक लक्षण माना जाता है. उल्टी दस्त या कब्जी जैसी समस्याएं भी कैंसर के लक्षण माने जाते हैं.

यदि आपके शरीर में कैंसर बीमारी फैल जाती है तो आपके शरीर में एक गांठ जैसी आकृति बनने लगती है जिसमें शुरुआती को समय तक दर्द नहीं होता है लेकिन काफी समय बीत जाने के बाद और सैनी दर्द होता है और यह गांठ जब टूट जाती है तो व्यक्ति की निश्चित ही मृत्यु हो जाती है. यह गांठ व्यक्ति के किसी भी अंग पर हो सकती है.

कैंसर एक घातक बीमारी है और सावधानी इससे सुरक्षा का सबसे बड़ा उपाय हैं इसलिए हमें इसके कुछ शुरुआती लक्षणों की पहचान कर हमेशा अपने जीवन की सुरक्षा बनाए रखें यदि ऊपर दिए गए लक्षणों में से कोई लक्षण दिखाई देता है तो जल्द ही अस्पताल में जाकर चेक जरूर करें.

Essay cancer 

 कैंसर एक खतरनाक रोग है जिसमें और सामान्य तरीके से कोशिका वर्दी होती है आमतौर पर यह शरीर के किसी एक अंग में उत्पन्न होकर शरीर के संपूर्ण भागवत फैल जाती है यदि इसका समय पर उपचार न किया जाए तो यह प्राणघातक साबित होती है.

यह कई प्रकार की होती है जिसमें फेफड़े का कैंसर स्तन कैंसर त्वचा कैंसर किडनी कैंसर रक्त कैंसर जैसे कई रोग शामिल है हर साल भारत में लाखों की संख्या में लोग इस रोग से पीड़ित होते हैं और यह बीमारी कई लोगों के मौत का कारण भी बनती है इस रोग से लंबी जंग लड़ना असंभव सा है शुरुआती स्टेप में यदि इसका इलाज किया जाए तो रोगी को बचाया जा सकता है अन्यथा इस रोग का शिकार होना पड़ता है।

कैंसर रोग अपने प्रारंभिक चरणों में कमजोर स्थिति में होता है और इस स्थिति में हम इसका मुकाबला करने में सक्षम होते हैं इसलिए हम इस समय इलाज करवाना उचित नहीं मानते हैं पर यह हमारी सबसे बड़ी गलती होती है क्योंकि कैंसर को अपने शुरुआती चरणों में ही दवा या सर्जरी के द्वारा रोका जा सकता है।

जब यह अपनी मजबूत स्थिति दायर कर लेता है तो इस पर दवाई का कोई असर नहीं पड़ता है और व्यक्ति की मौत नीचे हो जाती है इसके प्रथम चरण में यह उभरना शुरू होता है और यह अपना विकास शुरू करता है उसी समय इस पर इलाज किया जा सकता है।

कैंसर अपने दूसरे चरण में जिस अंग में उत्पन्न होता है उसी अंग को प्रभावित करता है अपना विस्तृत आकार बनाता है, इस स्टेप तक भी कैंसर को रोका जा सकता है किसी एक अंग तक ही यह चरण में बढ़ पाता है।

तीसरे चरण में यह कैंसर जनन अंग के साथ ही अन्य अंगों में भी फैल जाता है और अपने आकार में विशाल हो जाता है जिस कारण इसे रोक पाना और इस पर इलाज कर पाना असंभव सा हो जाता है। इजी स्टेप में दर्द होना शुरू होता है और व्यक्ति को महसूस होता है कि उसे कैंसर हो गया है।

चौथे और अंतिम चरण में यह कैंसर शरीर के अधिक तर अंगो में फेल कर शरीर को प्रभावित कर देता है जिस कारण शरीर की उपापचय क्रियाओं को प्रभावित करता है जो प्राण घातक साबित होती है और व्यक्ति का इलाज नहीं हो पाता है।

इस रोग का निदान केवल यही है कि हम इसे समय रहते इसे पहचान कर अपने रोग का इलाज करवाएं तथा इस रोग के प्रति जागरूकता बरतें। क्योंकि जब यह लोग अपने घातक रूप में आ जाता है तो उसे रोक पाना असंभव होता है।

कैंसर जैसी घातक बीमारी के लक्षणों को हमें नजरअंदाज करने की बजाय इन पर जागरूकता बरत कर अपने जीवन को सुरक्षित बनाना चाहिए तथा ऐसे लक्षण नजर आने पर अपना चेकअप करवा कर यह सुनिश्चित करवाने की हम कैंसर से मुक्त हैं या नहीं। 

Essay 3

कैंसर बीमारी बहुत ही तेजी से फैल रही है यह बीमारी व्यक्ति को दर्दनाक मौत देती है कैंसर से मुफ्ती पाना व्यक्ति के लिए बहुत बड़ी चुनौती होती है इसलिए इससे बचाव के लिए हमें सावधानी बरतनी जरूरी है.

हर बीमारी के कुछ कारण होते हैं जिनसे बीमारी फैलती है और कुछ कारणों का ध्यान रखकर हम हमारे जीवन की सुरक्षा सुनिश्चित कर सकते हैं और हमेशा के लिए खुद को एक स्वस्थ जीवन दे सकते हैं.

नीचे कुछ उपाय बताए गए हैं जिससे हम कैंसर जैसी भयानक बीमारी से बचकर हमारे जीवन की सुरक्षा कर सकते हैं

कैंसर के फैलने के कई कारण हैं जिसमें कैंसर प्रदूषण के कारण अत्यधिक नशे के कारण फैलता है इसलिए नशा मुक्ति और प्रदूषण से मुक्ति हमें कैंसर से मुक्ति दिला सकता है.

किसी भी बीमारी का सबसे बड़ा इलाज होता है व्यायाम इसे करके व्यक्ति बीमारियों के जाल से हमेशा के लिए मुक्त हो जाता है। नियमित व्यायाम व्यक्ति के स्वास्थ्य और उसके मानसिक शारीरिक व्यवहार को उत्तम बनाता है।

कैंसर के साथ ही अत्यधिक क्रोध चिड़चिड़ा रहना और शारीरिक रूप से कमजोर लोगों का इलाज व्यायाम है जिसे नियमित रूप से किया जाए तो बीमार की कोई गुंजाइश नहीं रहती है इसलिए व्यायाम जरूरी है.

हमारे जीवन के लिए सबसे महत्वपूर्ण जल होता है यदि हम शुद्ध जल का सेवन करते हैं तो हम कैंसर जैसी अनेक बीमारियों से अपनी सुरक्षा सुनिश्चित कर सकते हैं. जल हमारे शरीर को फिल्टर करने का कार्य करता है जिससे शरीर हमेशा साफ रहता है इसलिए हमें रोजाना 5-6 लीटर जल पीना चाहिए.

संतुलित आहार करने से हमारा शरीर संतुलित रहता है. और कैंसर जैसी बीमारियों से बचाव किया जा सकता है यदि शरीर में किसी भी पोषक तत्व की कमी होती है तो वह रोग का कारण बन जाती है इसलिए संतुलित भोजन एक स्वस्थ जीवन के लिए बहुत ही महत्वपूर्ण माना जाता है। संतुलित आहार में गाय का दूध, हरी सब्जियां, दाल और फल का भोजन में नियमित आवश्यक है. जिस से बेहतर स्वास्थ्य बना रहता है.

हम एक बेहतर जीवनशैली बनाकर ऊपर दिए गए सभी उपायों के माध्यम से बड़ी से बड़ी बीमारी को मात दे सकते हैं लेकिन डॉक्टर की सलाह लेना किसी भी बीमारी का सबसे महत्वपूर्ण इलाज माना जाता है. इसीलिए डॉक्टर के परामर्श जरूर करें।

कैंसर एक ऐसी बीमारी है जो मंद गति से व्यक्ति के शरीर में प्रवेश करती है यह बीमारी चार चरणों मैं पूरी होती है.

प्रथम चरण में यह बीमारी व्यक्ति के शरीर में किसी माध्यम के द्वारा प्रवेश करती है जब भी व्यक्ति के शरीर में प्रवेश करती है तो कुछ समय के लिए एक ही कोशिका में रहती है और अपना विकास करती है. इस समय यदि व्यक्ति को जानकारी मिल जाती है तो सर्जरी के द्वारा इलाज किया जा सकता है।

दूसरे चरण में यह अपने आकार को बड़ा करती है और एक गांठ के रूप में व्यक्ति के किसी भी अंग पर उत्पन्न हो जाती है. सामान्य तौर पर यह व्यक्ति के गले पर होती है लेकिन यह कहीं भी हो सकती है इसकी वृद्धि दूसरा चरण है.

तीसरे चरण में कैंसर उत्तको में फैलने लगता है और शरीर के सभी अंगों में फैल जाता है इस चरण में व्यक्ति को अत्यधिक दर्द होने लगता है. यह कैंसर का सबसे दर्दनाक चरण होता है. इस चरण के कैंसर को माध्यमिक कैंसर कहा जाता है.

कैंसर का चौथा और अंतिम चरण इन गांठ का पिघल जाना होता है. इन बैठकों में उपस्थित द्रव्य जब गांठ से बाहर निकलता है तो व्यक्ति की मृत्यु हो जाती है. कैंसर से व्यक्ति की मौत दर्दनाक मौत होती है.

कैंसर के चरणों का हमारा उद्देश्य यह है कि व्यक्ति प्रथम चरण या दूसरे चरण में हो तो वह अपनी जान बचा सकता है और अपना इलाज कर सकता है. कई लोग कैंसर मात्र होने से ही अपने जीवन को समाप्त कर देते हैं इसलिए शुरुआती चरणों में कैंसर का इलाज किया जा सकता है।

कैंसर के प्रकार

फेफड़ों का कैंसर- फेफड़े का कैंसर मानव शरीर के अंदर होता है और इसे कैंसर के दौरान फेफड़े में गांठ का निर्माण हो जाता है और जांच के दौरान तकलीफ होती है और श्वास के दौरान रक्त आता है तथा तेजी से वजन घटता है.

स्तन कैंसर- यह कैंसर सामान्यतः महिलाओं में होता है इस कैंसर के दौरान स्तन का आकार बड़ा हो जाता है और गांठ का निर्माण हो जाता है लेकिन यह पुरुषों में भी संभव है।

त्वचा कैंसर- यह कैंसर सामान्यतया अधिकतर लोगों में होता है इसका कारण सूर्य से आने वाली पराबैंगनी किरणें और सूर्य का अधिक तापमान इस बीमारी का कारण बनता है। इस बीमारी से त्वचा जलने लगती है। मेलानोमााा त्वचा कैंसर का सबसे खतरनाक रोग है।


प्रोस्टेट कैंसर- यह कैंसर प्रोस्टेट ग्रंथि के कारण होता है प्रोस्टेट कैंसर सामान्यत 50 वर्ष से अधिक आयु के पुरुषों में होता है। यह कैंसर मंद गति से मानव शरीर में प्रवेश करता है। प्रोस्टेट ग्रंथि मानव प्रजनन तंत्र का हिस्सा होती है।

गुर्दा कैंसर- यह कैंसर मानव शरीर के गुर्दे के अंदर की नलिका में होता है यह कैंसर 40 वर्ष से अधिक आयु के लोगों को प्रभावित करता है। यह कैंसर कई बार छोटे बच्चों को भी हो जाता है और यह बच्चों को अत्यधिक पीड़ा देता है।

मूत्राशय में कैंसर- यह कैंसर मूत्राशय में होता है जिस कारण यह मूत्राशय में समस्याएं पैदा करता है जिसमें पेशाब के साथ रक्त का बहना और मूत्र निर्माण में होना आदि प्रमुख समस्याएं हैं।

कैंसर रोग के प्रति लोगो को जागरूक बनाने और लोगो की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए हर साल 4 फरवरी को विश्व कैंसर दिवस मनाया जाता है. इसका उद्देश्य कैंसर के बारे में जानकरी देना होता है.

इस दिवस पर सभी को कैंसर जैसी जानलेवा बीमारी से सतर्क किया जाता है. हर साल इस दिन बड़े बड़े कार्यक्रमों का आयोजन किया जाता है. और लोगो में जागरूकता का संचार किया जाता है.

हम सभी को मिलकर इस बड़ी बिमारी से मुक्ति पानी होगी. इसके लिए हमें नशामुक्ति अभियान और अन्य अभियान चलाकर न केवल कैंसर ही नहीं बल्कि सभी रोगों से लोगो को मुक्त कराना है. यह हमारा कर्तव्य है.

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